मध्यप्रदेश

Big revelation in the corruption FIR lodged against TI | 3 आरोपियों को बचाने ₹25 लाख की डील: साइबर ठगी से टीकमगढ़ में खड़ा किया साम्राज्य; बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुका सरगना – Bhopal News

अंशुल, मुईन को बचाने के लिए टीकमगढ़ से भोपाल तक रिश्वत देने आया था।

भोपाल में साइबर ठगी के रैकेट के मुख्य आरोपियों में से एक मुईन खान, ठगी का कॉल सेंटर चलाने वाले अफजल खान का साला है। साइबर ठगी से कमाए करोड़ों रुपए अफजल ने मुईन के नाम पर टीकमगढ़ में निवेश कर रखे हैं। जीजा की काली कमाई के सहारे हिस्ट्रीशीटर मुईन खान अ

.

चार साल पहले तक एक कुरियर कंपनी में साधारण कर्मचारी के रूप में काम करने वाला मुईन खान अब लग्जरी लाइफ जी रहा है। वह महंगी कारों में घूमता है और आलीशान घर में रहता है। हाल ही में उसने टीकमगढ़ के मऊचुंगी इलाके में एक बड़ा बंगला बनवाया है। काले धन की बदौलत मुईन ने कम समय में टीकमगढ़ में बड़ा नाम कमा लिया और राजनीति में भी सक्रिय हो गया।

उसने बीजेपी के टिकट पर पार्षद का चुनाव लड़ा लेकिन अपनी आपराधिक छवि के कारण हार गया। राजनीतिक संरक्षण के चलते वह खुद को बाहुबली साबित करना चाहता था।

मुईन को बचाने टीकमगढ़ से भोपाल तक आया था पार्षद मुईन के हर काले कारोबार का सबसे बड़ा राजदार पार्षद अंशुल उर्फ मोना जैन है। यही कारण था कि मोना, मुईन को बचाने के लिए टीकमगढ़ से भोपाल तक रिश्वत देने आया था। कुछ दिन पहले ऐशबाग थाना के तत्कालीन प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल और उनकी टीम मुईन की तलाश में टीकमगढ़ पहुंची। वहां मुईन के लग्जरी लाइफस्टाइल के बारे में मिली जानकारियों ने टीआई के मन में लालच जगा दिया।

इसी दौरान मोना ने टीआई से संपर्क किया। मुईन और उसके रिश्तेदारों को केस से निकालने की पेशकश की। टीआई को अंदाजा था कि मुईन को बचाने के बदले मोटी रिश्वत मिल सकती है इसलिए उन्होंने डीलिंग के लिए मोना को अपने विश्वसनीय पवन रघुवंशी के पास भोपाल भेज दिया।

भोपाल में एएसआई मनोज सिंह, प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र सिंह और पवन रघुवंशी ने मुईन खान, उसके भाई वसीम खान और अफजल खान की पत्नी जाहिदा खान को आरोपी न बनाने के एवज में 25 लाख रुपए की मांग की। मोना ने मुईन को यह डील बताई, जिस पर मुईन ने रकम देकर मामला रफा-दफा करने की सहमति दे दी। डील तय हो गई लेकिन इसी दौरान पूरी सौदेबाजी की सूचना लीक हो गई।

बुधवार को पहली बार पुलिस की टीम ने भोपाल में एक पुलिसकर्मी के घर पर दबिश दी और रिश्वत की रकम जब्त कर ली। हालांकि, कार्रवाई के दौरान एएसआई पुलिस टीम को चकमा देकर फरार हो गया। मनोज और धर्मेंद्र भी अंडर ग्राउंड हो चुके हैं, रिश्वत देने वाला अंशुल उर्फ मोना भी फरार है।

मुईन खान ने टीकमगढ़ में केजीएन रेसीडेंसी नाम से एक कॉलोनी विकसित की है।

लूट, हत्या का प्रयास और अड़ीबाजी जैसे 19 अपराध दर्ज मुईन ने टीकमगढ़ में केजीएन रेसीडेंसी नाम से एक कॉलोनी बनाई है। इसके अलावा उसकी दो और कॉलोनियां भी हैं। वह क्रशर व्यवसाय से भी जुड़ा हुआ है।

मुईन खान पर टीकमगढ़ के अलग-अलग थानों में 19 आपराधिक केस दर्ज हैं। जिसमें हत्या का प्रयास, मारपीट, अड़ीबाजी, लूट, चाकूबाजी और सट्‌टा जैसे संगीन अपराध शामिल हैं। मुईन टीकमगढ़ का लिस्टेड गुंडा है। पुलिस की जांच में यह तमाम बातें साफ हो चुकी हैं कि साइबर ठगी की रकम को अफजल अपने साले मुईन के नाम से टीकमगढ़ में इन्वेस्ट करता था। मुईन ने अपने साले अरमान के नाम भी बड़ा निवेश किया है।

मुईन खान पर हत्या का प्रयास समेत 19 केस दर्ज हैं।

मुईन खान पर हत्या का प्रयास समेत 19 केस दर्ज हैं।

ऐसे संपर्क में आए थाना प्रभारी और मोना जैन पुलिस सूत्रों के अनुसार, ऐशबाग थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल और उनकी टीम मुईन खान की गिरफ्तारी के लिए टीकमगढ़ पहुंची थी। टीम में शामिल एक आरक्षक का रिश्तेदार टीकमगढ़ में रहता है और बीजेपी से जुड़ा है। आरक्षक ने फोन पर उसे सूचना दी कि भोपाल के ऐशबाग थाने की टीम मुईन खान की गिरफ्तारी के लिए आई है। इस बीजेपी नेता ने तुरंत यह जानकारी मुईन तक पहुंचा दी।

नतीजा यह हुआ कि पुलिस की दबिश से पहले ही मुईन फरार हो गया। इसके बाद केस से नाम हटवाने के लिए मुईन ने अपने करीबी दोस्त मोना जैन को थाना प्रभारी गढ़वाल से संपर्क करने को कहा। इसके बाद मोना ने पूरी प्लानिंग की। उसने पहले थाना प्रभारी से संपर्क किया, फिर टीआई के कहे अनुसार भोपाल पहुंचा। वहां थाना प्रभारी के विश्वसनीय पवन रघुवंशी, मनोज और धर्मेंद्र सिंह ने पूरे सौदे की बातचीत की।

तीन नाम केस से निकालने के बदले 25 लाख रुपए में डील तय हुई। पहली किश्त के तौर पर 15 लाख रुपए देने की सहमति बनी। मोना जैन ने 5 लाख रुपए पवन को उसके घर जाकर सौंपे और वहां से निकल गया। कुछ देर बाद उसका दूसरा गुर्गा 10 लाख रुपए लेकर पवन के घर पहुंचने वाला था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने पवन के घर पर दबिश दे दी। कार्रवाई के दौरान रिश्वत के तौर पर दी गई 500-500 रुपए के नोटों की 10 गड्डियां (कुल 5 लाख रुपए) बरामद कर ली गईं।

भास्कर पर पहली बार पढ़ें- थाना प्रभारी पर दर्ज एफआईआर में क्या है एफआईआर में लिखा है- मैं, सुरभि मीना, एसीपी जहांगीराबाद के पद पर पदस्थ हूं। ऐशबाग थाने के अपराध क्रमांक 97/25, धारा 318(4), 61(2) बीएनएस, 66(C) और 66(D) आईटी एक्ट के तहत दर्ज मामले में कुछ आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही थी।

इस संबंध में मुखबिर से सूचना मिली कि टीकमगढ़ का पार्षद अंशुल जैन उर्फ मोना, जो इस समय भोपाल में ही है, इस डील को अंजाम दे रहा है। जानकारी के अनुसार, मुईन खान, उसके भाइयों और अफजल खान की पत्नी को केस से बचाने के लिए पवन रघुवंशी ने मोना पार्षद से 25 लाख रुपए की डील की थी।

एफआईआर के मुताबिक, मुईन खान, उसके भाई वसीम खान और जायदा बेगम के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने की डील पक्की हो चुकी थी। इसके बाद पवन ने कॉल पर टीआई से कहा, “सरजी, पैसा आज शाम तक पहुंच जाएगा।” इसकी पुष्टि होते ही एसीपी ने उच्च अधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद सर्च वारंट लेकर एसीपी सुरभि मीना अपनी टीम के साथ पवन रघुवंशी के मकान नंबर 61, 62, विवेकानंद नगर कॉलोनी, अयोध्या बायपास रोड पर पहुंचीं।

आरोपी एएसआई मनोज और धर्मेंद्र।

आरोपी एएसआई मनोज और धर्मेंद्र।

रिश्वत की रकम ठिकाने लगाने की थी आशंका एसीपी सुरभि मीना की टीम में एसआई सुनील भदौरिया (जहांगीराबाद थाना), सब इंस्पेक्टर भोजराज सिंह (जहांगीराबाद थाना), प्रधान आरक्षक देवेंद्र सिंह (रातीबड़ थाना), आरक्षक हरिओम वर्मा (रातीबड़ थाना), क्राइम ब्रांच के आरक्षक रणधीर, आरक्षक आनंद कुमार, आरक्षक राहुल ठाकुर और महिला आरक्षक अनुराधा शामिल थे। टीम ने मौके पर पहुंचकर पवन को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की।

आरोपी पवन पुलिस विभाग से जुड़ा था और पुलिस की कार्यप्रणाली से भली-भांति परिचित था। यदि रिश्वत की राशि को तुरंत जब्त नहीं किया जाता, तो उसके द्वारा इसे ठिकाने लगाने की पूरी आशंका थी। इस चुनौती को देखते हुए जब आरोपी पवन ने अपने घर से रकम निकालकर दी तो गवाह आर. आनंद कुमार और प्रधान आरक्षक देवेंद्र की मौजूदगी में कुल 500-500 रुपए के नोटों की 10 गड्डियों को विधिवत जब्त कर लिया गया। पूरी कार्रवाई जब्ती पत्रक के अनुसार की गई।

टीआई जितेंद्र गढ़वाल और साथियों पर दर्ज एफआईआर।

टीआई जितेंद्र गढ़वाल और साथियों पर दर्ज एफआईआर।

जब्ती की वीडियोग्राफी कराई गई थी कार्रवाई के दौरान जब्त की गई राशि को सील बंद किया गया और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई गई। जब्ती पत्रक में रिश्वत की राशि के नोटों की सीरीज को भी अलग से दर्ज किया गया। मौके पर ही आरोपी पवन रघुवंशी से पूछताछ कर उसका बयान लिया गया। उसने स्वीकार किया कि यह रिश्वत थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल के कहने पर एएसआई मनोज सिंह और प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र सिंह के साथ मिलकर बिचौलिए अंशुल जैन उर्फ मोना से ली गई थी।

प्रथम दृष्टया टीआई जितेंद्र गढ़वाल, एएसआई पवन रघुवंशी, एएसआई मनोज सिंह, प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र सिंह और पार्षद अंशुल जैन उर्फ मोना पर धारा 7, 13(1)बी, 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) और धारा 61(2) BNS के तहत अपराध पाया गया। इस आधार पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

थाना प्रभारी बोले- पवन ने बदला लेने फंसाया निलंबित थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल ने कहा- मेरी शिकायत पर पवन को कार्रवाई से पहले लाइन अटैच कर दिया गया था। पवन इसी बात को लेकर मेरे प्रति रंजिश रखता था। उन्होंने कहा-

QuoteImage

ट्रैप होने के बाद उसने फंसाने की नीयत से मेरा नाम लिया। अधिकारियों ने बिना तस्दीक के मुझे आरोपी बना दिया। जब कार्रवाई हुई, मैं भोपाल में नहीं था। मुईन की गिरफ्तारी के लिए टीकमगढ़ गया हुआ था।

QuoteImage

आरोपी अफजल और उसकी बेटी।

आरोपी अफजल और उसकी बेटी।

कॉल सेंटर संचालक के बेटे को गिरफ्तार कर छोड़ दिया था दरअसल, भोपाल के प्रभात चौराहे पर एक बिल्डिंग में कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। यहां से देश भर के लोगों को ठगने का काम किया जा रहा था। इस मामले में 23 फरवरी को पुलिस ने दबिश देकर संचालक अफजल खान के बेटे अमान को गिरफ्तार करके छोड़ दिया था।

मामले ने तूल पकड़ा, तब कॉल सेंटर संचालक और उसकी बेटी पर एफआईआर कर सोमवार को आरोपी अफजल को गिरफ्तार किया था। जांच में पुलिस के सामने आरोपी के खाते से करोड़ रुपए का लेनदेन करने सहित 26 युवक-युवतियों के नाम आए थे, जो ठगी का काम करते थे।

मीडिया से बचाने ऑटो से पेश किया गया मामले के गिरफ्तार आरोपी अफजल खान को पुलिस ने मीडिया से बचाने ऑटो से कोर्ट में पेश किया। वहीं, एसीपी निहित उपाध्याय गुरुवार दोपहर जज आरपी मिश्रा की कोर्ट में थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर दर्ज एफआईआर लेकर पेश हुए। उन्होंने कोर्ट से जांच की अनुमति मांगी।

आरोपी अफजल खान को गुरुवार को पुलिस ने मीडिया से बचाने के लिए ऑटो से कोर्ट में पेश किया।

आरोपी अफजल खान को गुरुवार को पुलिस ने मीडिया से बचाने के लिए ऑटो से कोर्ट में पेश किया।

ऐसे सामने आया था ठगी का कॉल सेंटर दो युवतियों द्वारा सैलरी नहीं देने की शिकायत पर पुलिस भोपाल के प्रभात चौराहा स्थित एक बिल्डिंग में संचालित ऑडियोलॉजी एडवांस स्टॉक प्राइवेट लिमिटेड नाम के कॉल सेंटर पहुंची। 23 फरवरी को छापामार कार्रवाई के दौरान यहां संदिग्ध गतिविधि संचालित होने की जानकारी मिली। पुलिस ने 80 कम्प्यूटर, 26 सिम कार्ड, प्रिंटर्स आदि सामान बरामद किया। 27 फरवरी को पुलिस ने कॉल सेंटर को पूरी तरह सील कर दिया।

कार्रवाई एएसआई पवन रघुवंशी ने की थी। पवन और टीम ने कॉल सेंटर पर जिस समय दबिश दी, तब वहां कॉल सेंटर का संचालक अफजल खान मौजूद था। वह पुलिस की मौजूदगी में चलता बना। पुलिस ने उसके बेटे अमान को हिरासत में लिया। हालांकि, बेहद साधारण धाराओं में कार्रवाई की गई। जिससे आरोपी के बेटे अमान को आसानी से जमानत मिल गई।

पूरा मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद एएसआई को लाइन अटैच कर दिया गया। कॉल सेंटर में काम करने वाले युवक-युवतियों ने कार्रवाई के तत्काल बाद पूछताछ में खुलासा किया कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर बाजार में निवेश से संबंधित विज्ञापन प्रसारित करते थे।

कॉल करने वालों को स्टॉक मार्केट में निवेश कराने के नाम पर ठगी करते थे।

भोपाल में ठगी के कॉल सेंटर को ताले लगाकर सील कर दिया गया है।

भोपाल में ठगी के कॉल सेंटर को ताले लगाकर सील कर दिया गया है।

ये खबर भी पढ़ें…

उज्जैन में चार फर्जी एडवाइजरी सेंटर पर रेड, 130 युवक-युवतियां हिरासत में

उज्जैन की क्राइम ब्रांच पुलिस ने शहर के चार अलग-अलग इलाकों में चल रहे फर्जी एडवाइजरी कॉल सेंटर पर छापा मारा है। पुलिस ने यहां से 130 युवक-युवतियों को हिरासत में लिया है। इन फर्जी एडवाइजरी सेंटर्स पर इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों को ठगने का आरोप है। यहां लोगों के डीमेट अकाउंट खुलवाकर उनमें घाटा दिखाकर उनके रुपए हड़प का काम हो रहा था। पढ़ें पूरी खबर…


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!