पिता किसान, बेटी ने पाया ये पोस्ट… गांव की इस ‘शेरनी’ की कहानी हर लड़की के लिए बन गई मिसाल!

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Khandwa News: खंडवा जिले के छोटे से गांव कोटवाड़ा की शिवानी तवर ने कड़ी मेहनत से एमपी पुलिस में सफलता हासिल की. बड़ी बहन से प्रेरणा लेकर उसने दो साल तक परीक्षा की तैयारी की और शानदार प्रदर्शन किया. उसकी सफलता स…और पढ़ें
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4 साल की तैयारी के बाद शिवानी का सिलेक्शन हुआ पूरे गांव में खुशी का माहौल है
हाइलाइट्स
- शिवानी तवर का एमपी पुलिस में चयन हुआ.
- बड़ी बहन की वर्दी देखकर पुलिस में जाने का जुनून आया.
- गांव और परिवार में खुशी का माहौल है.
खंडवा. खंडवा जिले के छोटे से गांव कोटवाड़ा की बेटी शिवानी तवर ने चार साल की कड़ी मेहनत के बाद एमपी पुलिस में अपना स्थान पक्का किया है. बड़ी बहन की वर्दी देखकर शिवानी के मन में पुलिस में जाने का जुनून पैदा हुआ था. उसने खुद को चैलेंज किया कि वह भी पुलिस अफसर बनेगी और आज उसकी यह मेहनत रंग लाई है. सफलता मिलने के बाद पूरे गांव और परिवार में खुशी का माहौल है.
शिवानी ने बताया कि उसने एमपी पुलिस की परीक्षा 2024 में दी थी. इसकी तैयारी उसने दो साल पहले से ही शुरू कर दी थी. फिजिकल टेस्ट में डेढ़ साल का समय लगा, जो नवंबर 2024 में हुआ था. शिवानी ने फिजिकल टेस्ट में 75% अंक हासिल किए. इसके बाद रिटर्न एग्जाम में उसने 80% अंक प्राप्त किए, जिससे उसका चयन एमपी पुलिस में हो गया.
बड़ी बहन से मिली प्रेरणा
शिवानी को इस सफलता की प्रेरणा उसकी बड़ी बहन नंदिनी तवर से मिली, जो पहले से ही जीआरपी थाना खंडवा में कार्यरत हैं. बहन की वर्दी देखकर शिवानी के मन में भी पुलिस में जाने का सपना जागा. उसने नंदिनी से मार्गदर्शन लिया और कड़ी मेहनत की. परीक्षा की तैयारी के दौरान शिवानी ने रोजाना घंटों अभ्यास किया और फिजिकल टेस्ट के लिए भी खुद को पूरी तरह तैयार किया.
गांव में खुशी का माहौल
अब जब शिवानी ने अपना सपना पूरा कर लिया है, तो उसके परिवार के साथ पूरे गांव में खुशी की लहर है. गांव वालों ने शिवानी का सम्मान किया और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. शिवानी ने कहा कि अब वह समाज की सेवा करेगी और लोगों की सुरक्षा के लिए पूरी ईमानदारी से काम करेगी. उसकी इस सफलता से गांव की अन्य बेटियों को भी प्रेरणा मिलेगी.
शिवानी के पिता किसान हैं
शिवानी के पिता किसान हैं और उन्होंने अपनी बेटी को सपनों को पूरा करने के लिए हरसंभव सहयोग दिया. शिवानी की सफलता से परिवार का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है और अब वह अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाने के लिए तैयार है.
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