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ये कैसा जलवायु सम्मेलन… हाईवे बनाने के लिए अमेज़न के हजारों एकड़ जंगल का कर दिया सफाया, ऐसे बचेगा पर्यावरण?

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Amazon Forest News: COP30 जलवायु सम्मेलन के लिए ब्राज़ील के बेलें में अमेज़न वर्षावन को काटकर चार-लेन हाईवे बनाई जा रही है. राज्य सरकार इसे “सतत” विकास कह रही है, लेकिन पर्यावरणविद नाराज हैं.

सड़क बनाने के लिए अमेजन के जंगल काटे जा रहे हैं. (बीबीसी)

हाइलाइट्स

  • COP30 सम्मेलन के लिए अमेज़न वर्षावन काटकर हाईवे बनाई जा रही है.
  • राज्य सरकार इसे “सतत” विकास कह रही है, पर्यावरणविद नाराज हैं.
  • स्थानीय लोग और वैज्ञानिक वनों की कटाई से चिंतित हैं.

नई दिल्ली. ब्राज़ील के शहर बेलें में होने वाले COP30 जलवायु सम्मेलन के लिए हजारों एकड़ संरक्षित अमेज़न वर्षावन को काटकर एक नई चार-लेन हाईवे बनाई जा रही है. इसका मकसद शहर में ट्रैफिक को आसान बनाना है, जहां नवंबर में होने वाले इस सम्मेलन में 50,000 से अधिक लोग – जिनमें विश्व नेता भी शामिल हैं – भाग लेंगे.

राज्य सरकार इस हाईवे को “सतत” विकास का उदाहरण बता रही है, लेकिन कुछ स्थानीय लोग और पर्यावरणविद इसके पर्यावरणीय प्रभाव से नाराज हैं. अमेज़न दुनिया के लिए कार्बन को अवशोषित करने और जैव विविधता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और कई लोग कहते हैं कि यह वनों की कटाई जलवायु सम्मेलन के उद्देश्य के विपरीत है.

आंशिक रूप से बनी सड़क के किनारे, हरे-भरे वर्षावन दोनों ओर ऊंचे खड़े हैं – यह याद दिलाते हुए कि यहां पहले क्या था. साफ की गई जमीन पर लकड़ियों के ढेर लगे हैं, जो वर्षावन से होकर बेलें तक 13 किलोमीटर (8 मील) से अधिक फैली हुई है. खुदाई करने वाली मशीनें और अन्य उपकरण जंगल की जमीन को काटते हुए, वेटलैंड को पाटकर सड़क बना रहे हैं, जो एक संरक्षित क्षेत्र से होकर गुजरेगी.

क्लॉडियो वेरेक्वेटे उस जगह से लगभग 200 मीटर दूर रहते हैं जहां सड़क बनेगी. वे पहले उन पेड़ों से açaí बेरी की फसल काटकर अपनी आय कमाते थे जो कभी उस जगह पर थे. साफ की गई की ओर इशारा करते हुए उन्होंने बीबीसी से कहा, “सब कुछ नष्ट हो गया. हमारी फसल पहले ही काट दी गई है. अब हमारे पास अपने परिवार को चलाने के लिए इनकम सोर्स नहीं है.”

उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य सरकार से कोई मुआवजा नहीं मिला है और वे फिलहाल अपनी बचत पर निर्भर हैं. उन्हें चिंता है कि इस सड़क के निर्माण से भविष्य में और अधिक वनों की कटाई होगी, क्योंकि अब यह क्षेत्र व्यवसायों के लिए अधिक सुलभ है. क्लॉडियो ने कहा, “हमारा डर यह है कि एक दिन कोई यहां आएगा और कहेगा: ‘यहां कुछ पैसे हैं. हमें इस क्षेत्र की आवश्यकता गैस स्टेशन बनाने या गोदाम बनाने के लिए है.’ और फिर हमें यहाँ से चले जाना पड़ेगा. हम यहीं अपने समुदाय में पैदा हुए और पले-बढ़े हैं. हम कहां जाएंगे?”

उसका समुदाय सड़क से नहीं जुड़ पाएगा, क्योंकि दोनों तरफ दीवारें हैं. उन्होंने कहा, “हम जो हाईवे के किनारे रहते हैं, हमारे लिए कोई फायदा नहीं होगा. फायदा तो उन ट्रकों को होगा जो यहां से गुजरेंगी. अगर कोई बीमार हो जाए और उसे बेलें के सेंटर में जाना हो, तो हम इसका उपयोग नहीं कर पाएंगे.” सड़क दो संरक्षित जंगल क्षेत्रों को अलग कर देती है. वैज्ञानिक चिंतित हैं कि इससे पारिस्थितिकी तंत्र बिखर जाएगा और वन्यजीवों की आवाजाही बाधित होगी. प्रोफेसर सिल्विया सरडिन्हा एक वाइल्डलाइफ डॉक्टर और रिसर्चर हैं, जो एक विश्वविद्यालय के पशु अस्पताल में काम करती हैं, जो नई हाईवे साइट को देखता है. वह और उनकी टीम जंगली जानवरों का पुनर्वास करती हैं, जिनमें ज्यादातर चोटें इंसानों या वाहनों के कारण होती हैं.

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ये कैसा जलवायु सम्मेलन! हाईवे बनाने के लिए अमेज़न के हजारों एकड़ जंगल का सफाया


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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