अजब गजब

हार्वर्ड के वैज्ञानिकों का दावा- ढूंढ लिया है ‘बुढ़ापे को जवानी में बदलने’ का रासायनिक मिश्रण, चूहे और बंदर पर सफल रहा प्रयोग

न्यूयॉर्क: बुढ़ापा एक ऐसी अवस्था है जो कोई नहीं पाना चाहता है. बूढ़ा होने को लेकर मानव के ऊपर ययाति की कहानी सटीक बैठती है. ययाति राजा पुरु के पिता थे. पुरु जिनका वंश आगे जाकर भीष्म तक पहुंचा था. ययाति को राजा शुक्र ने बूढ़ा होने का श्राप दे दिया था. लेकिन 100 वर्ष का हो जाने के बाद भी वह यमराज के साथ जाने को राजी नहीं हुए थे. उनके सामने यमराज ने एक शर्त रखी की अगर वह अपने किसी पुत्र की जवानी ले लेते हैं, तो वह फिर से जवान हो सकते हैं. ययाति के सभी बेटों ने ऐसा करने से मना कर दिया, तब उनके छोटे बेटे पुरु ने अपनी जवानी उन्हें दान कर दी थी.

कहानी की हकीकत भले ही जो भी हो, लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि हम हमेशा जवान बने रहना चाहते हैं. यही वजह है कि बालों को रंगने से लेकर बोटोक्स तक, और नवीन तकनीक में ऑक्सीजन थेरेपी तक सभी कुछ जवान बनने की चाहत को बरकरार रखने का तरीका है. अब इसी चाहत को ध्यान में रखते हुए हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक दवा की कॉकटेल (मिश्रण) खोजी है, जिसे एक गोली में मिलाया जा सकता है, जो उम्र को रिवर्स यानी उलट सकती है. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट इसी बात पर रोशनी डालती है. Aging नाम के जर्नल में 12 जुलाई को ‘सेलुलर उम्र बढ़ने को उलटने के लिए रासायनिक रूप से प्रेरित रिप्रोग्रामिंग’ शीर्षक से एक स्टडी प्रकाशित हुई थी.

शोधकर्ताओं की टीम ने ऐसे छह रसायनों के मिश्रण की खोज की है
इसका मतलब है कि रसायनिक रिप्रोग्रामिंग के जरिए कोशिकात्मक बुढ़ापे को उलटा करने के बारे में ही अध्ययन किया है. शोधकर्ताओं की टीम ने ऐसे छह रसायनों के मिश्रण की खोज की है जो इंसानों और चूहों की त्वचा की कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कई साल पीछे ले जा सकते हैं. हार्वर्ड के शोधकर्ता डेविड सिंक्लेयर ने ट्विटर थ्रेड में भी इस पर लिखा कि ‘पहले हम देख चुके हैं कि किस तरह जीन थेरेपी का इस्तेमाल करके उम्र को उलटना संभव है, जिसमें एम्ब्रियोनिक जीन (भ्रूण के जीन) काम करने लगते हैं. अब हमने पाया है कि यह प्रक्रिया रसायनिक कॉकटेल के साथ भी संभव है, जो पूरे शरीर को फिर से जवान करने की ओर एक कदम है, खास बात यह है कि यह प्रक्रिया बहुत मंहगी नहीं होगी.’

चूहों और बंदरों पर मिश्रण के ट्रायल में उनकी उम्र कम होती दिखी
गौर करने लायक बात यह है कि हर रसायनिक मिश्रण में 5 से 7 एजेंट्स होते हैं, जो शारीरिक और मानसिक विकारों का उपचार करने के लिए जाने जाते हैं. सिंक्लेयर ने बताया कि हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में उन्हें और उनकी टीम ने 3 साल से ज्यादा वक्त लगाकर ऐसे मोलेक्युल्स खोजने का काम किया है, जो कोशिकात्मक बुढ़ापे को उलटा सकते हैं और मानव कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर सकते हैं. अपने ट्वीट में सिंक्लेयर ने लिखा, ‘ऑप्टिक नर्व, ब्रेन टिश्यू, गुर्दा और मांसपेशियों पर किए गए अध्ययनों के नतीजे उम्मीद जगाते हैं. चूहों पर प्रयोग में उनकी उम्र कम होती देखी गई और इस साल अप्रैल में बंदरों में भी सुधार देखा गया. जहां तक इंसानों की बात है, तो उनकी उम्र को रिवर्स करने की जीन थेरेपी के पहले ट्रायल की तैयारियां जारी हैं और अगले साल के अंत तक इसके शुरू होने की संभावना है.’

Tags: Research, Science


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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