Story of two girl students who topped in 12th | एक की मां स्कूल बस कंडक्टर, तो दूसरी के पिता आटो चालक, CM ने दी स्कूटी तो कर दी माता-पिता को गिफ्ट

जबलपुर18 मिनट पहले
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23 अगस्त 2023 उन छात्रा-छात्राओं के लिए बेहद खास था। जिन्होंने कि मन लगाकर पढ़ाई की और शानदार नंबरों से पास हुए। मध्यप्रदेश सरकार ने इन छात्र-छात्राओं को गिफ्ट स्वरूप स्कूटी दी। जैसे ही छात्रों के हाथों में स्कूटी की चाबी दी गई, वैसे ही उनके चेहरे खिल उठे। छात्रों ने सीएम शिवराज मामा को थैंक्स भी कहा। जबलपुर में 177 स्कूली छात्र-छात्राओं को उनकी मनपसंद स्कूटी दी गई। मॉडल हाई स्कूल में शिक्षा विभाग ने छात्र छात्राओं को स्कूटी वितरण करने का कार्यक्रम रखा। जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से आए स्कूली छात्र- छात्राएं स्कूटी पाकर बहुत खुश थे। इसमें से कुछ बच्चे तो ऐसे थे जिन्हें की स्कूटी चलाना नहीं आता था ऐसे में उनके परिजन ही स्कूटी का हैंडल थामे और गाड़ी घर ले गए। कुछ ने तो मॉडल हाई स्कूल के मैदान में ही अपने बच्चों को स्कूटी सिखाना शुरू कर दिया।

स्कूटी मिलने के बाद अपनी बेटी को सिखाते हुए पिता
आज जिन 177 छात्र-छात्राओं को मध्य प्रदेश सरकार ने मेरिट में आने पर स्कूटी दी है उसमें से कुछ परिवार तो ऐसे भी थे जिनकी इतनी हैसियत ही नहीं थी कि वह अपने बच्चों के लिए स्कूटी खरीद सकें। मॉडल हाई स्कूल में स्कूटी वितरण के बाद दैनिक भास्कर की टीम ने उन छात्राओं से बात करने की कोशिश की जिन्होंने की साल भर मेहनत करते हुए ना सिर्फ मेरिट लिस्ट में जगह बनाई बल्कि अपने माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
जबलपुर के बजरंग नगर में रहने वाली छात्रा पवित्रा नामदेव के पिता की एक छोटी सी टेलरिंग की दुकान है। मां एक निजी स्कूल में बस कंडक्टर है। मां का सपना रहा है कि उसकी बच्ची पढ़-लिखकर मां बाप का नाम रोशन करें। हर सपने को साकार करें। छात्रा पवित्रा ने भी दिन रात एक कर दी और 12वीं क्लास में 90 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किए। पवित्रा के मेरिट लिस्ट में आने के बाद जैसे ही शिक्षा विभाग ने स्कूटी की चाबी सौंपी तो परिवार की आंखें भर आई। छात्रा ने बताया कि माता- पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह लोग मेरे लिए स्कूटी खरीद सकें। 12वीं पास करने के बाद कॉलेज जाना था। यह सपना ही लग रहा था कि कभी खुद की स्कूटी होगी। पर इस सपने को साकार किया मध्यप्रदेश सरकार ने जिन्होंने की होनहार छात्र- छात्राओं को स्कूटी गिफ्ट स्वरूप दी है।

छोटे भाई को मिली स्कूटी तो बड़े भाई ने भी चलाई
एमएलबी स्कूल में 12वीं बायोसाइंस लेकर पढ़ रही पवित्रा नामदेव के 90 प्रतिशत अंक आए है। बायोलॉजी में उसे 100 में से 99 नंबर मिले हैं। दैनिक भास्कर से बात करते हुए पवित्रा ने बताया कि आज मेरे माता पिता दोनों ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मेरे माता-पिता मुझे गाड़ी नहीं ले पाते तो दुख भी जरूर होता क्योंकि घर से कॉलेज दूर है ऐसे में बस या ऑटो से ही जाना पड़ता। छात्रा ने कहा कि भले ही सरकार ने यह गाड़ी मेरे नाम पर की हो लेकिन इस गाड़ी में मेरे माता-पिता का बराबर हक है क्योंकि उन्होंने मेरी पढ़ाई के लिए हर समय मेरा साथ दिया था। पवित्रा का कहना है कि अब मैं एमपीपीएससी की तैयारी करूंगी और मुझे तहसीलदार बनाना है।

स्कूटी को देखने के लिए छोटे बच्चे भी पहुंच गए मॉडल स्कूल
पवित्रा की उपलब्धि पर उसके माता-पिता भी बहुत खुश हैं। छात्रा की मां संध्या नामदेव ने बताया कि आज का दिन मेरे लिए जीवन का सबसे अच्छा दिन है क्योंकि आज मेरी बेटी के पास ना सिर्फ उसके खुद के नाम की गाड़ी है बल्कि आज पूरे प्रदेश में मेरी बेटी का नाम भी हो रहा है। संध्या ने बताया कि वह एक निजी स्कूल में बस कंडक्टर है जबकि उनके पति की एक छोटी सी टेलरिंग की दुकान है। इनकम इतनी नहीं थी कि बच्ची को गाड़ी खरीद सके। पर उसकी मेहनत रंग लाई और उसे मध्यप्रदेश सरकार ने गिफ्ट स्वरूप स्कूटी दी है। यह दिन मैं हमेशा याद रखूंगी। पवित्रा की मां ने सभी बच्चों से अपील की है कि वह मन लगाकर पढ़ाई करें और अपने माता-पिता का नाम रोशन करें। क्योंकि मेहनत एक दिन रंग लाती है, जैसे कि आज पवित्रा की मेहनत से उसे स्कूटी मिली है।

बैटरी वाली स्कूटी की याद आती छात्रों में डिमांड
एमएलबी स्कूल में पढ़ने वाली पवित्रा नामदेव के अलावा अधारताल सीएम राइज स्कूल की छात्रा आरजू मकरारी को भी मेरिट लिस्ट में जगह बनाने पर मध्यप्रदेश सरकार ने स्कूटी दी है। छात्रा ने आर्ट्स विषय से पढ़ाई करते हुए 12वीं क्लास में 87 % अंक लाए हैं। छात्रा के पिता मोहम्मद रईस ऑटो चालक हैं जबकि मां ग्रहणी हैं। इसके अलावा दो भाई हैं जो कि प्राइवेट जॉब किया करते हैं। आरजू मकरारी परिवार में ऐसी अकेली लड़की है जिसने कि 12वीं क्लास में इतने अच्छे अंक लाए हैं। छात्रा का कहना है कि कभी सपने में नहीं सोचा था कि मेरे नाम पर कोई गाड़ी भी होगी लेकिन शिवराज मामा ने जो गिफ्ट दिया है उसे मैं जिंदगी भर नहीं भूलूंगी। छात्र ने बताया कि उनके पिता ऑटो चालक हैं और इतनी कमाई नहीं होती थी कि वह एक गाड़ी खरीद कर दे सकें हालांकि पिताजी मोहम्मद रईस का कहना था कि तुम अच्छे से पढ़ाई करो मैं किसी भी तरह से तुम्हें एक दिन गाड़ी जरूर खरीद कर दूंगा। लेकिन आज सीएम मामा ने मुझे गाड़ी गिफ्ट दी है।

स्कूटी पाकर छात्रों के साथ परिवार वाली भी हुए खुश
छात्रा आरजू मकरारी के पिता मोहम्मद रईस अपनी बेटी के हाथों में स्कूटी देखकर बहुत खुश हैं। दैनिक भास्कर को उन्होंने बताया कि वह ऑटो चलाते हैं और बमुश्किल ही घर चल पाता है। हालांकि दो बेटे है लेकिन वह भी प्राइवेट जॉब करते हैं। जैसे- तैसे परिवार चल रहा है। मैं हमेशा सोचता था कि कैसे अपनी बेटी को गाड़ी खरीद कर दूंगा। आज का दिन मेरे लिए बहुत ही अच्छा है।
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