Memorable evening of Sindhi literature in Indore | इंदौर में सिंधी साहित्य की यादगार शाम: दिग्गज कहानीकार लक्ष्मण देव बिजलानी की तीन कहानियों का पठन कर समीक्षा की – Indore News

प्रीतम दास सभागृह में संस्कृति विभाग की संस्था सिंधी साहित्य अकादमी द्वारा प्रसिद्ध कहानीकार लक्ष्मण देव बिजलानी की स्मृति में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बिजलानी की तीन प्रमुख कहानियों – ‘सवाल’, ‘लोफर’ और ‘वंश खतरे में’ का पठन किया ग
.
कार्यक्रम में उपस्थित साहित्य प्रेमी
35 वर्षों के अनुभवों को साझा किया
कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार भगवान बाबाणी और नंद सनमुखानी ने कहानियों का पठन किया। सिंधी साहित्य अकादमी के निदेशक राजेश वाधवानी ने कहा कि अकादमी के पूर्व सचिव रहे बिजलानी को उनके शहर में याद करना विशेष महत्व रखता है। कार्यक्रम में अशोक मनवानी ने ‘सवाल’ कहानी की समालोचना के साथ उनके साथ बिताए 35 वर्षों के अनुभवों को साझा किया। अमर गोपालानी ने ‘लोफर’ और रश्मि रामानी ने ‘वंश खतरे में’ कहानी की गहन समीक्षा प्रस्तुत की। विशेष रूप से ‘वंश खतरे में’ कहानी की व्यंग्यात्मक शैली और गंभीर कथानक की सराहना की गई। इस यादगार आयोजन में इंदौर के साहित्य प्रेमियों ने बड़ी संख्या में शिरकत की और बिजलानी की कहानियों का आनंद लिया। कार्यक्रम के अंत में बिजलानी के परिजन ने अकादमी और साहित्य जगत का आभार व्यक्त किया।
वे मौन रहकर करते रहते थे लेखन
कार्यक्रम में विनीता मोटलानी ने दादा बिजलानी के कार्यों और जीवन पर रिसर्च पेपर पढ़ा। बिजलानी की बेटी रंजना असनानी ने कहा कि वे इस आयोजन से अभिभूत हैं। वे नहीं जानती थीं कि उनके पिता साहित्य में इतनी गहरी पैठ रखते हैं। वे मौन रहकर अपना लेखन करते रहते थे। इसके बारे में पूछने पर वे टाल दिया करते थे और उन्होंने कभी विस्तार से नहीं बताया कि इतनी सारी कहानी लिख डाली हैं। उनके जीवन के आखिरी वर्षों में उनकी किताबें प्रकाशित हुईं और वे किताबें पुरस्कृत भी हुईं। उन कहानियां सुनकर आज भाव विभोर हो गईं। इस आयोजन के लिए सिंधी साहित्य अकादमी और इंदौर के नागरिकों की आभारी हूं। कार्यक्रम में नंदलाल खथूरिया, नरेश फुंदवानी, राजेंद्र सचदेव, चंद्रभान चांदवानी, संगीता वाधवानी, भगवान दास कटारिया और सरिता मंगवानी सहित इंदौर के अनेक साहित्य प्रेमी कार्यक्रम में उपस्थित हुए। रंगमंच निर्देशक नमोश तलरेजा ने अतिथि स्वागत किया। विनीता मोटलानी ने संचालन किया।
Source link