मध्यप्रदेश

Minister of State Krishna Gaur spoke at the conference of nomadic society | गुना में घुमंतू समाज का सम्मेलन, राज्यमंत्री बोलीं-: एक व्यक्ति के कारण पूरे समाज को अपराधी कहना गलत; समाज के लिए संकल्पित है सरकार – Guna News

सम्मेलन को संबोधित करतीं राज्यमंत्री कृष्णा गौर।

गुना में रविवार को विमुक्त घुमक्कड़ समाज का सामाजिक सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम को राज्यमंत्री कृष्ण गौर सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। सभी ने समाज को एकजुट कर मुख्यधारा में जुड़ने की बात कही। सम्मेलन के बाद शहर में चल समारोह भी निकाला गया

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कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर हुई। इसके बाद अतिथियों का स्वागत किया गया। सभी अतिथियों के परिचय के बाद कार्यक्रम में आए समाजों के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में बारह घुमक्कड़ समाजों के नागरिक और प्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन के बाद चल समारोह भी निकाला गया।

दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन की शुरुआत हुई।

दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन की शुरुआत हुई।

समाज का गौरवशाली इतिहास

सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने कहा- इस समाज का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। इस समाज ने राजा महाराजाओं की रक्षा की। ये समाज अपनी राष्ट्र भूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर देता था।

जब इस देश में अंग्रेजों का आगमन हुआ और उन्होंने देखा कि इस देश का एक बड़ा समाज मातृभूमि से प्रेम करने वाला समाज है, ऐसे समाज से डर कर समाज को खत्म करने की साजिश रची। ये घुमंतू समाज की ताकत थी कि इस समाज ने उन्हें भी भयभीत कर दिया। इसीलिए अंग्रेजों ने इस समाज को आपराधिक श्रेणी में खड़ा कर दिया।

उन्होंने कहा कि हमारा ये समाज धीर धीरे आपराधिक श्रेणी में लिप्त होता चला गया। आजादी के बाद तत्कालीन सरकारों की ये जिम्मेदारी थी कि वो समाज को मुख्यधारा में लाए। कांग्रेस ने अगर सही समय पर इस समाज के कल्याण के लिए कोई योजनाएं बना दी होती, तो आज ये समाज अग्रणी समाज में आकर खड़ा हो चुका होता। कांग्रेस ने इस समाज के लिए कभी चिंता नहीं की। यह समाज शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है।

कांग्रेस पर साधा निशाना

कांग्रेस ने अपने समय में सत्ता का सुख भीगने के बजाय इस समाज की चिंता की होती, तो आज ये समाज इस स्थिति में नहीं होता। इनकी स्थिति के लिए पूरी तरह से कांग्रेस जिम्मेदार है। इस समाज की कोई चिंता कर रहा है, तो केवल भाजपा सरकार कर रही है।

पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम मोहन यादव का ये संकल्प है कि घूमती समाज के लोगों को पक्का मकान देना है। उनके इलाज की व्यवस्था करनी है। उनके बच्चों की शिक्षा को व्यवस्था करनी है। उनकी बस्तियों में बिजली, पानी, सड़क को व्यवस्था करना सरकार का संकल्प है। व्यक्ति को अपराधी मानना चाहिए, पूरे समाज को दोषी नहीं मानना चाहिए। आपको भी संकल्प लेना है कि आने वाली पीढ़ी को अपराध की दुनिया में नहीं जाने देंगे।

सम्मेलन में बारह घुमंतू समाजों के नागरिक शामिल हुए।

सम्मेलन में बारह घुमंतू समाजों के नागरिक शामिल हुए।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए अतिथि दुर्गादास व्यास ने कहा कि घुमंतू समाज इसी एकता के साथ अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगा तो हर मांग पूरी होगी। हमारी बात में दम आएगा। एक साथ एकजुट हो कर अपनी ताकत समाज को दिखाएं। घुमंतू समाज आज भी अभाव में रहता है, कठिनाई के रहता है।

उन्होंने कहा- एक समय था जब भारत में इन समाजों के योगदान से हमारा देश दुनिया में सभी बड़ा विश्वगुरु, आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न, हर दृष्टि से सम्पन्न था। घुमंतू समाज का देश में बड़ा योगदान रहा है। घुमंतू समाज देशभक्त, स्वाभिमानी, परिश्रमी, कभी पैसे की दृष्टि से बहुत संपन्न और समाज में बहुत प्रतिष्ठित रहा है। आज ये ऐसी स्थिति में क्यों आ गए। वो केवल उनकी कोई कमजोरी या गलती कारण नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में भाग लेने के कारण अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के कारण अंग्रेजों ने कानून बना इस घुमंतू समाज के साथ ज्यादतियां की हैं। ये सब लोग उन 70 वर्षों के अंदर हर दृष्टि से टूट गए और आज ऐसी स्थिति में आ गए। इन्होंने देशभक्ति दिखाते हुए आजादी की लड़ाई में योगदान दिया। घुमंतू समाज के पूर्वजों ने आजादी की पांच पीढ़ी पहले आजादी की लड़ाई में अपना धर्म निभाया। ऐस योगदान दिया कि अपनी पीढ़ियों का भविष्य अंधकार में डाल दिया, लेकिन अपना धर्म निभाया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं।

देश के आजाद होने के बाद सर्व समाज, सरकारों, प्रशासन की जिम्मेवारी थी कि देश की आजादी के बाद इन समाज के लोगों के लिए विशेष योजनाएं बननी थी। ये लोग स्वतंत्रता सेनानी हैं। लेकिन शासन, प्रशासन सब भूल गए। हमारे ऊपर इस समाज का ऋण है, क्योंकि हमारे पूर्वजों की आजादी की लड़ाई के लिए इनके पुर्जों ने अपना बलिदान दिया था।

आज हमारा धर्म बनता है कि हम इनको केवल क्रिमिनल के भाव से नहीं देखें। ये लोग इस परिस्थितियों में क्यों आए, ये देखकर इनके लिए योजनाएं बनाएं। एक बड़े भाई के नाते इनका हाथ पकड़कर आगे बढ़ाएं। इतिहास तो हमारा श्रेष्ठ रहा है, लेकिन जीना तो वर्तमान है, इसलिए सबसे पहले ये काम करना है कि अपने बच्चों को पढ़ाना है। अगर आगे बढ़ना है तो शिक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। अपराध से दूर रहना है।

सम्मेलन में जनजातियों पर आधारित किताब का विमोचन किया गया।

सम्मेलन में जनजातियों पर आधारित किताब का विमोचन किया गया।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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