मनोरम दृश्य को देखने उमड़ा जैन श्रद्धालुओं का सैलाब: रजत वेदी पर विराजमान हुई भगवान अजितनाथ की प्रतिमा
Ritesh Jain

छतरपुर। दिगंबर जैन समाज द्वारा शहर के मेला ग्राउंड में 10 दिवसीय वेदी प्रतिष्ठा और 72 समवशरण महामंडल विधान का भव्य आयोजन किया जा रहा है जो आचार्य विद्यासागर महाराज के परम शिष्य मुनि विनम्र सागर महाराज के मंगल सानिध्य में बाल ब्रह्मचारी अविनाश भैयाजी भोपाल संपन्न करा रहे हैं। गुरुवार को प्रात: कालीन बेला में पूरे विधि-विधान के साथ मुनि विनम्र सागर महाराज द्वारा भगवान अजितनाथ भगवान की प्राचीन और मनोज्ञ प्रतिमा को मंदिर में निर्मित नवीन रजत वेदी पर विराजमान किया गया। इस मनोरम दृश्य को देखने सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ 72 भव्य और अनोखे समवशरण की एक साथ रचना की गई हो। इन सभी समवशरण में 72 श्रीजी विराजमान हैं और ऐसे ही 72 इंद्र- इंद्राणी के जोड़े तथा समस्त जैन श्रद्धालु मिलकर प्रतिदिन भगवान की आराधना कर रहे हैं। प्रतिदिन सुबह 7 बजे भगवान के अभिषेक पूजन से दिन की शुरुआत होती है तथा रात्रि में महाआरती के बाद शास्त्र प्रवचन वा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।


बुधवार की रात जैन समाज की महिला मंडल द्वारा वज्रबाहु को वैराग्य नाइट की शानदार प्रस्तुति दी गई, जिसमें राजा भद्रबाहु को एक छोटे से मजाक पर वैराग्य हो गया और वे मोह-माया, धन-वैभव त्याग कर दिगंबर मुनि बन गए। महिला मंडल की सरिता जैन, वैशाली जैन, चंचल जैन, मोना जैन, पूजा जैन आदि ने इस प्रस्तुति में मुख्य किरदार निभाए। आयोजन समिति से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात दिल्ली से आए विख्यात नाट्य कलाकार मनोज शर्मा द्वारा नाट्य प्रस्तुति दी जाएगी।