अजब गजब

पाकिस्तानी जेलों में किस हाल में जी रहे भारतीय मछुआरे? कैदियों की भेजी चिट्ठी में लिखी हैं खौफनाक बातें

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प्रतीकात्मक फोटो

गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में मंगलवार को 22 भारतीय मछुआरे पहुंचे। इन मछुआरों को पाकिस्तान की कराची जेल से रिहा किया गया था। ये मछुआरे 2021 और 2022 के बीच अरब सागर में मछली पकड़ने के दौरान पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए गए थे। मछुआरों ने रिहा होकर स्वदेश लौटने पर खुशी जाहिर की और पाकिस्तान की जेलों में बंद अन्य भारतीय मछुआरों की रिहाई की प्रक्रिया में तेजी लाए जाने की मांग की।

वेरावल के मत्स्य पालन सहायक निदेशक, वीके गोहेल ने बताया कि अभी भी पाकिस्तान की जेलों में करीब 195 भारतीय मछुआरे बंद हैं। इस समूह में 18 मछुआरे गुजरात के, 3 दीव के और 1 उत्तर प्रदेश का निवासी है। गुजरात सरकार ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने केंद्र सरकार से मछुआरों की रिहाई का अनुरोध किया था।

अन्य मछुआरों की स्थिति बताई

गोहेल ने बताया कि इन मछुआरों को कुछ दिन पहले वाघा बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया था। वे सोमवार शाम ट्रेन से वडोदरा पहुंचे, जिसके बाद मंगलवार को बस के जरिए गिर सोमनाथ जिले के वेरावल पहुंचे, जहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए पाकिस्तानी जेलों में बंद अन्य मछुआरों की स्थिति पर चिंता जाहिर की। एक मछुआरे ने कहा, “वे बीमारियों से पीड़ित हैं और खाने-पीने की समस्या झेल रहे हैं। वे गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे हैं।”

“हम सभी 22 लोग बीमार हैं” 

एक अन्य मछुआरे ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, “साढ़े तीन साल पहले गुजरात तट से मछली पकड़ते समय पकड़ा गया था।” उन्होंने कहा, “हम सभी 22 लोग बीमार हैं और अभी भी कई मछुआरे वहां कैद हैं। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द रिहा करवाने के लिए हर संभव प्रयास करें, क्योंकि वहां की जेलों में बहुत दिक्कतें हैं।”

“150 मछुआरों के साथ अन्याय”

रिहा हुए मछुआरों ने अपने साथ पाकिस्तानी जेलों में बंद अन्य भारतीय मछुआरों का एक पत्र भी लाए हैं, जिसमें उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त की है। पत्र में लिखा है, “हम यहां 150 मछुआरे हैं। दो साल पहले पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने हमें रिहा कर दिया था, लेकिन हम अब भी जेल में बंद हैं। जेल में तनाव के कारण लगभग सभी मछुआरे मानसिक रोगी हो गए हैं। हम बीमार हैं, सांस लेने में तकलीफ हो रही है और त्वचा संबंधी रोगों से पीड़ित हैं, फिर भी यहां से सिर्फ 22 मछुआरों को ही रिहा किया गया है। बाकी 150 मछुआरों के साथ अन्याय हो रहा है। यहां कोई नहीं है जो हमारी स्थिति को समझे।”

“2014 से अब तक 2,639 मछुआरों को वापस लाया गया”

गुजरात के 18 मछुआरों में से 14 गिर सोमनाथ जिले से, 3 देवभूमि द्वारका से और 1 राजकोट से है। विदेश मंत्रालय ने 12 दिसंबर 2024 को लोकसभा में बताया कि वर्ष 2014 से अब तक पाकिस्तान से कुल 2,639 भारतीय मछुआरों को वापस लाया गया है। पाकिस्तान की हिरासत में 1 जुलाई 2024 तक 209 भारतीय मछुआरे थे, जिनमें से वर्ष 2021 से 51 मछुआरे, वर्ष 2022 से 130 मछुआरे, वर्ष 2023 से 9 मछुआरे और 19 मछुआरे वर्ष 2024 से जेल में बंद हैं। (इनपुट- भाषा)

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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