Success Story: प्रोफेसर मोहम्मद ताहिर ने लिखी 30 से अधिक उर्दू की किताबें, 50 रिसर्च पेपर हुए पब्लिश, ये मिला पुरस्कार

Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:
Success story: यूपी के आजमगढ़ के प्रोफेसर मोहम्मद ताहिर का 50 से अधिक रिसर्च पेपर पब्लिश हो चुका है. इसके साथ ही वह 30 से अधिक उर्दू की किताबें लिख चुके हैं. उर्दू अकादमी लखनऊ की तरफ से ‘सीरत-ए-उम्महत-उल-मोमिनी…और पढ़ें
प्रोफेसर,मो. ताहिर
हाइलाइट्स
- प्रोफेसर ताहिर ने 50 से अधिक रिसर्च पेपर पब्लिश किए हैं.
- प्रोफेसर ताहिर ने 30 से अधिक उर्दू किताबें लिखी हैं.
- उन्हें खलील अब्बास सिद्दीकी अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा.
आजमगढ़: यूपी के आजमगढ़ जिले में कई ऐसी नामी हस्तियां हैं. जो लिटरेचर और साहित्य के क्षेत्र में बड़े-बड़े कीर्तिमान स्थापित कर चुक हैं. आजमगढ़ के सुप्रसिद्ध शिब्ली नेशनल कॉलेज में कार्यरत कई प्रोफेसर्स ने लिटरेचर के क्षेत्र में शोध किया है. इससे उनके साथ-साथ जिले का भी नाम रोशन हुआ है. इसी तरह आजमगढ़ के शिवली नेशनल कॉलेज के उर्दू के प्रोफेसर मोहम्मद ताहिर हैं, उन्होंने भी लिटरेचर के क्षेत्र में कई ऐसी उपलब्धियां हासिल की हैं, जिससे साहित्य के क्षेत्र में अपने साथ-साथ जिले का भी नाम रोशन किया है.
इस अवार्ड से किया जाएगा सम्मानित
हाल ही में प्रोफेसर ताहिर को पश्चिम बंगाल के लिटरेचर फील्ड में सम्मानित किया जाएगा. प्रोफेसर को उर्दू लिटरेचर के क्षेत्र में खलील अब्बास सिद्दीकी अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. यह अवार्ड सामाजिक कार्य एवं लिटरेचर के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करने पर दिया जाता है. लोकल 1 से बातचीत करते हुए प्रोफेसर ताहिर ने बताया कि उर्दू के क्षेत्र में उन्होंने 50 से अधिक रिसर्च पेपर पब्लिश किया है. भारत के अलावा उनके रिसर्च पेपर अमेरिका में भी पब्लिश हुए हैं.
अमेरिका में भी पब्लिश हुआ रिसर्च पेपर
प्रोफेसर ताहिर अपने करियर में 30 से अधिक उर्दू की किताबें लिख चुके हैं. वर्तमान में भी वह दो किताबों पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा लिखी गई किताबें कई भाषाओं में कश्मीरी, हिंदी, बंगाली एवं इंग्लिश आदि भाषाओं में ट्रांसलेट भी की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी उन्हें 2015 में उर्दू अकादमी लखनऊ की तरफ से उनकी किताब ‘सीरत-ए-उम्महत-उल-मोमिनीन’ के लिए 2 बार सम्मानित किया जा चुका है.
किताबें पढ़ना बेहद आवश्यक
उन्होंने बताया कि किताब पढ़ना बेहद आवश्यक होता है. वह आज भी हर दिन अपने शेड्यूल से समय निकालते हुए किताबें जरूर पढ़ते हैं. उन्होंने अपने घर में लाइब्रेरी भी बना रखी है. जहां बैठकर वह रोज 2 घंटे हर तरह की किताबें पढ़ना पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि आजकल लोग किताबों से ज्यादा मोबाइल में वक्त गुजारते हैं, लेकिन जो जरूरी चीजें हैं. वह आज भी किताबों से ही मिलेंगे. इसलिए पढ़ना कभी बेकार नहीं जाता है.
Azamgarh,Uttar Pradesh
February 05, 2025, 08:23 IST
Source link