अरविंद केजरीवाल पंजाब से राज्यसभा क्यों नहीं जाना चाहते?-Why Arvind Kejriwal not want to go Rajya Sabha from Punjab

Agency:ब्यूरो रिपोर्ट
Last Updated:
पंजाब कांग्रेस के बड़े नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल 100 फीसदी पंजाब से ही राज्यसभा जाएंगे. लेकिन आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इसे खारिज कर दिया. आइए जानते हैं कि इसके पीछे वजह क्…और पढ़ें
दावा किया जा रहा कि अरविंद केजरीवाल पंजाब से राज्यसभा जा सकते हैं. (File Photo)
हाइलाइट्स
- केजरीवाल का फोकस राष्ट्रीय राजनीति पर है, इसलिए वे नहीं जाना चाहेंगे.
- दिल्ली छोड़ने से राजनीतिक उलझनें बढ़ेंगी. AAP को संभालना मुश्किल होगा.
- पंजाब से राज्यसभा जाने से गलत संदेश जाएगा. विपक्षी दल निशाना बनाएंगे.
दिल्ली में हार के बाद से बार-बार यह चर्चा जोरों पर है कि अरविंद केजरीवाल पंजाब से राज्यसभा जा सकते हैं. अब तो यहां तक कहा जा रहा कि पंजाब से राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा उनके लिए सीट खाली कर सकते हैं. बदले में वे खुद लुधियाना वेस्ट से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, यह होकर रहेगा. पहले केजरीवाल गुरप्रीत गोगी की सीट से आना चाहते थे, लेकिन अब वे अरोड़ा की सीट से राज्यसभा जाएंगे. हालांकि, कुछ ही देर बाद आम आदमी पार्टी के सीनियर लीडर और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा में कहा, पार्टी के स्तर पर अभी तक इस प्रकार की कोई बात नहीं हुई है. विपक्ष ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मुद्दे उठा रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर अरविंद केजरीवाल पंजाब से राज्यसभा क्यों नहीं जाना चाहते हैं, जबकि उनके पास यह अच्छा विकल्प है? दरअसल, इसके पीछे कहानी कुछ और है.
आम आदमी पार्टी नेताओं के मुताबिक- अरविंद केजरीवाल पंजाब से राज्यसभा क्यों नहीं जाना चाहते, इसके पीछे कई रणनीतिक और राजनीतिक कारण हैं. केजरीवाल का पूरा फोकस राष्ट्रीय राजनीति में जगह बनाने और आम आदमी पार्टी का विस्तार करने पर है. पंजाब से राज्यसभा जाने से दिल्ली पर उनकी पकड़ कमजोर होगी और अनावश्यक राजनीतिक उलझनें पैदा होंगी, इसलिए वह ऐसा करने से बच रहे हैं.
1. दिल्ली पर पकड़ बरकरार रखना चाहेंगे
दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी और सरकार के फैसलों में अहम भूमिका निभाते हैं. राज्यसभा जाने का मतलब होगा कि कार्यकारी भूमिका छोड़कर विधायी भूमिका में जाना. इससे वे सीधे तौर पर पार्टी में वो भूमिका शायद न निभा पाएं, जो अभी कर पा रहे हैं. यहां से वे देशभर में आम आदमी पार्टी को मजबूत कर सकते हैं.
2. ताकि गलत मैसेज न जाए
अगर अरविंद केजरीवाल पंजाब से राज्यसभा जाते हैं तो यह संदेश जा सकता है कि वह दिल्ली को छोड़ रहे हैं. उस जगह को छोड़कर भाग रहे हैं, जहां उन्होंने अपना राजनीतिक करियर बनाया है. विरोधी इसका फायदा उठाकर उन पर हमला कर सकते हैं और दिल्ली के प्रति उनकी निष्ठा पर सवाल उठा सकते हैं. केजरीवाल जानते हैं कि दिल्ली है तो सबकुछ है.
3. बीजेपी के सामने मजबूत ताकत
अरविंद केजरीवाल जानते हैं कि दिल्ली में रहकर वे बीजेपी के सामने जितनी बड़ी चुनौती बन सकते हैं, उतनी किसी और राज्य में रहते हुए शायद न कर पाएं. केजरीवाल और आम आदमी पार्टी इस वक्त कई तरह की कानूनी और प्रशासनिक मुश्किलों में घिरी हुई. ऐसे में पार्टी को ताकतवर रखने के लिए उन्हें दिल्ली में रहना ही होगा.
4. भगवंत मान कमजोर न दिखें
अगर केजरीवाल पंजाब से राज्यसभा जाते हैं तो इससे मुख्यमंत्री भगवंत मान की अथॉरिटी को लेकर सवाल उठ सकते हैं. पंजाब में विपक्षी पार्टियां यह कह सकती हैं कि असली ताकत तो केजरीवाल के हाथ में है. इससे मान की छवि कमजोर हो सकती है. अरविंद केजरीवाल ये नहीं चाहेंगे कि भगवंत मान कभी कमजोर और छोटा नजर आएं.
5. चुनावी तैयारियों के मद्देनजर
दिल्ली हार जाने से आम आदमी पार्टी की चुनौतियां जरूर बढ़ी हैं, लेकिन ताकत अभी कम नहीं हुई है. उसके पास अभी भी कैडर और कार्यकर्ताओं की मजबूत फौज है. इन्हें एकजुट कर केजरीवाल पार्टी को नई शक्ति देना चाहेंगे. अगर वे राज्यसभा जाते हैं तो मैसेज जाएगा कि वे चुनावी राजनीति से किनारा कर रहे हैं, जिसका पार्टी के मनोबल पर बुरा असर होगा.
New Delhi,New Delhi,Delhi
February 25, 2025, 19:31 IST
Source link