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ऑफिस के लिए खोदी जा रही थी जमीन, तभी मजदूरों का ठनका माथा, मिला प्राचीन मंदिर, अहिल्या देवी होल्कर से कनेक्शन

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Ancient Temple: महाराष्ट्र के एक जिले में खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिर से वहां के लोंगों में हंगामा बच गया. इस मंदिर को अहिल्या देवी होल्कर के समय का बताया जा रहा है. मंदिर उस वक्त मिला, जब एक स्थानीय ऑफिस के ल…और पढ़ें

जालना में खुदाई के दौरान मंदिर मिलने की बात कही जा रही है.

मुंबई. जालना जिले के अंबड में खुदाई के दौरान एक प्राचीन मंदिर मिला है. संभव है कि यह मंदिर अहिल्या देवी होल्कर से जुड़ा हो. अंबड को अहिल्या देवी होल्कर के निजी परगने में एक शहर के रूप में जाना जाता है. पुण्यश्लोक अहिल्या देवी की अनेक ऐतिहासिक बातें अंबड में मिलती हैं. यह प्राचीन मंदिर उपमंडल अधिकारी कार्यालय की रक्षा दीवार के नव निर्माण के लिए नींव खोदते समय मिला था.

पुराने तहसील ऑफिस की बिल्डिंग अहिल्या देवी होल्कर के निजी परगना अंबड शहर में एक चार मंजिला इमारत थी. होलकर काल में कमाविसदार (टैक्स वसूली करने वाला) वहां बैठते थे. बाद में निज़ाम होल्कर संधि के बाद निज़ाम तहसीलदार अंबड कचेरी के प्रभारी थे. तब से इस इमारत की पहचान तहसील कार्यालय के रूप में की गई है और इमारत के तीन टावर नष्ट हो चुके हैं.

मंत्री के घर के सामने और ओझा के घर के बगल में लगे टावर की मापी की जा रही है. हाल ही में पुराने तहसील कार्यालय को ध्वस्त कर दिया गया और वहां उपविभागीय अधिकारी कार्यालय की एक नई संरचना का निर्माण किया गया है. रक्षा दीवार के निर्माण के लिए नींव खोदते समय 10 फीट चौड़ी और 8 दस फीट ऊंची दीवार मिली है. पास में ही नारायण मंदिर की दीवार है और पुराने निर्माण के हिस्से को खोलकर उसकी जांच करना जरूरी है.

न्यूज18 मराठी में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पुराने जानकार लोग इस स्थान को मंदिर बताते हैं और आसपास बिखरे हुए मंदिर के खंडहर देखे जा सकते हैं. इसलिए इसे देखने के लिए नागरिकों की भारी भीड़ जमा हो गई थी. हालांकि भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन काफी सावधानी के साथ अपना काम कर रही है.

अहिल्याबाई होल्कर (1725-1795) भारत में मराठा मालवा साम्राज्य की रानी थीं. वह एक दूरदर्शी शासक थीं, जो लोगों के कल्याण में अपने योगदान के लिए जानी जाती हैं. यही वजह है कि लोग उनके नाम में देवी लगाते हैं.

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ऑफिस के लिए खोदी जा रही थी जमीन, तभी मजदूरों का ठनका माथा, मिला प्राचीन मंदिर


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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