Holashtak will start from 7th, tantra and mantra sadhna will be done for eight days, Kharmas will start from 14th, no auspicious work will be done for one month | होलाष्टक 7 से, आठ दिन तंत्र, मंत्र साधना करेंगे, खरमास 14 से, एक माह तक मांगलिक कार्य नहीं – Ujjain News

उज्जैन मृगशिरा नक्षत्र और वृषभ राशि में चंद्रमा की स्थिति में होलाष्टक 7 मार्च से शुरू होगा। इस दौरान आठ विशेष रात्रियां होती हैं। होलाष्टक फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी से होलिका दहन तक रहेगा। इस दौरान मांगलिक कार्य का निषेध माना गया है। हाला
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रात्रि भद्रा मुक्त हो जाती है, इसलिए रात में होलिका दहन भद्रा सुबह 10.23 बजे शुरू होगी, जो रात 11.30 बजे तक रहेगी। इस दृष्टि से भद्रा के अलग-अलग प्रभाव का अलग-अलग परिणाम बताया गया है। सिद्ध रात्रि का पर्व काल होने से दिवस काल में भद्रा का होना एक प्रकार से अनुकूल बताया जाता है, क्योंकि रात्रि भद्रा मुक्त हो जाती है। इस दृष्टि से भद्रा के मुख भाग व मध्य भाग को छोड़कर उसके अंतिम भाग को सुरक्षित रखते हुए साधना सिद्धि करनी चाहिए। सामान्यतः होली पर भद्रा का योग बनता ही है। जन सामान्य में भद्रा को लेकर अलग-अलग प्रकार की भ्रांतियां व्याप्त हैं। उन भ्रांतियों का निराकरण करने के लिए धर्मशास्त्र, भारतीय ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग प्रकार के सिद्धांत सूत्र बताए गए हैं।
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