अजब गजब

दिल्ली में पकड़ी गई नक्सली महिला, फर्जी नाम से कर रही थी नौकरी; झारखंड पुलिस से कर चुकी 3-3 मुठभेड़

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दिल्ली में नक्सली महिला गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ऑपरेशन चलाकर एक नक्सली को गिरफ्तार किया है। महिला इतनी खतरनाक है कि यह झारखंड पुलिस ने तीन-तीन मुठभेड़ कर चुकी है। पुलिस ने बताया कि हमें जानकारी मिली कि एक नक्सली महिला दिल्ली में पहचान बदलकर नौकरी कर रही है। इसके बाद हमने एक ऑपरेशन चलाकर इस नक्सली महिला को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने दी ये जानकारी

पुलिस ने बताया कि 4 मार्च 2025 को क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली कि सीपीआई (माओवादी) संगठन की सक्रिय सदस्य दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में रह रही है और वहीं  महाराणा प्रताप एन्क्लेव में नौकरी कर रही है। इसके बाद पीतमपुरा में छापा मारकर महिला नक्सली को गिरफ्तार कर लिया गया है। 23 साल की यह महिला झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुदाबुरु गांव की रहने वाली है। वह अपनी असली पहचान छुपाकर दिल्ली में रह रही थी और यहां एक फर्जी नाम से काम कर रही थी।

कैसे बनी नक्सली?

गिरफ्तार महिला का जन्म 1 जनवरी 2002 को कुदाबुरु, पश्चिम सिंहभूम, झारखंड में एक किसान परिवार में हुआ था। वह 6 भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। महज 10 साल की उम्र में उसे गांव का एक माओवादी बहलाकर अपने साथ ले गया, यह कहकर कि उसे वहां बेहतर भोजन, देखभाल और सुरक्षा मिलेगी।

साल 2016 में उसने कुख्यात नक्सली नेता रमेश के नेतृत्व वाले सीपीआई (माओवादी) संगठन में शामिल होकर कोल्हान जंगलों में बने एक कैंप में ट्रेनिंग ली। इस कैंप में 300-450 नक्सली मौजूद थे, जिनमें 40-50 महिलाएं और 4-5 बच्चे भी थे। यहां इसे उग्रवादी बनने की कठिन ट्रेनिंग दी गई, जिसमें अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करना सिखाया गया।

नक्सली गतिविधियों में संलिप्तता

पुलिस पूछताछ में महिला ने कबूला कि उसने 5 साल तक अत्यधिक कठिन ट्रेनिंग लिया और उसे एसएलआर, इंसास, एलएमजी, हैंड ग्रेनेड और .303 राइफल जैसे घातक हथियारों को चलाने में महारत हासिल है। गश्त के दौरान वह आमतौर पर इंसास राइफल लेकर चलती थी।

झारखंड पुलिस से 3 बार की मुठभेड़

पुलिस ने बताया कि यह महिला झारखंड पुलिस के साथ हुई तीन-तीन मुठभेड़ में अपने गैंग के साथ शामिल रही है। 2018 में कोल्हान जंगल में झारखंड पुलिस के साथ मुठभेड़ में वह शामिल थी, 2019 में पोराहाट जंगल में झारखंड पुलिस से टकराव के दौरान भी वह थी। इसके अलावा, 2020 में सोनुआ में पुलिस बल से सीधी भिड़ंत में भी वह गैंग के साथ थी।

संगठन के कहने पर आई थी दिल्ली

इसके बाद संगठन के आदेश पर वह पहचान बदलकर दिल्ली आ गई। यहां उसने 2020 से नोएडा और दिल्ली के जहां में घरेलू सहायिका के रूप में काम किया और गुप्त रूप से रहती रही।

झारखंड के एक मामले में 26 मार्च 2023 को SDJM (P), चाईबासा, झारखंड ने महिला के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। अब दिल्ली पुलिस ने उसे CRPC की धारा 41.1 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 35(1)(C) के तहत गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया है।

माओवादी संगठनों की गतिविधियां दिल्ली तक पहुंची

यह गिरफ्तारी न केवल दिल्ली पुलिस की एक बड़ी सफलता है बल्कि यह बताता है कि माओवादी संगठनों के सदस्य अब महानगरों में गुप्त रूप से रहकर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। फिलहाल पुलिस आगे की पूछताछ कर रही है ताकि उसके संपर्कों और संगठन के आगे की योजनाओं का खुलासा किया जा सके।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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