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अरबपति की बेटी, जीती थी लग्जरी लाइफ, फिर हुआ कुछ ऐसा पहुंच गई जेल

Agency:एजेंसियां

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वसुंधरा ओसवाल भारतीय अरबपति पंकज ओसवाल की बेटी हैं. उन्हें युगांडा पुलिस ने अपहरण और हत्या के एक झूठे केस में गिरफ्तार किया था. जेल में अमानवीय यातनाओं के बाद, मामला खारिज कर दिया गया.

भारतीय मूल के अरबपति पंकज ओसवाल की बेटी वसुंधरा ने जेल में दी गई यातनाएं बयान की हैं. (PTI फोटो)

हाइलाइट्स

  • वसुंधरा भारतीय मूल के अरबपति पंकज ओसवाल की बेटी हैं.
  • युगांडा पुलिस में अपहरण और हत्या के झूठे केस में गिरफ्तार किया था.
  • जेल में अमानवीय यातनाओं के बाद, मामला खारिज कर दिया गया.

वसुंधरा ओसवाल स्विट्जरलैंड में बेहद लग्जिरी लाइफ जी रही थी. वह भारतीय मूल के अरबपति पंकज ओसवाल की बेटी है, जिनका स्विटरलैंड की बर्फीली वादियों में आलीशान कोठी है. हालांकि वसुंधरा ओसवाल की जिंदगी कुछ ही महीनों में लग्जरी से जेल की चारदीवारी तक सिमट गई. 26 वर्षीय वसुंधरा को पिछले साल युगांडा पुलिस ने उनके पिता के पूर्व कर्मचारी के अपहरण और हत्या के झूठे आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि, कुछ समय बाद पता चला कि जिसे मरा हुआ बताया जा रहा था, वह तंजानिया में जिंदा मिला.

हालांकि इस दौरान वसुंधरा को युगांडा की जेल में अमानवीय यातनाओं का सामना करना पड़ा. उन्होंने दावा किया कि उन्हें खाने-पीने तक के लिए तरसाया गया, नहाने नहीं दिया गया और वॉशरूम तक जाने से रोका गया.

कैसे शुरू हुआ मामला?
वसुंधरा को 1 अक्टूबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 21 अक्टूबर को जमानत मिली. उन्होंने बताया कि उनकी गिरफ्तारी बिना किसी वैध सबूत और वारंट के हुई थी.

वसुंधरा के मुताबिक, युगांडा पुलिस ने जबरन उनके घर की तलाशी ली. जब उन्होंने सर्च वारंट मांगा, तो पुलिसवालों ने कहा, ‘यह युगांडा है, यहां हम कुछ भी कर सकते हैं, तुम यूरोप में नहीं हो.’

इसके बाद उन्हें इंटरपोल मुख्यालय ले जाने की बात कही गई, लेकिन जब उन्होंने उसी दिन जाने से मना कर दिया, तो एक पुरुष पुलिस अधिकारी ने जबरन उन्हें उठाकर वैन में डाल दिया.

‘वॉशरूम तक जाने की इजाजत नहीं’
पीटीआई को दिए इंटरव्यू में वसुंधरा ने कहा, ‘मुझे पांच दिन हिरासत में रखा गया और फिर दो हफ्ते जेल में डाल दिया गया. मेरी मानवाधिकारों की बुरी तरह अनदेखी की गई. न खाने को दिया गया, न पानी मिला.’

वह आगे कहती हैं, ‘मेरे माता-पिता को पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देकर वकीलों के जरिए मुझे भोजन और जरूरी सामान पहुंचाना पड़ा. एक बार तो मुझे वॉशरूम तक जाने की इजाजत नहीं दी गई, इसे मेरे लिए सजा बना दिया गया था.’

जेल में 2 हफ्तों तक किया गया अमानवीय व्यवहार
वसुंधरा को पहले सामान्य अपराधियों की जेल में रखा गया, लेकिन बाद में उन्हें खतरनाक कैदियों के साथ एक हाई-सिक्योरिटी जेल में भेज दिया गया. उन्होंने बताया कि उन्हें कई बार कोर्ट से ज़मानत मिलने के बावजूद अवैध रूप से हिरासत में रखा गया. उन्होंने कहा, ’10 अक्टूबर को जब यह साफ हो गया था कि जिसे मरा बताया जा रहा था, वह जिंदा है, उसके बाद भी मुझे जेल में रखा गया.’

जमानत के लिए 30,000 डॉलर मांगे गए!
वसुंधरा ने बताया कि उन्हें जमानत के लिए 30,000 अमेरिकी डॉलर और पासपोर्ट जमा करने को कहा गया. हालांकि, उन्होंने सभी दस्तावेज सौंप दिए, फिर भी उन्हें रिहा नहीं किया गया और 72 घंटे तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया.

19 दिसंबर 2024 को अदालत ने उनके खिलाफ मामला खारिज कर दिया, लेकिन वसुंधरा ने कहा कि युगांडा सरकार को अपनी गलती सुधारनी चाहिए. वसुंधरा कहती हैं, ‘हमने वहां व्यापार में निवेश किया था, लेकिन उनके सिस्टम की वजह से मुझे इतना कुछ सहना पड़ा. यह अब उनकी जिम्मेदारी है कि वे अपने सिस्टम को सुधारें.’

फिलहाल, वह कानूनी उपायों पर विचार कर रही हैं ताकि उन्हें जेल में झेलनी पड़ी पीड़ा का न्याय मिल सके.

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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