मध्यप्रदेश

124 years old unique Ramleela of Vidisha | 124 साल पुरानी विदिशा की रामलीला की परंपरा: मैदान में घूम-घूमकर होता है पात्रों का अभिनय, सगे भाई निभा रहे बालि-सुग्रीव की भूमिका – Vidisha News

विदिशा में 124 सालो्ं से चली आ रही ऐतिहासिक रामलीला की परंपरा इस वर्ष भी मकर संक्रांति से शुरू हो गई है। इस रामलीला की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह चलित रामलीला है, जिसमें पात्र एक जगह पर नहीं, बल्कि पूरे मैदान में घूम-घूमकर लीलाओं का मंचन करते हैं।

.

बुधवार को हुए मंचन में बालि वध और सुग्रीव के राज्याभिषेक का प्रसंग दिखाया गया। इस मंचन को और भी रोचक बनाता है यह तथ्य कि बालि और सुग्रीव की भूमिका वास्तविक जीवन में भी सगे भाई निभा रहे हैं। नगरपालिका के वार्ड पार्षद अशोक बालि की भूमिका में हैं, जबकि उनके छोटे भाई और अधिवक्ता संतोष जाट सुग्रीव बने हैं। दोनों भाई पिछले 8 वर्षों से इन किरदारों को निभा रहे हैं और दर्शकों के बीच लोकप्रिय हैं।

रामलीला में दिखाए गए प्रसंग में बालि और सुग्रीव के बीच भीषण युद्ध हुआ, जिसमें अंततः भगवान राम ने अपने बाण से बालि का वध किया और सुग्रीव का राज्याभिषेक किया गया। इस ऐतिहासिक रामलीला को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग शाम होते ही मेला परिसर में जुट जाते हैं और देर रात तक लीलाओं का आनंद लेते हैं।

रामकथा के अनुसार, माता शबरी से मिलने के बाद राम की मुलाकात हनुमान और सुग्रीव से होती है, जिसके बाद बालि के प्रतिकार का निर्णय लिया जाता है। इस प्रकार की परंपरागत रामलीला विदिशा की सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है।

दोनों भाइयों ने निभाया बालि-सुग्रीव का किरदार

रामलीला में सुग्रीव का किरदार निभाने वाले छोटे भाई संतोष जाट पेशे से वकील हैं। वहीं उनके बड़े भाई अशोक जाट नपा में पार्षद हैं। दोनों भाइयों में भाईचारा और प्रेम है, लेकिन रामलीला में बालि और सुग्रीव का अभिनय करने के दौरान साल में एक बार दोनों के बीच युद्ध हो जाता है। वैसे दोनों ही भाई शांत स्वभाव के हैं। साल भर तक दोनों भाइयों में कोई बैर-भाव नहीं रहता है, लेकिन रामलीला में मंचन के दौरान दोनों के बीच युद्ध देखने के लिए परिवार के लोग भी मौजूद रहते हैं। रामलीला में गुरुवार 30 जनवरी को लंका दहन यानी अग्नि क्रीड़ा प्रसंग का मंचन किया जाएगा।

देखें रामलीला की झलकियां…


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!