भूमि सीमांकन के नाम पर 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी, लोकायुक्त ने किया था ट्रेप | A bribe of 15 thousand rupees was sought in the name of land demarcation, the Lokayukta did the trap

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एक घंटा पहले
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भूमि सीमांकन के नाम पर 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगने वाले राजस्व निरीक्षक को लोकायुक्त से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में विशेष न्यायालय उज्जैन ने चार वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल 20 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
फरियादी दिलीप सिंह चावड़ा ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में शिकायत दर्ज कराई थी कि ग्राम रुदाहेड़ा में उसकी पत्नी दीपिका एवं मां प्रेम बाई के नाम की भूमि के सीमांकन हेतु राजस्व निरीक्षक प्रदीप गुप्ता द्वारा उससे 15000 रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही है। वह रिश्वत नहीं देना चाहता बल्कि उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़वाना चाहता है। शिकायत की तस्दीक वॉइस रिकॉर्डर के माध्यम से कराए जाने पर आरोपी प्रदीप गुप्ता द्वारा 15000 रुपए रिश्वत की स्पष्ट मांग की जाना पाया गया। आरोपी द्वारा रिश्वत की पहली किस्त के रूप में ₹5000 लेकर आवेदक को अगले दिन आने के लिए कहा था। जिसके बाद निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव द्वारा ट्रैप कार्यवाही आयोजित कर, आरोपी प्रदीप गुप्ता को दिनांक 18.05.2017 को इंदिरा नगर उज्जैन स्थित उसके आवास से रिश्वत के 5000 रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया गया था ।
कोर्ट ने 4 वर्ष की सजा सुनाई
विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर लोकायुक्त संगठन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें माननीय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम उज्जैन द्वारा आरोपी को 4 वर्ष की सजा और 20 हजार रुपए का अर्थदंड देकर भैरूगढ़ जेल भेज दिया गया। लोकायुक्त संगठन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पाठक डी.पी.ओ. द्वारा प्रकरण में अभियोजन का संचालन किया गया।
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