निखिल कामत: 8,000 महीने की सैलरी से लेकर Zerodha के को-फाउंडर बनने तक का सफर

हाइलाइट्स
कामत बताते हैं उन्होंने अपने कॉल सेंटर के मैनेजर को भी शेयर बाजार में निवेश के लिए राजी कर लिया.
मैनेजर को इससे लाभ मिला और उसने फिर दूसरों को भी ट्रेडिंग के बारे में बताया.
बाद में वे कॉल सेंटर नहीं जाते थे, लेकिन अटेंडेंस कोई और लगा देता था, क्योंकि वे सबसे पैसे मैनेज करते थे.
नई दिल्ली. संघर्ष हमारे जीवन का मूलमंत्र है. यही वह चीज है जो हमें सफलता तक पहुंचाती है. ऐसी ही एक संघर्ष और सफलता की कहानी आज हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं. कहानी है जेरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामत (Nikhil Kamath) की. इस सक्सेस स्टोरी को पढ़ने के बाद आपमें भी कुछ कर गुजरने का जज्बा जाग उठेगा.
निखिल कामत जब महज 17 साल के थे, जब उन्होंने कॉल सेंटर में पहली नौकरी की. सिर्फ 8,000 रुपये की सैलरी के साथ उन्होंने स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग शुरू की. हालांकि पहले एक साल उन्होंने स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन बाद में उन्हें इसकी अहमियत समझ में आई और आज कामत अरबपति होने के साथ देश की सबसे सफल स्टॉक ब्रोकिंग फर्म, जेरोधा को लीड भी कर रहे हैं.
दरअसल, Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामत ने हाल ही में ‘ह्यूमन ऑफ बॉम्बे’ के साथ एक बातचीत में अपने सफर के बारे में विस्तार से बताया. कामत ने बताया कि उन्होंने पहली बार स्टॉक ट्रेडिंग को गंभीरता से करना तब शुरू किया, जब उनके पिता ने उन्हें अपनी कुछ सेविंग्स दी और उन्हें इसे ‘मैनेज करने’ के लिए कहा. निखिल कामत ने बताया कि मेरे पिताजी को मुझपर एक तरह का विश्वास था, जिसकी वजह से मैं आगे अच्छा कर पाया.
कॉल सेंटर के मैनेजर से भी करवा लिया निवेश
इस बातचीत में कामत बताते हैं, “मैंने बाद में अपने कॉल सेंटर के मैनेजर को भी शेयर बाजार में निवेश के लिए राजी कर लिया. मैनेजर को इससे लाभ मिला और उसने फिर दूसरों को भी ट्रेडिंग के बारे में बताया.” उसके बाद उन्होंने कॉल सेंटर के काम पर जाना छोड़ दिया, लेकिन उनकी अटेंडेंस कोई और लगा देता था. क्योंकि वह इस दौरान पूरी टीम के निवेश को मैनेज कर रहे होते थे.
भाई के साथ मिलकर शुरू की कामत एसोसिएट्स
कामत ने बताया कि इसी के बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर अपने भाई के साथ मिलकर कामत एसोसिएट्स शुरू किया और फिर साल 2010 में जेरोधा लॉन्च किया. ये सवाल पूछने पर कि क्या स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले निखिल कामत की योजना हमेशा से एक स्टॉक ब्रोकिंग फर्म खोलने की थी? तो वे आसान ‘हां’ या ‘ना’ में उत्तर नहीं दे पाए.
‘मैं एक ठेठ, मध्यम वर्गीय परिवार से आता हूं’
उन्होंने कहा, एक बार जब मैं बाहर निकल गया, तो मेरा एक मात्र प्लान पैसा कमाना था. मैं एक ठेठ, मध्यम वर्गीय परिवार से आता हूं. मेरी कुछ कजिन एमबीए की हुई थीं. ऐसे में मुझे सवाल पूछा जाता था कि मैं अपनी जिंदगी में क्या करने जा रहा हूं… हालांकि मेरे माता-पिता को मुझ पर भरोसा था. मेरे माता-पिता ने मुझसे बस यह कहा कि कुछ ऐसा मत करना जो हमें बहुत शर्मिंदा करे! मैं गणित में अच्छा था, ऐसे में उन्हें लगता था कि मैं स्मार्ट हूं. उन्हें मुझे पर एक तरह का अंधा-विश्वास था.”
‘मैं अभी भी दिन के 85 प्रतिशत समय काम करता हूं’
कामत बताते हैं, “मैं अभी भी दिन के 85 प्रतिशत समय काम करता हूं और इनसिक्योरिटी के साथ रहता हूं कि क्या होगा अगर यह सबकुछ मुझसे छीन लिया गया तो?” अपने अनुभवों से अब तक सीखे गए सबक के बारे में पूछे जाने पर जेरोधा के को-फाउंडर ने बताया, “स्कूल छोड़ने से लेकर कॉल सेंटर में काम करने तक, और जेरोधा से लेकर टू बीकन शुरू करने तक, मैंने चीजों का पता लगाया, मैं क्या अच्छा करता हूं और मैं किसके साथ बना रह सकता हूं. अरबपति बनने से भी इसमें कोई बदलाव नहीं आया है.”
कामत ने आगे कहा, “मेरी इकलौती सलाह यह है कि बहुत अधिक सोचना बंद करें. जिन चीजों के बारे में आप अभी चिंता कर रहे हैं, पांच साल बाद उसका कोई वैल्यू नहीं होगा. ऐसे में क्यों न आज जो करना है, उसे करें और एक भरोसा रखें कि यह किसी न किसी तरह तो जरूर होगा.”
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FIRST PUBLISHED : September 08, 2022, 14:49 IST
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