छतरपुर जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक डॉक्टर पर शराब के नशे में गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगा है। बीमार बच्ची के माता-पिता अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने में घंटों बैठे रहे, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत नहीं ली।
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बच्ची के इलाज में लापरवाही का आरोप
चंद्रपुरा गांव के निवासी गांठे आदिवासी ने बताया कि उनकी 9 वर्षीय बेटी नताशा आदिवासी के पैर में चोट लगी थी। पहले उन्होंने शहर के एक नामी चिकित्सक से इलाज कराया, लेकिन घाव ठीक नहीं हुआ। इसके बाद पड़ोस में रहने वाले डॉ. पान सिंह यादव से इलाज कराया। गांठे आदिवासी का आरोप है कि उन्होंने इलाज के लिए डॉक्टर को 10 हजार रुपये दिए, लेकिन डॉक्टर ने शराब के नशे में गलत इंजेक्शन लगा दिया, जिससे उनकी बेटी के पूरे शरीर में इन्फेक्शन फैल गया।
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डॉक्टर का बचाव
इस मामले में डॉ. पान सिंह यादव ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वे जन स्वास्थ्य संरक्षक के पद पर पन्ना जिले के अजयगढ़ क्षेत्र के ग्राम पलराहा में पदस्थ हैं। उन्होंने बच्ची के माता-पिता के कहने पर ही उसका इलाज किया था और इसके बदले सिर्फ 2 हजार रुपये लिए थे। डॉ. यादव का कहना है कि बाद में किसी कारणवश उन्होंने इलाज बंद कर दिया, जिससे इंफेक्शन फैल गया।
इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. आरपी गुप्ता ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। वहीं, सिविल लाइन थाना प्रभारी बाल्मिक चौबे का कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं थी, लेकिन अब शिकायत दर्ज कर जांच की जाएगी।