डेली न्यूज़मध्यप्रदेश

कलेक्टर संदीप जीआर की सादगी तथा मानवीय संवेदना की मुक्त कंठ से हो रही तारीफ…

Rajesh Chaurasia

दिव्यांग से जमीन पर बैठकर उसका आवेदन लिया, समस्या के समाधान का आश्वासन दिया

अब दिव्यांगों की सुनवाई के लिए अलग से होगी व्यवस्था…

कलेक्टर संदीप जीआर की सादगी तथा मानवीय संवेदना की मुक्त कंठ से तारीफ हो रही है। आज जनसुनवाई में एक दिव्यांग का शिकायती आवेदन उन्होंने जिला पंचायत में जमीन में बैठकर लिया और गंभीरतापूर्वक उसकी समस्या को सुनते हुए तत्काल समाधान के निर्देश जारी किए। 

जमीन पर बैठे कलेक्टर…

मामला कलेक्ट्रेट और जिला पंचायत परिसर का है जहां मंगलवार को जनसुनवाई चल रही थी। इसमें पड़रिया क्षेत्र के रौरा गांव से दिव्यांग गिरधारीलाल अहिरवार ग्रामीणों की समस्या लेकर आया था। इसी दौरान कलेक्टर संदीप जी आर जनसुनवाई के लिए सभा कक्ष में जाने के लिए गुजरना हुआ तो रास्ते में उन्होंने जमीन पर दिव्यांग को बैठा देखा तो बरबस रुक गए और उससे समस्या पूछी तो उसने जेब से आवेदन निकाला। जिसे देख कलेक्टर बकायदा दिव्यांग के समकक्ष जमीन पर बैठ गए और उसका आवेदन पढ़ा।

शासकीय आंगनवाड़ी भवन नहीं

दिव्यांग ने कलेक्टर को आवेदन देकर कहा कि उसके यहां गांव रौरा में शासकीय आंगनवाड़ी भवन नहीं है। आंगनवाड़ी हरिजन समाज की धर्मशाला भवन में लगती है। जिससे सामाजिक लोगों और ग्रामीणों को भारी परेशानी होती है वह और ग्रामीण चाहते हैं कि आंगनवाड़ी के लिए शासकीय भवन का निर्माण हो और आंगनवाड़ी उसमें लगे। जिस पर कलेक्टर ने भवन बनवाने का आश्वाशन दिया है।

कलेक्टर ने कहा कि यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। मैं निकला तो दिव्यांग रास्ते में बैठा था। मैनें देखा तो रूक गया और उससे पूछा। वह दिव्यांग था जमीन पर बैठा था खड़ा नहीं हो सकता था तो मैं खुद भी उसके समकक्ष जमीन पर बैठ गया। उससे बात कर उसकी समस्या जानी और समस्या का समाधान करने की बात कही।

अब दिव्यांगों की सुनवाई के लिए अलग से होगी व्यवस्था…

कलेक्टर संदीप जी आर ने जनसुनवाई के दौरान देखा कि दिव्यांगों को जनसुनवाई में आने में काफी दिक्कतें जोती हैं। जिसके चलते उन्हें परेशानियों का समाना करना पड़ता है। दिव्यांगों की समस्या को लेकर कलेक्टर ने जिला पंचायत CEO तपस्या सिंह को तत्काल प्रभाव से आदेशित किया कि अबसे दिव्यांगजनों की समस्यांए बाहर ही बेहतर व्यवस्था बनाकर सुनी जाए ताकि उन्हें यहां तक भीड़ में चलकर न आना पड़े।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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