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कम खर्च में जबरदस्त कमाई, मशरूम उत्पादन से जुड़ी इस गांव की महिलाएं बन रहीं स्वाबलंबी

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Jehanabad Mushroom Production:जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड स्थित हेराडीह की रहने वाली महिलाएं मशरूमउत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रही है. इस गांव में करीब 30 घरों की महिलाएं अब मशरूम उत्पादन से जुड़ी हुई हैं और इससे अ…और पढ़ें

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मशरूम उत्पादन की तस्वीर

हाइलाइट्स

  • महिलाएं मशरूम उत्पादन से आत्मनिर्भर बन रहीं हैं.
  • 600 रूपए लगाकर 7 हजार की कमाई कर रही हैं.
  • मशरूम उत्पादन के लिए महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया है.

जहानाबाद. पुरुषों के साथ-साथ आज कल महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की और कदम बढ़ा रही हैं. महिलाओं का समय के साथ खेती बाड़ी में भी कदम खींचा चला आ रहा है. आज खेती बाड़ी में भी हाथ आजमाकर अच्छी कमाई कर रही है और अपने परिवार का भरन पोषण का भी काम कर रही है. जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड स्थित हेराडीह की रहने वाली महिलाएं उन्हीं आत्मनिर्भर महिलाओं में से हैं.

इस गांव में करीब 30 घरों की महिलाएं अब मशरूम उत्पादन से जुड़ी हुई हैं और इससे अच्छी कमाई कर रही हैं. यह काम घर बैठे कर रही हैं. इसमें ज्यादा खर्च भी उनका नहीं हो रहा है और इस काम में सरकारी मदद भी मिल जा रही हैं.

20 से 30 महिलाएं कर रही है मशरूम उत्पादन

दरअसल, इस गांव की ये सभी महिलाएं मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग पहले की थी. जहानाबाद के किसान भवन से इन लोगों ने ट्रेनिंग लीं और इसके बाद अपने घरों में इसकी शुरुआत की. महिलाओं का कहना है कि इस प्रकार के व्यवसाय से एक ओर जहां समय का सदुपयोग हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस व्यवसाय से अच्छी कमाई भी हो रही है. गांव की ही रहने वाली और इस व्यवसाय से जुड़ी बुजुर्ग महिला करुणा देवी ने लोकल 18 को बताया कि इस गांव की 20 से 30 महिला मशरूम को उगा रहे हैं. इससे हमलोगों को कई फायदे हो रहे हैं. इससे न केवल खाने को मिल रहा है, बल्कि इससे अच्छी खासी कमाई भी हो जा रही है. मशरूम का उत्पादन 50 से 55 पेटी कर रहे हैं.

कैसे हुई इसकी शुरुआत 

वहीं, एक अन्य महिला संगीता कुमारी ने बताया कि मशरूम उत्पादन के बारे में पहले हमलोगों को कोई जानकारी नहीं थी. जब इसकी सूचना मिली कि मशरूम उत्पादन में बढ़िया भविष्य है और इसे घर पर शुरू किया जा सकता है तो फिर क्या, सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करवाए. इसके बाद फिर हम सब जिला मुख्यालय में दो दिन की ट्रेनिंग ली. जब ट्रेनिंग खत्म हो गई तो हमलोगों को फिर मशरूम का बैग मिल गया और इसे घर लेकर आए और उसे लगाने से पहले अपने रूम को स्प्रे किया. इस काम के बाद मशरूम वहां लागा दिए. जब 8 से 9 दिन का हुआ तो इसके बाद एक इंच केसिंग किए. इसके बाद फिर पेपर रख दिए.

600 लगाकर 7 हजार की कमाई

उन्होंने आगे बताया कि अभी घर पर 50 बैग लगाए हुए हैं. रोजाना 5 किलो मशरूम निकल जा रहा है. इस काम में कुल 600 रुपए खर्च आया था. अब तक 7000 रुपए की आमदनी हुई है. अन्य महिलाओं से यही कहना चाहती हूं कि यह काम काफी अच्छा है. घर के काम काज के साथ मशरूम भी उगा सकते हैं. इससे अच्छी कमाई हो सकती है. साथ ही आप इसका खाने में भी उपयोग कर सकते हैं. यहां पर सभी महिला बटन मशरूम का उत्पादन कर रही हैं. खास बात यह है कि इसमें काफी ध्यान रखना पड़ता है. बाजार में एक मशरूम बैग की कीमत करीब 60 से 65 रुपए है. वहीं, अनुदान पर लेने के बाद सिर्फ 12 रुपए ही मुझे लगा.

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मशरूम उत्पादन ने इस गांव की महिलाओं की बदली किस्मत, कमाई भी हो रही तगड़ी


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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