ये आर्टिस्ट न पेंट यूज करता है, न ब्रश…हाथ के नाखून से बना देता है पेंटिंग…देखकर चौंक जाएंगे

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Tamil Nadu: तंजावुर संग्रहालय में आयोजित कुंभकोणम सरकारी कला महाविद्यालय की प्रदर्शनी में 400 से अधिक पेंटिंग और मूर्तियां प्रदर्शित की गईं. प्रोफेसर अरुल अरासन ने नाखून से अनोखी पेंटिंग बनाकर दर्शकों को चौंका …और पढ़ें
अनोखी नाखून पेंटिंग
तमिलनाडु सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग के तहत संचालित कुंभकोणम सरकारी कविन कला महाविद्यालय की ओर से तंजावुर संग्रहालय में भव्य चित्रकला और मूर्तिकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. यह प्रदर्शनी कला प्रेमियों के लिए एक खास आकर्षण बनी, जिसमें कई अनूठी कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं.
400 से अधिक कलाकृतियों की अनोखी प्रदर्शनी
इस प्रदर्शनी में कुंभकोणम सरकारी कविन कॉलेज ऑफ आर्ट्स के रंग कला, दृश्य सूचना डिजाइन और मूर्तिकला विभाग के 220 छात्रों द्वारा बनाई गई 400 से अधिक कलाकृतियां शामिल की गईं. इनमें तेल चित्रकला, ऐक्रेलिक चित्रकला, जल रंग चित्रकला जैसी पेंटिंग के साथ-साथ लकड़ी, मिट्टी और धातु की मूर्तियां भी प्रदर्शित की गईं. इसके अलावा जागरूकता पोस्टर, फोटो और कंप्यूटर ग्राफिक्स से तैयार कलाकृतियां भी लोगों को खूब आकर्षित कर रही थीं.
छात्रों ने लाइव पेंटिंग कर लोगों को किया मंत्रमुग्ध
प्रदर्शनी का एक खास आकर्षण यह रहा कि छात्रों ने मौके पर ही आम लोगों और अन्य छात्रों के अनुरोध पर उनके चित्र बनाए और उन्हें भेंट किया. इस अनूठे प्रयास ने प्रदर्शनी में आए दर्शकों को बेहद खुश कर दिया और उन्होंने छात्रों की कला की सराहना की.
प्रोफेसर अरुल अरासन की अनोखी कला ने बटोरी वाहवाही
प्रदर्शनी में कॉलेज के प्रोफेसर और प्रसिद्ध कलाकार अरुल अरासन ने अपनी अनूठी कला का प्रदर्शन कर सभी को चौंका दिया. उन्होंने फॉयल पेपर पर सिर्फ 5 मिनट में अपने नाखून से एक अद्भुत चित्र तैयार कर दिया. उनकी इस कला को देखकर लोग दंग रह गए.
“यह कला हर किसी के लिए आसान नहीं” – अरुल अरासन
प्रोफेसर अरुल अरासन ने बताया कि यह तकनीक दिखने में भले ही आसान लगती हो, लेकिन इसमें काफी बारीकियां होती हैं. इसे कोई भी सामान्य रूप से नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, “इस पेंटिंग के लिए न तो ब्रश की जरूरत होती है, न ही किसी रंग की. इसे पूरी तरह से नाखूनों की सहायता से सावधानीपूर्वक बनाया जाता है. यह एक अनूठी कला है, जिसे उपहार और यादगार के रूप में सहेजा जा सकता है.” उन्होंने यह भी बताया कि यह कला बाहरी बाजार में उपलब्ध नहीं है और इसका कोई अलग नाम भी नहीं है.
February 24, 2025, 20:08 IST
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