आतंकवादी संगठन ISIS की आर्थिक तंगी: भीख और जबरन वसूली पर निर्भर

Agency:News18Hindi
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इस्लामिक स्टेट के दहशतगर्दों का बुरा हाल है. आतंकवाद के लिए भीख उगाहे गए पैसों से अय्याशी करते जा रहे हैं. वे लोग ऐसे पैसे को अपनी निजी कंपनी खोलने के लिए भी कर रहे हैं. बता दें कि इनकी संगठन का खर्चा भीख के पै…और पढ़ें
भीख के पैसों से अय्याशी कर रहे हैं ISIS के आतंकी.
ISIS True Face: आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का एक धड़ा बुरे हाल से गुजर रहा है. इराक, सीरिया, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के बुरे दिन इस कदर आ गए हैं कि संगठन का खर्चा भीख के पैसों और स्थानीय मुस्लिम जनता से जबरन वसूली करके चलाना पड़ रहा है. आलम यह है कि आतंकवाद के लिए जो धन उगाही चंदे के जरिए की जाती है, उसका ज्यादातर भाग संगठन के सरगना अय्याशी करने और अपने हित की निजी कंपनियां खोलने में लगा रहे हैं. इस संगठन ने कुछ पोस्टर भी जारी किए हैं.
इस्लामी महीने में आईएसआईएस ने अलग-अलग भाषाओं में पोस्टर जारी किए थे, जिसमें उसने अपने तमाम समर्थकों को संगठन को पैसे दान करने की मांग की गई थी. यह पोस्टर अल बसाइर नाम के एक अज्ञात संगठन द्वारा बनाई गई थी. बाद में फुरसान अल-तरजुमा इस्लामिक स्टेट समूह ने इसे फ्रेंच अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में ट्रांसलेट किया. इन पोस्टरों का प्रयोग संगठन ने आधिकारिक और अनौपचारिक दोनों तरह के प्रचार में किया.
ISIS को दान देना मुसलमानों के लिए जरूरी
पोस्टरों में इस बात पर जोर दिया गया था कि आईएसआईएस का समर्थन करना सभी मुसलमानों के लिए अनिवार्य है. माना जा रहा है कि इन पोस्टरों के जरिए ज्यादा से ज्यादा धन उगाही करने की कोशिश की गई थी. इन पोस्टरों पर चंदा इकट्ठा करने वालों के लिए चेतावनी लिखी गई थी. कहा गया कि जो लोग दान इकट्ठा करते हैं और उसे मनमानी ढंग से वितरित करते हैं. उन्हें जल्द ही जवाबदेह ठहराया जाएगा. उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.
निजी कंपनी खड़ा कर रहे
आईएसआईएस ने बताया कि उन्हें खबर मिली कि पता चला था कि उनकी साइबर सुरक्षा के लिए नियुक्त ‘अफाक’ नामक एक संगठन ने अपने निजी जरुरतों के लिए धन उगाई की. फिर इस धन के जरिए एक निजी कंपनी खोली. इसमें संगठन के कुछ सरगना भी हिस्सेदार बताए जाते हैं. अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक और सीरिया इलाकों में संगठन का इतना बुरा हाल बताया जा रहा है कि अब उन्हें संगठन का खर्चा भीख के पैसों और स्थानीय मुस्लिम जनता से जबरन उगाही कर चलाना पड़ रहा है.
February 07, 2025, 11:14 IST
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