देश में पहली बार दो चीतों को एक संरक्षित क्षेत्र से दूसरे में ट्रांसफर किया जा रहा है। श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से दो नर चीते ‘पावक’ और ‘प्रभास’ को रविवार सुबह गांधीसागर अभयारण्य के लिए रवाना होंगे। करीब आठ घंटे के सफर के बाद दोनों को विशेष बाड़े में छोड़ा जाएगा। चीतों को बसाने के लिए मंदसौर के गांधीसागर अभयारण्य में लगभग 89 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विशेष व्यवस्था की गई है। 8,900 हेक्टेयर में बाड़ा और 6 से 8 चीतों के लिए क्वारंटाइन बोमा तैयार किया गया है। कई बार अफ्रीका और दिल्ली से टीमें दौरा कर चुकी हैं। अब चीतों का इंतजार खत्म होने वाला है। इस क्षेत्र में चीतों के लिए पर्याप्त वन्यजीव जैसे चीतल, चिंकारा, नीलगाय आदि मौजूद हैं ताकि उनका प्राकृतिक शिकार चक्र संतुलित रह सके।
40 ट्रेंड स्टाफ और 90 ‘चीता मित्र’ करेंगे निगरानी
शिफ्टिंग के बाद सुरक्षा के लिए वन विभाग ने 40 प्रशिक्षित कर्मचारियों और 90 स्थानीय ‘चीता मित्रों’ को तैनात किया है। पूरे क्षेत्र को तीन हिस्सों में बांटकर निगरानी की व्यवस्था की गई है, जिसमें एक बाड़ा 16 किलोमीटर की परिधि में बनाया गया है।
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एयर-कूल्ड वाहनों से होगी शिफ्टिंग
दोनों चीतों को ऐसे वाहनों में ले जाया जा रहा है जो पूरी तरह वातानुकूलित हैं। इनके साथ पशु चिकित्सकों और वन अधिकारियों की एक विशेष टीम भी जा रही है, जो ट्रांजिट के दौरान हर पल निगरानी रखेगी और वहां पहुंचने के बाद भी सात दिन तक चीतों की देखरेख करेगी।
2023 से बाड़े में रह रहे थे दोनों चीते, अब नया आवास मिलेगा
इन दोनों चीतों को पिछले साल गर्दन में संक्रमण के चलते निगरानी में रखा गया था। अब इनके पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद इन्हें गांधीसागर भेजा जा रहा है, जहां ये नए वातावरण में ढलने की प्रक्रिया से गुजरेंगे।
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शिफ्टिंग के बाद कूनो में 24 चीते रह जाएंगे
दो चीतों के स्थानांतरण के बाद कूनो नेशनल पार्क में अब 24 चीते रह जाएंगे, जिनमें से 17 जंगल में खुले में घूम रहे हैं। इनमें 13 भारत में जन्मे और 11 विदेशी मूल के चीते शामिल हैं।