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सऊदी अरब में नजर आया चांद, लेकिन भारत में कब होगी ईद? तैयारियां हैं जोरों पर

नई दिल्ली. दिल्ली सहित देशभर में ईद की तैयारियां जोरों पर है लेकिन मुख्य तौर पर यह सवाल अहम है कि आखिर ईद किस दिन होगी? आमतौर पर सऊदी अरब में 1 दिन पहले रमजान शुरू होता है और ईद भी 1 दिन पहले मनाई जाती है. अगर इस आधार पर देखा जाए तो शनिवार के दिन ईद मनाई जाने की देशभर में संभावना है क्योंकि सऊदी अरब में ईद का चांद देखा गया है और वहां पर जुम्मे के दिन ईद मनाई जाएगी. हालांकि जिस तरह की खबरें इससे पहले सऊदी अरब से आ रही थीं और बताया जा रहा था कि सऊदी अरब में भी इस बार 22 अप्रैल यानी शनिवार के दिन ईद हो सकती है. एस्ट्रोनॉमी के एक्सपर्ट की ओर से बताया गया था सऊदी अरब में शनिवार के रोज ईद मनाई जा सकती है. वहीं दूसरी ओर भारत में भी ईद शनिवार या फिर रविवार को मनाई जाएगी. इस बार बड़ी संभावना है 29 तारीख यानी जुम्मे के दिन ईद का चांद नजर आएगा और शनिवार के दिन की देशभर में ईद मनाई जाएगी.

ईद के दिन क्या करें, कैसे मनाएं ईद ? 
रमजान के रोजे रखने के बाद अल्लाह की ओर से ईद की खुशियां इनाम के तौर पर दी गई है. यही कारण है ईद के दिन रोजा रखना हराम है. ईद के दिन खुशी मनाने और खुशियां बांटने का हुक्म दिया गया है. यही कारण है कि ईद की नमाज से पहले हर मुसलमान को आदेश दिया गया है कि वह गरीबों में सदक़ा तुल फितर बांटते ताके सभी लोग ईद की खुशी में शामिल हो सके. ईद की खुशियां सभी के साथ बांटने का आदेश दिया गया है. तमाम दोस्तों, रिश्तेदार, मोहल्ले वालों और देशवासियों को घर बुला सकते हैं. उनके घर पर जा सकते हैं. एक- दूसरे को ईद की मुबारकबाद देने के लिए कहा गया है.

ईद की नमाज कैसे और कहां अदा करें
ईद की नमाज ईदगाह में यानी के अपने मोहल्ले और शहर से बाहर जाकर अदा करने का आदेश है. ऐसा करना हजरत मोहम्मद का तरीका और सुन्नत है, अगर यह संभव ना हो तो शहर या गांव की जामा मस्जिद में या फिर मोहल्ले की जामा मस्जिद में ईद की नमाज अदा करनी चाहिए. एक रास्ते से ईद की नमाज अदा करने के लिए जाएं और दूसरे रास्ते से वापस आए.

मजीदिया मस्जिद मोती लाल नेहरू मार्ग के इमाम मोहम्मद अरशद नदवी ने बताया कि अल्लाह के रसूल की हदीस है 29 रमजान को चांद देखने का प्रयास करें. मगरिब की नमाज के बाद छत पर जाएं या किसी ऊंची जगह पर जाकर पश्चिम के जाने जहां पर चांद नजर आता है, सूरज डूबता है वहां पर चांद को देखें. चांद के देखे जाने का फैसला रोयत हिलाल कमेटी करती है. अगर किसी को चांद नजर आता है तो उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वह कमेटी को बताएं उससे भी ज्यादा जरूरी चीज है अपने क्षेत्र के जिम्मेदारों को बताएं. चांद देखे जाने के लिए जरूरी है कि दो पुरुष या फिर एक पुरुष और दो महिलाएं चांद देखे जाने के बारे में गवाही दे. जो गवाही दे उसके लिए जरूरी है कि वह जिम्मेदार आदमी हो ईमानदार हो. चांद देखे जाने के बाद दुआ पढ़ी जाती है. अल्लाह इस चांद को अमन और शांति का जरिया बना दे, चांद देखे जाने के बाद रोजा नहीं रखा जा सकता. ईद के दिन रोजा रखना हराम है.

भारत में कल जुम्मे के दिन चांद देखने का करें प्रयास
रमजान या फिर ईद को लेकर फैसला चांद की तारीख से होता है 29 रमजान को चांद देखे जाने का प्रयास करने का आदेश हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ओर से दिया गया है. भारत में कल जुम्मे के दिन चांद देखने का प्रयास करने के लिए रूयत हिलाल कमेटी की ओर से अपील भी जारी की गई है.

दिल्ली में कई रूयत हिलाल कमेटी चांद को लेकर लेती है फैसला
दिल्ली में प्रमुख तौर पर तीन रूयत हिलाल कमेटीयां है जामा मस्जिद रुयत हिलाल कमेटी जिसके अध्यक्ष शाही इमाम अहमद बुखारी हैं. पूरे देश में संपर्क कर चांद का फैसला करते हैं. इसी तरीके से जमीयत उलेमा ए हिंद की भी इमारत शरिया हिंद की रोयत हिलाल कमेटी है यह कमेटी भी अपने संपर्क कर चांद को लेकर फैसला करती है. तीसरी प्रमुख कमेटी शाही इमाम मस्जिद फतेहपुरी मुफ्ती मुकर्रम की अध्यक्षता में चांद को लेकर फैसला लेती है.

Tags: Eid festival, Ramadan, Saudi arabia


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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