Pesticides in moong crop pose threat to human health | मूंग की फसल में कीटनाशकों से मानव स्वास्थ्य को खतरा: किसान कल्याण विभाग ने दी सलाह; कहा- खेती में रासायनिक दवाओं का इस्तेमाल कम करें – Sehore News

‘कीटनाशकों का प्रयोग जरूरत के हिसाब से किया जाना चाहिए’
किसान कल्याण एवं कृषि विभाग ने किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में कीटनाशक और नींदानाशक के उपयोग को सीमित करने की सलाह दी है। विभाग के अनुसार रासायनिक दवाओं का ज्यादा प्रयोग मानव स्वास्थ्य, मिट्टी, जल और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है।
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विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि किसान फसल को जल्दी पकाने के लिए निंदानाशक पेराक्वाट डायक्लोराइड का इस्तेमाल करते हैं वो काफी हानिकारक है। ये दवा लंबे समय तक मूंग में मौजूद रहती है और मनुष्यों के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी खतरनाक है।
राज्य सरकार जैविक खेती को दे रही बढ़ावा कृषि विशेषज्ञों, पर्यावरणविदों और कृषि सुधार संगठनों के अनुसंधान में ये बात सामने आई है कि मूंग की फसल में कीटनाशकों का प्रयोग सिर्फ जरूरत के हिसाब से ही किया जाना चाहिए। राज्य सरकार जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है और किसानों को इसका प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
प्राकृतिक रूप से समय पर पक सके मूंग सीहोर समेत कई जिलों में मूंग की खेती किसानों के लिए तीसरी फसल का बेहतर विकल्प बन गई है। हालांकि मूंग की पैदावार से प्रदेश के किसानों की आय में वृद्धि हुई है, लेकिन किसानों को सलाह दी गई है कि वे ऐसा फसल चक्र अपनाएं जिससे मूंग प्राकृतिक रूप से समय पर पक सके।
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