Spent the night tossing and turning in the police station lockup | करोड़पति कॉन्स्टेबल ने लॉकअप में करवट बदलकर काटी रात: पार्टनर शरद की तबीयत बिगड़ी; संपत्ति को लेकर रिश्तेदारों से भी होगी पूछताछ – Bhopal News

आरटीओ के पूर्व करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा समेत उसके साथी चेतन गौर और शरद जायसवाल को गिरफ्तारी के बाद मंगलवार रात भोपाल के एक थाने के लॉकअप में रखा गया। वे रात करीब 1 बजे तक आपस में बातें करते रहे।
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सूत्रों ने बताया कि डिनर में उन्हें दाल, चावल और रोटी दी गई थी। चेतन और सौरभ ने करवटें बदलते हुए रात गुजारी। रात में शरद की तबीयत बिगड़ी तो उसे हमीदिया अस्पताल ले जाया गया।
बुधवार को लोकायुक्त ने तीनों से अलग-अलग पूछताछ की। इसमें सौरभ की 40 करोड़ रुपए की संपत्ति की पहचान की है। जो संपत्ति उसके नाम नहीं थी, वह उनके जबाव देने से बचा। सौरभ के रिश्तेदारों से भी पूछताछ की जाएगी।
सौरभ और चेतन के बयानों में विरोध देखने को मिला। वहीं, शरद एन्जायटी का बोलकर सवालों के जबाव देने से बचता रहा। तीनों के बयान लेने के बाद उनका आमना-सामना कराया जाएगा। पूछताछ के आधार पर पुलिस मामले में आरोपियों की संख्या में इजाफा कर सकती है।
फाइल : सौरभ, चेतन और शरद।
करोड़पति कॉन्स्टेबल मामले में अब तक की रिपोर्ट पढ़िए…
लोकायुक्त की कार्रवाई, थाने में आरोपी रखना मजबूरी
सूत्रों की माने तो लोकायुक्त परिसर में हवालात नहीं है। लिहाजा तीनों आरोपियों को पास के एक थाने में रखना मजबूरी था। थाने के हवालात के बाहर तीनों की सुरक्षा के लिए अलग से इंतेजाम किए गए। लोकायुक्त ने लॉकअप के बाहर अपने चार का गार्ड तैनात किए। इसके साथ पुलिस लाइन के पांच जवान भी थाने में तैनात रहे। तीनों ने रात 11 बजे से सुबह 8 बजे तक का समय लॉकअप में ही काटा।
सौरभ बोला- चेतन और शरद को बिजनेस पार्टनर
सौरभ शर्मा से सुबह लोकायुक्त की टीम ने सुबह करीब दो घंटे करोड़ों रुपए चल अचल संपत्ति, घर व स्कूल से बरामद सोने के जेवरात, कैश और चांदी की सिल्लियों के संबंध में जानकारी ली। सौरभ ने अधिकांश सवालों के जवाब देने से टाला, जो संपत्तियां उसके नाम थीं उन्हीं के जवाब दिए। उसने संपत्ति रियल एस्टेट कारोबार से जमीन और प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट कर बेचने से कमाना बताया। इसे उसने अपना फुल टाइम जॉब बताया।
रिश्तेदारों के नाम संपत्तियों के संबंध में उसने संपत्तियों के संबंध में उन्हीं से बात करने कहा। सौरभ ने चेतन और शरद को बिजनेस पार्टनर बताया है। दोनों को हर कारोबार की जानकारी है।
जहां भी उनके दस्तावेज इस्तेमाल किए चेतन और शरद को जानकारी होती थी। कई सरकारी दफ्तरों में वह स्वयं उपस्थित होकर प्रक्रिया पूरी कराते थे।

फाइल : मंगलवार को कोर्ट ले जाती लोकायुक्त की टीम।
चेतन बोला- पार्टनर नहीं, सौरभ का कर्मचारी हूं टीम ने चेतन से दोपहर करीब डेढ़ घंटे पूछताछ की। वह अपने पुराने ही बयानों पर कायम है। उसने बताया कि सौरभ के लिए कर्मचारी की हैसियत से काम करता है। जिन दस्तावेजों में उसे सौरभ का बिजनेस पार्टनर बताया गया, उसकी जानकारी उसे नहीं है। सौरभ के कहने पर किसी भी दस्तावेज पर साइन कर दिया करता था।
सौरभ के पास उसके कई अहम दस्तावेजों जैसे, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार, वोटर आईडी और पेन कार्ड की कॉपी है। वह मनचाही जगहों पर इन दस्तावेजों का इस्तेमाल करता था। पूछताछ के दौरान ही उसे पता लगा कि सौरभ ने उसके नाम से कोई पेट्रोल टैंक का भी अलाटमेंट करा रखा है।

बुधवार को शरद को कोर्ट में पेश किया गया।
शरद से नहीं हो सकी पूछताछ हिरासत में लिए जाने के बाद से ही शरद घबराहट की शिकायत कर रहा था। थाने के लॉकअप में पहुंचने के बाद रात 2 बजे उसने सीने में दर्द की शिकायत सुरक्षा में तैनात गार्ड से की। तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की सूचना दी और उसे मेडिकल चेकअप के लिए हमीदिया अस्पताल ले जाया गया। दो घंटे के उपचार के बाद उसने बेहतर महसूस किया, तब डॉक्टरों ने आपसी चर्चा के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी।
सूत्रों ने बताया कि शरद पूछताछ शुरू होते ही सीने में दर्द और घबराहट की शिकायत करता। हालांकि एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में शरद के माथे से अचानक तेज पसीना आने लगा था। तभी उसने घबराहट की शिकायत की। जिसके बाद उससे सही से पूछताछ नहीं की जा सकी।

फाइल: सौरभ शर्मा की पत्नी दिव्या ईडी दफ्तर से बयान देकर निकलीं थी।
सौरभ के रिश्तेदारों से होगी पूछताछ लोकायुक्त की रडार पर सौरभ के 18 रिश्तेदार हैं। उसकी रिमांड खत्म होते ही उसकी मां, पत्नी, बहन, जीजा और जबलपुर में रहने वाले साले रोहित तिवारी से पूछताछ की जाएगी। इन सभी के नाम से सौरभ द्वारा संपत्तियों की खरीद फरोख्त की गई है। सौरभ के निमार्णाधीन जयपुरिया स्कूल से इन सभी रिश्तेदारों सहित चेतन और शरद के नाम के संपत्ति दस्तावेज मिले थे। इन आरोपियों से पूछताछ कर लोकायुक्त यह भी पता लगाएगी कि और कितने लोगों के नाम सौरभ ने संपत्ति बनाई है। इन संपत्तियों का करंट स्टेटस क्या है।
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करोड़पति कॉन्स्टेबल बोला– 52 किलो सोना, 11 करोड़ मेरे नहीं

परिवहन विभाग के करोड़पति कॉन्स्टेबल रहे सौरभ शर्मा को छापेमारी के 41 दिन बाद जब स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया तो सौरभ ने कहा कि न तो 52 किलो सोना उसका है, न ही उस गाड़ी में मिले 11 करोड़ रुपए। बाकी की जो प्रॉपर्टी और नकदी मिली है, उसका वो पूरा हिसाब देने को तैयार है। पूरी खबर पढ़ें
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