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Census 2021: अगले आदेश तक स्थगित की गई जनगणना, केंद्रीय मंत्री ने संसद में दी जानकारी

नई दिल्ली. 2021 की जनगणना (Census 2021) पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद में बड़ी जानकारी दी है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जनगणना को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है. राय ने कहा  2021 की जनगणना आयोजित करने के लिए सरकार की मंशा 28 मार्च 2019 भारत के राजपत्र में अधिसूचित की गई थी. कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के प्रकोप के चलते जनगणना और इससे जुड़ी गतिविधियों में देरी हुई है और अगले आदेश तक इसे स्थगित कर दिया गया है.

बता दें कि सरकार ने जनगणना संबंधी नियमों में संशोधन किया है, लिहाजा यदि देश के नागरिक चाहें तो आगामी जनगणना में ऑनलाइन माध्यमों के जरिये जानकारी प्रदान कर सकेंगे. इस दौरान वे कागज और इलैक्ट्रॉनिक दोनों माध्यम से प्रश्नों का जवाब दे सकेंगे. संशोधित नियमों के अनुसार घर-घर जाकर जनगणना संबंधी जानकारी हासिल करने की कवायद पहले की तरह जारी रहेगी. घर-घर जाकर जानकारी एकत्र करने और एनपीआर को अपडेट करने की कवायद 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2020 के बीच पूरी की जानी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी फैलने के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था.

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राजीव गांधी फाउंडेशन का पंजीकरण किया गया रद्द
वहीं नित्यानंद राय ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम को लेकर जानकारी दी कि पिछले तीन सालों के दौरान एफसीआरए, 2010 के प्रावधानों के उल्लंघन के कारण विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 की धारा 14 के तहत 1,811 संघों के एफसीआरए पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि एफसीआरए की धारा 12(4) (ए) (vi) के तहत पंजीकरण की शर्तों और धारा 11 के प्रावधानों के उल्लंघन के कारण राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए लाइसेंस विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 की धारा 14 के तहत रद्द कर दिया गया था.

बता दें इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-06 और 2006-07 के वित्तीय वर्ष में चीनी दूतावास से 1 करोड़ 35 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ था, जो कानून और उसकी मर्यादाओं के अनुरूप नहीं था इसलिए गृह मंत्रालय ने फाउंडेशन का एफसीआरए (विदेशी अनुदान नियमन कानून) पंजीकरण रद्द किया.

Tags: Census, Loksabha, Nityanand Rai


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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