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सरकार ने लगाए 16 लाख, दिल्ली की इस जोड़ी ने बना डाला कागज का पेन

Agency:NEWS18DELHI

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Delhi Startup : 4 साल की रिसर्च के बाद एक ऐसा तरीका खोज निकाला, जिससे रीफिल से भी प्लास्टिक हटाई जा सके. एक खास तकनीक से पेपर से रीफिल बनाई गई. इसमें वेजिटेबल ऑयल भी लगाया गया.

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दिल्ली की इस स्टार्टअप कंपनी ने बनाया है कागज का पेन और रिफिल

हाइलाइट्स

  • सौरभ और शिवानी ने पेपर पेन का स्टार्टअप लॉन्च किया.
  • स्टार्टअप इंडिया से 16 लाख की फंडिंग मिली.
  • पेपर पेन पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं है.

दिल्ली. अगर आप कहीं भी पेन खरीदेंगे तो जाहिर है प्लास्टिक वाला ही मिलेगा. लेकिन कुछ ही जगहें ऐसी भी हैं जहां बायोडिग्रेडेबल पेन भी मिल सकता है. ये एक ऐसा पेन है, जिसमें न के बराबर प्लास्टिक होता है. इससे पर्यावरण पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है. दिल्ली के रहने वाले सौरभ मेहता ने 2018-19 में अपनी पत्नी शिवानी मेहता के साथ मिलकर इस पेन को बनाने का स्टार्टअप लॉन्च किया. उन्होंने 2021 में कंपनी भी रजिस्टर करा ली.

लोकल 18 से बात करते हुए सौरभ कहते हैं कि 70 साल पहले जो पेन बना होगा, वो आज भी धरती पर कहीं न कहीं पड़ा होगा. इस पर किसी का भी ध्यान नहीं है. यही प्लास्टिक आने वाले कुछ वर्षों में धरती पर नॉन बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक की मात्रा और भी बढ़ा देगी. उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए पेपर पेन बनाया है. ये पेन प्लास्टिक की जगह पेपर से बना हुआ है. पेन में मुश्किल से 5 फीसदी हिस्सा ही काम का होता है. ये 5 फीसदी हिस्सा पेन की निब और उसकी स्याही है. बाकी रीफिल से लेकर पेन की बॉडी तक, सारा प्लास्टिक का होता है.

आई ये मुश्किल
सौरभ के अनुसार, पेपर पेन बनाते हुए उन्हें ज्यादा मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा था. लेकिन जब वो पेन की रिफिल बना रहे थे, तो उन्हें सबसे ज्यादा मुश्किल आ रही थी. फिर 4 साल की रिसर्च के बाद उन्होंने एक ऐसा तरीका खोज निकाला, जिससे रीफिल से भी प्लास्टिक हटाई जा सके. उन्होंने एक खास तकनीक से पेपर से रीफिल बनाई. इसमें अंदरूनी सतह पर वेजिटेबल ऑयल लगा होता है, जिसके चलते इंक बाहर नहीं आती. ये वेजिटेबल ऑयल एक बैरियर का काम करता है. ये पेन दिखने और चलने में बिल्कुल रेगुलर पेन जैसा होता है, लेकिन अच्छी बात ये है कि इससे इंक लीक नहीं होता है.

स्टार्टअप इंडिया से 16 लाख की फंडिंग
सौरभ कहते हैं कि उनके स्टार्टअप को भारत सरकार की तरफ से चलाई जा रही ‘स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम’ के तहत करीब 16 लाख रुपये का ग्रांट मिला है. इन पैसों का इस्तेमाल कंपनी ने प्रोडक्ट डेवलपमेंट में किया गया. अभी तक ये स्टार्टअप बूटस्ट्रैप्ड है, लेकिन आने वाले वक्त में और भी ज्यादा मदद की जरूरत होगी.वो चाहते हैं कि इस मार्केट के बड़े प्लेयर भी उनके साथ इस काम को आगे बढ़ाएं.

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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