The failure of Morena police has boosted the morale of the miscreants | मुरैना पुलिस की नाकामी से बढ़े बदमाशों के हौसले: दो माह की प्लानिंग, 15 दिन की रिहर्सल फिर सड़क से झपटा था कारोबारी का बेटा – Gwalior News

ग्वालियर में 6 साल के शिवाय गुप्ता के अपहरण करने वालों ने पुलिस के सामने राज खोलना शुरू कर दिया है। पकड़े गए बदमाशों ने कुबूल किया है कि मुरैना में एक साल पहले (5 फरवरी 2024) शिवाय के मामा के बेटे के अपहरण में वे पकड़े नहीं गए थे, जिससे उनके हौसले बढ
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इसके बाद उन्होंने आखिरी 15 दिनों तक रिहर्सल की। वे बार-बार बच्चे के घर के पास आते और फिर मुरैना लौट जाते थे। इसके बाद, उन्होंने वारदात को अंजाम दिया, लेकिन पुलिस की घेराबंदी के आगे वे विफल हो गए।
इस अपहरण कांड में 7 आरोपियों में से 5 को गिरफ्तार कर लिया गया है। दो आरोपियों को मुरैना में शॉर्ट एनकाउंटर में घायल होने के बाद पकड़ा गया था, जबकि एक को ग्वालियर पुलिस ने शॉर्ट एनकाउंटर के दौरान गिरफ्तार किया।
मुरैना में पकड़े गए बदमाश
नहीं की बात, आंखें बंद कर लेटा रहा भोला
इलाज के बाद पुलिस अफसरों ने बदमाश भोला से बात करने का प्रयास किया, लेकिन वह चुप रहा और आंखें बंद करके लेटा रहा। जैसे ही पुलिस उससे दूर जाती, वह अपनी आंखें खोल लेता था, लेकिन पुलिस के आते ही वह फिर से आंखें बंद कर लेता था। उसकी इस हरकत के चलते पुलिस अभी उससे पूछताछ नहीं कर पाई है।
आरोपियों को आज मुरैना ले जाएगी पुलिस
अपहरण की योजना बनाने वाले चाचा भूरा और उसके भतीजे मोनू को शुक्रवार को पुलिस की टीमें मुरैना ले जाएंगी और उस मकान की जांच करेंगी, जहां शिवाय को बंधक बनाकर रखा गया था। इसके बाद, पुलिस उस स्थान पर भी जाएगी जहां बच्चे को काजी बसई में छोड़कर आए थे। इस पूरी घटना का सीन रिक्रिएशन किया जाएगा।
दो की तलाश में पुलिस दे रही दबिश
शिवाय के अपहरण मामले में मुरैना पुलिस ने दो अपहरणकर्ताओं, राहुल गुर्जर और बंटी कंसाना को माता बसैया इलाके से शॉर्ट एनकाउंटर में पकड़ा था। इसके बाद, ग्वालियर पुलिस ने वारदात के मास्टरमाइंड भूरा और मोनू को गिरफ्तार कर लिया।
इसके अलावा, तिघरा इलाके से भोला गुर्जर को भी शॉर्ट एनकाउंटर में पकड़ा गया। अब इस मामले में राहुल कंसाना और धम्मू उर्फ धर्मेंद्र सिंह गुर्जर की गिरफ्तारी बाकी है। दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की चार टीमें मुरैना और अन्य जिलों में दबिश दे रही हैं, ताकि इस पूरे मामले का पटाक्षेप किया जा सके।
माधव के अपहरण में थे यह शामिल
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि शिवाय के अपहरण से ठीक एक साल पहले, उसके मामा के बेटे माधव के अपहरण का प्रयास राहुल गुर्जर, धम्मू उर्फ धर्मेंद्र किरार और पंकज राजपूत ने किया था। राहुल को मुरैना पुलिस ने पकड़ लिया है, जबकि धम्मू और पंकज अभी भी फरार हैं।
पुलिस के तेवर और भीड़ का आक्रोश देखकर घबरा गए थे बदमाश
पुलिस को पता चला है कि अपहरण के बाद, पुलिस और परिजनों की प्रतिक्रिया जानने के लिए भूरा, शिवाय के पिता और शक्कर कारोबारी राहुल गुप्ता के घर पहुंचा था। वहां पुलिस की तैयारियों, उनके तेवर और स्थानीय लोगों के आक्रोश को देखकर वह घबरा गया। वापस अपने साथियों के पास पहुंचकर उसने पूरी स्थिति बताई। इसके बाद, बच्चे को छोड़ने की योजना बनाई गई और उस पर अमल किया गया।
ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में हुआ घाटा
बताया गया है कि कुछ समय पहले, भूरा और राहुल ने ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय किया था, जिसमें उन्हें घाटा हुआ था। अपने कर्ज को चुकाने के लिए ही उन्होंने अपहरण की योजना बनाई थी। भूरा और मोनू का राहुल के मामा के घर आना-जाना था, और जब भी उन्हें परेशानी होती थी, वे उनसे मदद मांगते थे। इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि इस मामले में भी वे उनसे मदद मांगेंगे और पूरा मामला आसानी से निपट जाएगा।
दो आरोपी अब भी फरार
इस मामले में एसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने बताया कि शिवाय अपहरण मामले में एक बदमाश को पुलिस ने शॉर्ट एनकाउंटर में पकड़ा है, जबकि दो अन्य बदमाशों को भी गिरफ्तार किया गया है। दो आरोपी मुरैना में न्यायिक हिरासत में हैं। अब दो आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं।
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