परिवहन मंत्री के परिवार पर लगाए जमीन हड़पने के आरोप, हीरासिंह बोले- आरोप मनगढ़ंत | Allegations of land grabbing on the family of Transport Minister, Hirasingh said – the allegations are fabricated

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सागरएक घंटा पहले
आरोप लगाने वाले जगदीश दास। दूसरे फोटो में जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत।
सागर में श्री जानकी रमण मंदिर ग्राम बरखेड़ा महंत के जमीनी मामले को लेकर साधु ने आत्महत्या करने की चेतावनी दी है। उन्होंने परिवहन मंत्री और उनके भाई जिला पंचायत अध्यक्ष पर मंदिर की जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत ने साधु के सभी आरोपों को निराधार व मनगढ़ंत बताया है। उन्होंने कहा कि न तो वे उक्त साधु को जानते हैं और न ही उनका और उनके परिवार का मंदिर की कोई जमीन से लेना-देना है।
श्री जानकी रमण मंदिर के अयोध्या के वशिष्ठ धाम द्वारा नियुक्त किए गए प्रबंधक जगदीश दास ने बताया कि मंदिर की बरखेड़ा महंत और ग्राम चकेरी में जमीन है। पूर्व में कुछ लोगों ने जमीन हड़पने का प्रयास किया गया था। बात न्यायालय तक पहुंची। सिविल न्यायालय ने आदेश किया गया कि जानकी रमण मंदिर बरखेरा यह मंदिर श्री वशिष्ट भवन आयोध्या धाम का हैं। न्यायालय आदेश ब्राह्मऋषि पूज्य 1008 श्रीराम विलास वेदांती जी के नाम वर्षान्त नामांतरण रिकार्ड में पंजीबद्ध किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि उक्त संपत्ति व जमीन को हड़पने का कार्य मंत्री गोविंद सिंह, उनके भाई जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत कर रहे हैं। उनका साथ एसडीएम सपना त्रिपाठी दे रही हैं। पुराने रिकाडों को विलोपित किया जा रहा है। उनका नामातंरण का प्रकरण चल रहा है। जगदीश दास ने कहा कि यदि 26 जनवरी तक नामांतरण नहीं किया गया तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।
मंदिर की जमीन से हमारा लेना-देना नहीं
मंत्री राजपूत के भाई और जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत ने कहा कि जो साधु आरोप लगा रहे हैं, मैं उन्हें जानता तक नहीं हूं। रही बात मंदिर की जमीन की तो मंदिर की जमीन से मेरा और मेरे परिवार का कोई लेना-देना नहीं है। सभी आरोप निराधार है। यदि कोई बात है तो प्रशासन को जांच कराना चाहिए। जांच में जो भी दोषी पाया जाए उस पर कार्रवाई की जाए। मंदिर का काम मंदिर की कमेटी देखती हैे। राजनीतिक द्वेष के चलते कुछ लोग इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। यह लोग सुरखी में होने वाले विकास से परेशान होकर मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं। लेकिन जनता सब जानती है।
15 साल तक मंदिर में नहीं जला दीया
मंदिर कमेटी के सालकराम ने बताया कि मंदिर में पिछले 15 सालों से दीया तक नहीं जलाया गया था। पूरे मंदिर में गंदगी फैली हुई थी। गांव और क्षेत्र के लोग परेशान थे। मंंत्री और प्रशासन को मामले से अवगत कराया। जिसके बाद मंदिर की कमेटी बनाई गई। कमेटी में 10 गांव के लोगों को शामिल किया गया है। जिसके बाद मंदिर में साफ-सफाई और निर्माण शुरू कराया गया। मंदिर में पूजा-आरती शुरू की गई है। आरोप लगाने वाले जगदीश दास न तो कभी गांव में रहे हैं और न ही किसी ने उन्हें देखा है।
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