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मां की बीमारी देख बेटे ने पढ़ाना शुरू किया कोचिंग, पैसा इकट्ठा कर की डॉक्टरी की पढ़ाई, अब गरीबों की फ्री में कर रहा इलाज!

Agency:News18 Uttar Pradesh

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Bahraich News: यूपी के बहराइच जिले के मोहल्ला शेख दाहिर के रहने वाले डॉक्टर अजीममुल्ला खान गौतम गाजी पॉली क्लीनिक नाम से अस्पताल चलाते हैं. उन्होंने बच्चों को कोचिंग पढ़ाकर डॉक्टर की डिग्री हासिल की है. वह गरीब…और पढ़ें

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मां की बीमारी देख बने डॉक्टर आज करते हैं गरीबों की मदद!

हाइलाइट्स

  • डॉक्टर अजीममुल्ला खान गरीबों का मुफ्त इलाज करते हैं.
  • उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर डॉक्टरी की पढ़ाई की.
  • गौतम गाजी मानव सेवा संस्थान 1996 में स्थापित किया.

बहराइच: यूपी के बहराइच जनपद के मोहल्ला शेख दाहिर की एक अनोखी कहानी है. यहां के रहने वाले डॉक्टर अजीमुल्ला खान जब 20 साल के थे तो उनकी मां बहुत बीमार थी. उनके पिता फल का ठेला लगा कर परिवार का पालन पोषण करते थे. उस समय उनकी आर्थिक स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं थी. उस समय उन्होंने ठाना कि वह एक दिन डॉक्टर बनकर गरीबों की मदद जरूर करेंगे. फिर उन्होंने डॉक्टर की डिग्री ली. इसके बाद ‘गौतम गाजी पॉली क्लीनिक’ के नाम से एक अस्पताल खोला. जहां वह गरीबों का इलाज करते हैं. जिन मरीजों के पास पैसा नहीं होता है वह उनका फ्री में इलाज करते हैं.

कठिन परिस्थितियों में पढ़ाई कर बने डॉक्टर

डॉक्टर अजीमुल्ला ने बताया कि पैसों की दिक्कत की वजह से पढ़ाई लिखाई चिराग की रोशनी में हुई. उनके पिताजी ठेले पर फल बेचकर परिवार का पालन पोषण करते थे. उस समय इतनी ज्यादा कमाई नहीं थी कि किसी अच्छे स्कूल में पढ़ाई कर सकें. वह सरकारी स्कूल से शिक्षा लेने के बाद बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया. वह ट्यूशन से मिलने वाले पैसों से डॉक्टरी की पढ़ाई की. फिर ‘गौतम गाजी पाली क्लीनिक’ के नाम से अस्पताल खोला, जिसमें वह गरीब असहाय लोगों का इलाज करते हैं.

इसके साथ ही 1996 में ‘गौतम गाजी मानव सेवा संस्थान’ का रजिस्ट्रेशन करवा कर 21 लोगों का ग्रुप बनवाया. ताकि जो गरीब असहाय हैं. साथ ही अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते हैं. उनके गांव क्षेत्र में जाकर स्वास्थ्य शिविर कैंप लगाकर उनकी मदद की जाए.

गौतम गाजी मानव सेवा संस्थान

डॉक्टर अजीमुल्ला खान ने यह संस्था 1996 में बनाई फिर रजिस्ट्रेशन करने के बाद इसमें उनके जान पहचान के हिंदू-मुस्लिम सभी धर्म के 21 मेंबर बने. यह संस्था कहीं से चंदा या कुछ नहीं लेती है. बल्कि 21 लोग मिलकर अपने पास से जो भी पैसे कलेक्ट करते हैं. उन्हीं पैसों से गरीबों की मदद की जाती है. फिर चाहे वह गरीब बेटी की शादी हो चाहे किसी गरीब का इलाज हो. यह संस्था जगह-जगह कैंप लगाकर लोगों की मदद करती है.

डॉक्टर अजीमुल्ला खान ने बताया कि जहां पर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुंच पाती हैं. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होते हैं. वहां पर वह जाकर खुद लोगों की मदद करते हैं. उनका मुफ्त इलाज करवाते हैं. अब तक उनकी संस्था अनगिनत लोगों का इलाज करवा चुकी है.

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मां की बीमारी देख बेटा परेशान, फिर डॉक्टर बन फ्री में कर रहा गरीबों का इलाज!


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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