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पाली के किसान राकेश ठकराल ने बंजर जमीन से कमाए 3 लाख रुपये

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Farmer Rakesh Thakral Success Story: पाली के रहने वाले राकेश ठकराल राजस्थान के उन किसानों में से एक हैं, जो बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर लाखों में कमाई कर रहे हैं. राकेश का खेत पूरी तरह से बंजर था. गुजरात की कंपनी …और पढ़ें

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पाली के किसान जिन्होंने इस तरह किया खेती में कमाल

हाइलाइट्स

  • राकेश ठकराल ने बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया.
  • इजराइली तकनीक से खेती कर सालाना 3 लाख कमाई.
  • गुजरात की कंपनी से सर्वे और मशीन मंगवाकर खेती लायक बनाया.

पाली. धरती का सीना चीरकर अन्न उगाने वाले किसानों को यू हीं नहीं अन्नदाता कहा जाता. बंजर जमीन को भी किसान अपनी मेहनत से उपजाऊ बना देते हैं. ऐसा ही एक उदाहरण बीकॉम पास किसान राकेश ठकराल ने पेश किया है. बता दें कि पश्चिमी राजस्थान का मारवाड़-गोडवाड़ इलाका होने के साथ ही दूर-दूर तक छोटी-छोटी पहाड़ी और बंजर जमीन ही नजर आता है. पाली का जवाई लेपर्ड कंजर्वेशन एरिया से सटे इलाके बाली में राकेश राज ठकराल के पास 4 बीघा जमीन है.

पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से उनकी जमीन की मिट्टी कठोर थी. कभी इस पर कोई फसल नहीं हुई. एक साल पहले गुजरात की एक कंपनी से सर्वे करवाया तो पता चला कि मिट्टी में उपजाऊपन खत्म हो चुका है. लगातार रिसर्च और मेहनत के बाद उनकी बंजर जमीन की तस्वीर बदली. आज उन्होंने जमीन को सब्जियों और फूलों के गार्डन के तौर पर डेवलप किया गया है, जिससे अब 3 लाख रूपए की कमाई हे रही है.

गुजरात की कंपनी से जमीन का कराया सर्वे

किसान राकेश बताते है कि बोया-बाली रोड पर उनकी पुश्तैनी जमीन है. वैसे ये इलाका उपजाऊ है, लेकिन उनकी जहां जमीन है, वहां आस–पास पहाड़ी और झाड़ियां है. उनके खेत में भी मिट्टी के साथ पत्थर है. इसके बाद इस पर रिसर्च शुरू किया. गुजरात की कंपनी को अपने गांव बुलाकर सर्वे करवाया. यहां मिट्टी और पानी की जांच करवाई. पता चला कि मिट्टी और पानी में न्यूट्रिएंट्स यानी पोषक तत्व नहीं है. इसकी वजह से यहां फसल भी नहीं हो पा रही है. इसके बाद इस पर काम करना शुरू किया. तेहनत रंग लाई और खेत की तस्वीर ही बदल गई.

रिपोर्ट आने पर शुरू किया यह काम

गुजरात की कंपनी से सर्वे के बाद रिपोर्ट आते ही सबसे पहले पानी पर काम किया. पुणे से 90 हजार की मशीन मंगवाई. ये मशीन पानी को खेती लायक बना देती है. करीब चार से पांच महीने मशीन से पानी को ट्रीट कर उसे खेतों में छोड़ा. इसके बाद दोबारा इसकी जांच कराई तो सुधार नजर आया. जिससे इस बंजर जमीन की तस्वीर बदलती नजर आने लगी.

इजराइली तकनीक से एक बीघा में खेती

राकेश बताते है कि पांच बीघा में से 1 बीघा जमीन का उपयोग किया गया. 1 बीघा जमीन को उपजाऊ बनाकर इजराइली पद्धति से इस पर टमाटर, पत्ता गोभी, फूल गोभी, ब्रोकली, गेंदा, लहसुन, प्याज, पालक और फूलों के 4 हजार पौधे लगाए गए. इजराइल पद्धति में मल्चिंग कर पानी की बर्बादी और पौधे के आस-पास खरपतवार पर भी पूरी तरफ नियंत्रण किया. 1 बीघा जमीन को सब्जियों और फूलों के गार्डन के तौर पर डेवलप किया गया. उन्होंने दावा किया कि 1 बीघा से उन्हें एक साल में तीन लाख रुपए तक की कमाई होने वाली है.

रोगों से बचाने के लिए अपनाया यह तरीका

राकेश ने प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल करते हुए ऑर्गेनिक खेती के दौरान सब्जियों पर लगने वाले रोगों से बचाने का भी काम किया. राकेश ने बताया कि सब्जियों में कई तरह रोग हो जाते हैं. ऑर्गेनिक सब्जियों में रोग की संभावनाएं कम रहती है. अगर हो भी जाए तो 15 लीटर के टैंक में 1 लीटर गोमूत्र और हींग मिलाकर छिड़काव करने से कीड़े नहीं लगते हैं. वे भी अपने खेत में इसका उपयोग कर रहे हैं. गोशाला से गोमूत्र लाकर दवाई के तौर पर उसका छिड़काव करते हैं. इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर जैविक खाद का भी उपयोग करते हैं.

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बीकॉम पास किसान ने बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ, अब लाखों में कमा रहे मुनाफा


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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