मध्यप्रदेश

High court stays residential lease of Lutheran church | हाईकोर्ट ने लूथरनचर्च की आवासीय लीज पर लगाई रोक: बैतूल के 200 ईसाई परिवारों को मिली राहत,कलेक्टर ने 22 लाख वर्गफीट जमीन की लीज की थी रद्द – Jabalpur News


बैतूल के करीब 200 ईसाई परिवारों को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने बैतूल कलेक्टर के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें उन्होंने लूथरन चर्च को शासन से मिली जमीन की लीज रद्द कर दी थी। हाईकोर्ट ने जमीन की लीज रद्द करने पर रोक लगाते हु

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हाईकोर्ट में ये याचिका लीज की जमीन पर रह रहे ईसाई परिवारों ने दायर की थी, इसमें कहा गया था कि चर्च के पूर्व बिशप ने जमीन के एक हिस्से में कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बना दिया था जिसका ईसाई परिवारों ने विरोध भी किया था और बिशप के खिलाफ पुलिस कंप्लेंट भी की थी। इसके बाद बैतूल कलेक्टर ने जनवरी 2025 में चर्च की पूरी 22 लाख वर्गफुट जमीन की ही लीज रद्द कर दी थी।

याचिका में कहा था कि बिशप के अपराध की सजा पूरे समाज को देना गलत है। मामले के संजीदगी से लेते हुए हाईकोर्ट ने चर्च की लीज रद्द करने के बैतूल कलेक्टर के आदेश पर रोक लगा दी है और मामले पर राज्य सरकार सहित सभी पक्षकारों से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई 4 हफ्तों बाद तय कर दी है।

हाईकोर्ट चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ एवं जस्टिस विनय जैन की खंडपीठ के समक्ष बैतूल निवासी असीम जोसेफ, छिंदवाड़ा निवासी रंजीत कुमार लुकास एवं संजय किशन की ओर से जनहित याचिका दायर कर कलेक्टर बैतूल के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें कलेक्टर ने लूथरन चर्च को लीज पर दी गई भूमि की लीज कैंसिल कर दी थी। शनिवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि आवेदक क्रिश्चियन समाज से हैं, तथा 1975 में सरकार द्वारा क्रिश्चियन समाज की समिति लूथरन चर्च को 22 लाख 3515 वर्ग फुट जमीन लीज पर दी थी, जिसमें चर्च, स्कूल, हॉस्टल एवं मकान बने हुए है।

कलेक्टर बैतूल द्वारा आदेश जारी करते हुए 3 जनवरी 2025 को लीज इस आधार पर निरस्त कर दी कि भूमि का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। लीज में शर्तों का उल्लंघन है। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय न्यायालय में बताया कि चर्च के विशप समिति के अध्यक्ष के द्वारा अवैध रूप से निर्माण कराया गया है, जिसकी शिकायत आवेदक के द्वारा कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत की थीस जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, यहां तक की आवेदकों की शिकायतों पर विशप एवं अन्य लोगों के खिलाफ पांच-पांच एफआईआर दर्ज की गई है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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