जुनून ऐसा होना चाहिए! 10 हजार का लोन लिया, फिर घर बैठे शुरू किया ये बिजनेस…अब इनकम हजारों में

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Success story: कलसर गांव की बरैया देवूबेन ने 10,000 रुपये के लोन से कटलरी व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम की. कृष्णा महिला मंडल की सदस्य देवूबेन की यह सफलता कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही है.
सक्सेस स्टोरी
आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर रही हैं. वे सिर्फ घर तक सीमित नहीं रहना चाहतीं, बल्कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए नए-नए व्यवसायों में कदम रख रही हैं. कुछ महिलाएं सिलाई, कढ़ाई और कटलरी जैसे व्यवसायों में आगे बढ़ रही हैं, तो कुछ खेती में नई तकनीकों का उपयोग करके अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. यह बदलाव न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत कर रहा है.
कृष्णा महिला मंडल का योगदान
भावनगर जिले के महुवा तालुका के कलसर गांव में कृष्णा महिला मंडल सक्रिय रूप से काम कर रहा है. इस मंडल का संचालन 10 बहनों द्वारा किया जा रहा है, जो विभिन्न छोटे व्यवसायों के जरिए आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं. इन महिलाओं का मुख्य उद्देश्य स्वरोजगार को बढ़ावा देना और अपने परिवारों को आर्थिक मजबूती देना है.
बरैया देवूबेन की सफलता की कहानी
बरैया देवूबेन, जो पिछले पांच वर्षों से कृष्णा महिला मंडल से जुड़ी हुई हैं, उनकी सफलता की कहानी कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है. उन्होंने मात्र 10,000 रुपये के लोन से कटलरी का व्यवसाय शुरू किया था. शुरुआत में यह एक छोटे स्तर का काम था, लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने इसे एक सफल व्यापार में बदल दिया. आज उनके पास कलसर में खुद की दुकान है, जहां वे विभिन्न प्रकार की कटलरी वस्तुएं बेचती हैं.
छोटे स्तर से बड़ी सफलता तक
देवूबेन न केवल दुकान से अच्छी आमदनी कमा रही हैं, बल्कि वे कई आयोजनों में स्टॉल लगाकर भी अपनी कमाई बढ़ा रही हैं. इससे उनके परिवार को आर्थिक सहारा मिला है, और वे खुद को आत्मनिर्भर महसूस करती हैं. घर से व्यवसाय चलाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि उन्हें अपने परिवार और बच्चों की देखभाल के लिए भी पर्याप्त समय मिल जाता है.
घर से काम करने के फायदे
घर से व्यवसाय करने के कई लाभ होते हैं. सबसे पहला यह कि महिलाओं को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे वे अपने परिवार का भी पूरा ध्यान रख सकती हैं. दूसरा, वे अपनी सुविधानुसार काम कर सकती हैं और आर्थिक रूप से मजबूत हो सकती हैं. बरैया देवूबेन जैसी महिलाएं इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं कि अगर मेहनत और लगन हो, तो कम संसाधनों से भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है.
March 18, 2025, 14:44 IST
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