मेहनत व लगन से किसान ने बदली किस्मत, बैर की खेती से लाखों में पहुंचाई इनकम

कृष्ण कुमार/नागौर. नागौर का एक ऐसा किसान जिन्होनें रेतीली जमीन होने के बावजूद भी अपनी जमीन पर कश्मीरी सेब जैसे फल यानी बैर की खेती की. यह पहले शख्स है जिन्होंने नागौर मे सबसे पहले बड़े स्तर पर बागवानी की खेती की और अपनी सूझबूझ के कारण इसमें सफलता हासिल की है. हम बात कर रहे हैं किसान मनसाराम उनके बेटे सगाराम की.
किसान के बेटे सगराम बताते है कि पिताजी ने उस वक्त राज्य सरकार की मदद से जयपुर से दो किस्म के बैर लगाकर वैज्ञानिकों की मदद से वैज्ञानिक तरीके से ग्राफ्टेड बैर की खेती की. उस समय गोला बैर व कश्मीरी बैर की खेती की. खेती करने के लिए किसान ने सही विधि से पेड़ो की रुपाई की.
जैविक विधि का लिया सहार
सगराम बताते है कि मेरे पिता ने जब यहां पर खेती की तब जैविक विधि का सहारा लिया और किसी प्रकार का कैमिकल नही मिलाया. क्योंकि राजस्थान के पश्चिमी इलाके मे पानी की कमी रही है. जिसके कारण जैविक विधि का सहारा लिया गया. वहीं 30 बीघा खेत मे 1000 पेड़ लगाऐ और इन पेड़ो के बीच 15-15 फीट की दूरी रखी. जिसके कारण बीच मे रखी खाली जमीन पर अन्य फसलों की खेती करते थे. पिता की इस तकनीक से ही अब मैं खेती कर रहा हूँ.
इतनी प्राप्त होती है आय
किसान ने बताया कि बैर के सीजन मे चार से पांच लाख की आय प्राप्त हो जाती है. किसान का कहना है कि थाई एप्पल बैर, कश्मीरी बैर और गोला बैर की किस्म है. वही इनमें सबसे ज्यादा थाई एप्पल बैर की मांग ज्यादा रहती है. किसान ने बताया कि जब बैर के वृक्ष को लगाने के बाद उस पर फल लगने प्रारंभ हो जाते है तो उसके बाद प्रत्येक बैर के वृक्ष पर 500 रुपये तक खर्च आता है, जबकि 2500 रुपये के आस-पास प्रत्येक बैर के वृक्ष से आय प्राप्त हो जाती है.
बारिश का पानी लिया काम में
सगराम बताते है कि पानी की कमी होने के कारण खेत मे फॉर्म पौंड बनाये गए और बारिश का पानी एकत्रित कर पेड़ो में पानी दिया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : January 1, 2024, 13:19 IST
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