Lawyers protested in Bhind, | भिंड में वकीलों ने किया विरोध-प्रदर्शन: अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 वापस लेने की मांग, सचिव बोले- ये अधिकारों का हनन है – Bhind News

भिंड में वकीलों ने मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन।
भिंड में अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ भिंड अधिवक्ता संघ ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। बिल के खिलाफ नारेबाजी की और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। संघ ने बिल को अधिवक्ता विरोधी बताते हुए इसे तुरंत निरस्त करने की मांग की।
.
अधिवक्ताओं ने गिनाई आपत्तियां
भिंड अधिवक्ता संघ के सचिव हिमांशु शर्मा ने बताया कि प्रस्तावित संशोधन वकीलों के संवैधानिक अधिकारों का हनन करते हैं और उनकी स्वतंत्रता पर चोट पहुंचाते हैं।
अधिवक्ताओं ने इन आपत्तियों पर जताया विरोध
1. हड़ताल पर रोक
संशोधित अधिनियम की धारा 35A के तहत वकीलों को कोर्ट के कामकाज से हड़ताल या बहिष्कार करने से रोका गया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है, जिसे छीना नहीं जा सकता।
2. संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन
अधिवक्ता संघ का कहना है कि यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) का उल्लंघन करता है।
3. अनुचित जुर्माने का प्रावधान
धारा 35 के तहत अधिवक्ताओं पर 3 लाख रुपए या उससे अधिक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अधिवक्ताओं ने इसे अनुचित और पक्षपातपूर्ण करार दिया।
4. झूठी शिकायतों पर कोई सुरक्षा नहीं
संशोधन के अनुसार, झूठी शिकायत करने वाले पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगेगा, लेकिन अगर वकीलों पर झूठे आरोप लगते हैं, तो उनके लिए कोई सुरक्षा का प्रावधान नहीं किया गया है।
5. बिना जांच निलंबन का अधिकार
बार काउंसिल ऑफ इंडिया को किसी भी अधिवक्ता को तुरंत निलंबित करने का अधिकार दिया गया है। अधिवक्ताओं ने आशंका जताई कि यह प्रावधान दुरुपयोग को बढ़ावा देगा और बिना उचित जांच के उन्हें परेशान किया जा सकता है।
न्याय प्रणाली पर असर
अधिवक्ताओं ने कहा कि वकील न्याय प्रणाली का अहम हिस्सा होते हैं, लेकिन इस बिल के जरिए उनके अधिकारों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। अगर यह लागू हुआ तो न्याय प्रक्रिया प्रभावित होगी।
Source link