Chahal Dhanashree Divorce: युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा का तलाक कैसे हुआ इतना जल्दी? 18 महीने की जुदाई और 45 मिनट की काउंसलिंग के बाद खत्म हुआ रिश्ता – How did Yuzvendra Chahal and Dhanashree Verma’s divorce happen so fast? Know the full story

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Yuzvendra Chahal Dhanashree Verma Divorce Case: युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा का तलाक कैसे हुआ इतना जल्दी? 18 महीने की जुदाई और 45 मिनट की काउंसलिंग के बाद खत्म हुआ रिश्ता. पढ़ लें पूरी कहानी…
युजवेंद्र चहल से धनश्री वर्मा का गुरुवार आपसी सहमति (म्यूचुअल डिवोर्स) से तलाक हो गया है.
हाइलाइट्स
- चहल से धनश्री वर्मा का गुरुवार आपसी सहमति (म्यूचुअल डिवोर्स) से तलाक हो गया
- म्यूचुअल डिवोर्स हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 की धारा 13B के तहत मान्य है
- दोनों पक्षों को यह साबित करना होता है कि वे अब साथ नहीं रह सकते
नई दिल्ली. युजवेंद्र चहल से धनश्री वर्मा का गुरुवार आपसी सहमति (म्यूचुअल डिवोर्स) से तलाक हो गया है. म्यूचल डिवोर्स एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें पति और पत्नी दोनों इस बात पर सहमत होते हैं कि वे अपनी शादी को खत्म करना चाहते हैं. म्यूचुअल डिवोर्स देश में हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 की धारा 13B के तहत मान्य है. इसमें दोनों पक्षों को यह साबित करना होता है कि वे अब साथ नहीं रह सकते और उनकी शादी पूरी तरह टूट चुकी है. आमतौर पर इसमें किसी एक पक्ष को दोषी ठहराने की जरूरत नहीं होती, बल्कि यह रिश्ते को खत्म करने का एक शांतिपूर्ण और सहमति-आधारित तरीका है.
धनश्री और चहल के बीच म्यूचुअल डिवोर्स:
भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और कोरियोग्राफर धनश्री वर्मा के मामले में दोनों ने फरवरी 2025 में मुंबई के बांद्रा फैमिली कोर्ट में आपसी सहमति से तलाक के लिए अर्जी दी थी. खबरों के मुताबिक, उनकी शादी में कई दिक्कतें थीं, जैसे बार-बार झगड़े और आपसी समझ की कमी, जिसके चलते वे 18 महीने से अलग रह रहे थे. कोर्ट ने उन्हें काउंसलिंग सेशन के लिए कहा, जो लगभग 45 मिनट तक चली, लेकिन दोनों ने स्पष्ट किया कि वे तलाक चाहते हैं. इसके बाद जज ने उनकी सहमति को मान्य करते हुए तलाक को मंजूरी दे दी.
म्यूचुअल डिवोर्स की प्रक्रिया:
संयुक्त अर्जी दाखिल करना: दोनों पक्ष कोर्ट में एक संयुक्त याचिका दायर करते हैं, जिसमें वे कहते हैं कि वे अब साथ नहीं रह सकते और तलाक चाहते हैं.
– कूलिंग-ऑफ पीरियड: आमतौर पर 6 महीने का कूलिंग-ऑफ पीरियड होता है, ताकि दोनों को सोचने का समय मिले. हालांकि, चहल और धनश्री के केस में बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस अवधि को माफ कर दिया था, क्योंकि दोनों पहले से ही 18 महीने से अलग रह रहे थे.
– काउंसलिंग: कोर्ट कभी-कभी काउंसलिंग का आदेश देता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि फैसला सोच-समझकर लिया गया है.
– अंतिम सुनवाई: सहमति की पुष्टि के बाद कोर्ट तलाक का फैसला सुनाता है. चहल और धनश्री का तलाक 20 फरवरी 2025 को फाइनल हुआ था.
धनश्री और चहल के तलाक की बड़ी बातें
– एलिमनी (गुजारा भत्ता): चहल और धनश्री के मामले में चहल ने धनश्री को 4.75 करोड़ रुपये देने का वादा किया था, जिसमें से 2.37 करोड़ रुपये दिए जा चुके थे. पहले 60 करोड़ की अफवाहें थीं, जिन्हें धनश्री के परिवार ने खारिज कर दिया.
– सहमति: इसमें कोई कानूनी विवाद या आरोप-प्रत्यारोप नहीं होता, जैसा कि कंटेस्टेड डिवोर्स में होता है। दोनों पक्ष शांति से अलग होने का फैसला करते हैं.
इस तरह, चहल और धनश्री का तलाक म्यूचुअल डिवोर्स का एक उदाहरण है, जिसमें दोनों ने अपनी मर्जी से शादी खत्म की और कानूनी प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने के लिए कोर्ट से विशेष अनुमति भी ली.
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