मध्यप्रदेश

Alertness in MP after stampede in Hathras | हाथरस में भगदड़ के बाद एमपी में सतर्कता: बड़े धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण पर फोकस, कलेक्टर, एसपी करेंगे मौके पर विजिट – Bhopal News


एमपी में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जन्मदिन पर पिछले दिनों उमड़ी भीड़ (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई भगदड़ की घटना के बाद प्रदेश में सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार ने अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं। इसको लेकर गृह विभाग ने कहा है कि बड़े कार्यक्रमों में अव्यवस्था या भग

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गृह विभाग ने कहा है कि कलेक्टर और पुलिस आयुक्त ऐसे आयोजनों में आयोजकों को स्पष्ट व लिखित निर्देश जारी करें। यदि कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश एवं निकासी के लिये एक ही द्वार हो, तो कार्यक्रम के लिये अस्थायी द्वार बनाने अथवा किसी अन्य व्यवस्था द्वारा संभावित खतरे को कम करने के लिये आवश्यक प्रबंध किये जाये। आयोजन के दौरान अग्निशमन वाहनों, एम्बुलेंस आदि आपातकालीन वाहनों को व्यवस्थित रूप से रखने के लिए जगह तय किया जाये।

यह करना होगा धार्मिक कार्यक्रमों में

  • प्रशासन के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आयोजन स्थल का भ्रमण करें।
  • परिस्थितियों का आंकलन कर संभावित अव्यवस्थाओं को नियंत्रित करने के सभी प्रबंध कराएं।
  • जहां आयोजन हों वहां प्रवेश एवं निकास क्षेत्र में श्रद्धालुओं की संख्या निश्चित रखें
  • संभावित भगदड़ को रोकने के लिये आने और जाने के रास्तों पर बैरिकेडिंग कराएं।
  • भीड़ पर समुचित नियंत्रण के सभी प्रयास किए जाएं।
  • विपरीत दिशा में अचानक बढ़ती भीड़ को रोकने एवं अत्यधिक भीड़ के बीच होने वाले टकराव को रोकने की भी व्यवस्था की जाये।
  • श्रद्धालुओं के आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते तय होने चाहिए, यथासंभव महिला-पुरुष के लिए अलग लाइन रहे।
  • लोगों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे, लाउडस्पीकर की व्यवस्था, वॉच टावर की व्यवस्था रखी जाये।
  • यातायात प्लान एवं जगह-जगह पर पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था त की जाए।
  • आयोजन स्थल पर चिकित्सा सुविधा व्यवस्था रखी जाए साथ ही चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाए। मौके पर एम्बुलेंस भी दवाईयों के साथ रखी जाए।

आपातकालीन व्यवस्थाओं का बेहतर प्रबंधन करें

निर्देशों में कहा गया है कि आपात स्थिति में भगदड़ रोकने के लिये आपातकालीन द्वार एवं प्रेशर रिलीज प्वाइन्ट पूर्व से ही चिन्हित कराएं। उसे आपात स्थिति के दौरान खोलने के लिये प्रक्रिया निर्धारित की जाए। कार्यक्रम स्थल पर अग्निशमन यंत्रों को आयोजकों द्वारा लगाया जाना तय किया जाये। कार्यक्रम स्थल पर समुचित बिजली, शुद्ध पेय जल एवं सुलभ शौचालय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। विद्युत एवं पानी की व्यवस्था का अचानक तथा लंबे समय तक ठप्प होने की स्थिति में वैकल्पिक साधनों जैसे कि जनरेटर, पानी के टेंकर इत्यादि की व्यवस्था की जाये।

आयोजन स्थल के नजदीक नदी-नाला होने पर अस्थायी पूल बनायें

आयोजन स्थल के पास नदी, नाला आदि हो तो वहां सेवादार अथवा पुलिस बल की तैनाती के साथ नाव तथा गोताखोर की व्यवस्था रखी जाये और यदि उसे पार करने के लिए स्थाई पुल न हो तो अस्थाई पुल का निर्माण कराया जाए।

प्रसाद, उपहार वितरण की व्यवस्थाओं का बेहतर प्रबंधन हों

उपहार, भोजन, प्रसाद,कंबल आदि के मुफ्त वितरण के दौरान भगदड रोकने की व्यवस्था की जाये एवं अधिक भीड़ होने पर सामग्री के वितरण पर प्रतिबंध लगाने के लिये आयोजकों को पर्याप्त निर्देश दिये जाये।

वॉलंटियर्स का समुचित प्रबंध एवं प्रशासन का प्रभावी नियंत्रण रहें

वृहद स्तर पर होने वाले सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों के पूर्व आयोजकों द्वारा प्रति 500 व्यक्तियों की भीड़ पर समुचित सेवादारों (वॉलंटियर्स) का प्रबंध किया जाये, इन सेवादारों (वॉलिंटियर्स) के अलावा पुलिस प्रशासन भी अपने बल से भीड़ नियंत्रण एवं भगदड़ रोकथाम के लिये प्रभावी रूप से नियंत्रित करें। निर्देशों में कहा गया है कि सांप, बम आदि की अफवाह भी भगदड़ का कारण बन सकती है। ऐसी स्थितियों पर नियंत्रण के लिये आयोजकों द्वारा लाउडस्पीकर एवं अन्य ध्वनियंत्रों से एनाउन्समेंट कराया जाये।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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