TI कुजूर सुसाइड केस में लव ट्राएंगल! आशी राजा और उसका सहयोगी सोनू परमार गिरफ्तार, एक दर्जन से अधिक संदेहियों से पुलिस की पूछताछ जारी

छतरपुर। छतरपुर में टीआई सुसाइड केस में नया मोड़ सामने आया है। पुलिस ने सोनू सिंह और प्रेमिका आशी सिंह को हिरासत में ले लिया है। छतरपुर में टीआई सुसाइड केस में प्रेम-प्रसंग (लव ट्राएंगल) का मामला सामने आया है। पुलिस के द्वारा प्रमुख संदेही सोनू सिंह परमार और प्रेमिका आशी सिंह को हिरासत में ले लिया है। थाना प्रभारी की आत्महत्या के बाद से दोनों फरार थे। सोमवार को अपने सहयोगी सोनू ठाकुर सहित पुलिस के हाथ लग गई है। जिनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। सीएसपी अमन मिश्रा ने आशी राजा राजा और सोनू ठाकुर की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि, थाना ओरछा रोड पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर मामले की विवेचना की जा रही है। आशी राजा और सोनू ठाकुर के अलावा उनके कुछ सहयोगियों को भी अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की जा रही है। सीएसपी अमन मिश्रा के मुताबिक अभी तक 10 से 15 लोगों से संदेह के आधार पर पूछताछ की जा चुकी है, जल्द ही पुलिस अधीक्षक द्वारा मामले का खुलासा किया जाएगा। सूत्रों से जानकारी मिली है कि आशी राजा और सोनू ठाकुर, सफारी स्ट्रोम कार के साथ पकड़े गए हैं।
सूत्रों के हवाले से सामने आ रही यह कहानी
उल्लेखनीय है कि टीआई आत्महत्या मामले में पुलिस लगातार सक्रिय है और लगातार नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। सूत्रों के हवाले से जो कहानी अभी तक सामने आई है उसके मुताबिक दिवंगत टीआई ने प्रताड़ित होकर नहीं बल्कि ब्लैकमेलिंग से तंग आकर जान दी है। आशी राजा के पास टीआई का आपत्तिजनक वीडियो होने की चर्चा है, जिसके नाम पर उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था। मामले में आशी राजा और सोनू ठाकुर के अलावा राहुल शुक्ला नाम के एक युवक की प्रमुख भूमिका बताई जा रही है। टीआई की एक कार भी राहुल शुक्ला के नाम पर होने की जानकारी है। सूत्रों की मानें तो अरविंद कुजूर और राहुल शुक्ला के बीच पैसों का लेन-देन था। कुछ समय से उनके बीच अनबन चल रही थी, जिसके चलते राहुल शुक्ला के कहने पर आशी राजा और सोनू ठाकुर द्वारा आपत्तिजनक वीडियो के नाम पर अरविंद कुजूर को ब्लैकमेल किया जा रहा था। आशी राजा द्वारा शहर की बच्चा जेल के पास मौजूद एक कॉलोनी में 25 से 30 लाख की कीमत वाला मकान दिलाने की मांग टीआई कुजूर से किए जाने की चर्चा है। हालांकि इन सभी आरोपों और चर्चाओं की पुष्टि होना अभी बाकी है।
बहरहाल, अब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की यह नैतिकता का तकाजा होना चाहिए कि वह इस मामले की परत दर परत खोलकर अज्ञात कारणों को ईमानदारी से उजागर करें। जिससे आत्म हत्या के लिए प्रेरित करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो और उनको कानूनी सजा मिल सके। लेकिन संभावना कम लगती है….