No-confidence motion in Damoh Municipality: 20 councilors of the municipality gave affidavits to the collector, process is being started as per rules. | दमोह नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव: 20 पार्षदों ने सौंपा शपथ पत्र, कलेक्टर बोले- नियम अनुसार प्रक्रिया शुरू करेंगे – Damoh News

दमोह में कांग्रेस शासित नगर पालिका अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए 20 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव की घोषणा कर दी। कलेक्टर को अपने शपथ पत्र भी सौंपे हैं। कलेक्टर सुधीर कोचर ने सभी पार्षदों से शपथ पत्र लेने के बाद नियम अनुसार प्रक्रिया शुरू करने की बात
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दमोह नगर पालिका क्षेत्र में 39 पार्षद हैं जिसमें से 20 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में हैं। बीते पालिका चुनाव में भाजपा के 14, कांग्रेस के 17, अघोषित पार्टी टीएसएम के 5, बसपा का एक और दो निर्दलीय पार्षद शामिल थे, इसमें से टीएसएम के पांच पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता ले ली थी और एक निर्दलीय पार्षद हिना परिचे ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली थी। वहीं बसपा के पार्षद ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था।
अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष प्रत्याशी को 24 और भाजपा अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विक्रांत गुप्ता को 15 पार्षदों के मत मिले थे। इस कारण से नगरपालिका में कांग्रेस का अध्यक्ष बना था। वहीं उपाध्यक्ष पद के कांग्रेस प्रत्याशी सुषमा विक्रम सिंह को 20 और भाजपा से उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी मनीष शर्मा को 19 वोट मिले थे। इसलिए उपाध्यक्ष भी कांग्रेस पार्टी से बनी थी।
वर्तमान में अविश्वास प्रस्ताव के लिए यह हैं नियम
दमोह नगर पालिका में 39 पार्षद हैं। ऐसे में अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी। दो तिहाई बहुमत की गणना इस तरह होगी।
- दो तिहाई बहुमत = कुल पार्षदों की संख्या x 2/3
- दो तिहाई बहुमत = 39 x 2/3
- दो तिहाई बहुमत = 39 x 0.67
- दो तिहाई बहुमत = 26.13
वोटों को भागों में नहीं विभाजित कर सकते, इसलिए अगली पूरी संख्या में राउंड अप करना होगा। इसलिए, अविश्वास प्रस्ताव के लिए कम से कम 27 पार्षदों के वोट की आवश्यकता होगी।
इस तरह होगा नए अध्यक्ष का चुनाव
- अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद, नया अध्यक्ष चुनने के लिए, साधारण बहुमत की आवश्यकता होती है, न कि दो तिहाई बहुमत।
- साधारण बहुमत का मतलब है कि उपस्थित और मतदान करने वाले पार्षदों के अधिकांश वोट। यदि 39 पार्षद हैं, तो साधारण बहुमत।
- साधारण बहुमत = 20.5 होगा। क्योंकि वोटों को भागों में नहीं विभाजित कर सकते हैं, इसलिए अगली पूरी संख्या में राउंड अप करना होगा। इसलिए, नया अध्यक्ष चुनने के लिए कम से कम 21 पार्षदों के वोट की आवश्यकता होगी।
अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में इतने पार्षद
- विजय जैन।
- मनीष शर्मा।
- नितिन चौरसिया।
- विक्रांत गुप्ता।
- हिना पारोचे।
- कविता राय।
- गणेश जाटव।
- कपिल सोनी।
- विक्की सेन।
- अमित त्यागी।
- रघु श्रीवास्तव।
- कीर्ति चंदेल।
- गोपाल ठाकुर।
- सुनैना धीरज घारू।
- संगीता सतीश जैन।
- बालकिशन यादव।
- सुहानी टोनी राय।
- नमिता राजपूत।
- शरद कुमारी यशपाल ठाकुर।
- संजय चेतराम पटेल।
क्यों ला रहे अविश्वास प्रस्ताव
पार्षद कविता राय ने कहा कि नगर पालिका में कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। बीते 2 साल में शहर काफी पीछे चला गया है। दमोह विधायक के द्वारा शहर को सुंदर बनाने के लिए कोई विकास कार्य नहीं हुआ। जब से नगर पालिका में कांग्रेस शासित अध्यक्ष आए हैं विकास कार्य के नाम पर कुछ नहीं हो रहा इसलिए वार्ड की जनता परेशान है और उन्हें मजबूर होना पड़ रहा।
पार्षद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर ने कहा, दमोह जैसे विकसित शहर में बारिश के दौरान एसडीआरएफ की टीम को लोगों को रेस्क्यू करने के लिए नाव चलानी पड़ी, जबकि नगर पालिका क्षेत्र में यह सामान्य विकास कार्य होने चाहिए थे, लेकिन कोई काम नहीं हो रहा। जनता उनसे सवाल करती है इसीलिए उन्हें अविश्वास प्रस्ताव के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।पार्षद विक्रांत गुप्ता ने कहा कि यदि इतिहास में कभी नगर पालिका में भ्रष्टाचार की बात की जाएगी तो इस नगर पालिका के कार्यकाल को याद किया जाएगा। इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है, विकास कार्य नहीं हो रहे, इसलिए सभी पार्षद ने तय किया है कि अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए और नए अध्यक्ष का चुनाव हो, ताकि शहर का विकास हो सके।
पार्षद बोले- हमारी सुनवाई नहीं होती
पार्षद मनीष शर्मा ने कहा कि हम वार्ड के जनप्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित हुए हैं। वार्ड की जनता उनसे यह उम्मीद रखती है कि हम अपने वार्ड का विकास करें लेकिन 2 सालों में एक भी विकास कार्य नहीं हुआ है। वार्ड की नालियां भी हमें अपने पैसे खर्च करके कर्मचारियों से साफ करनी पड़ती है।
नगर पालिका में पार्षद कोई भी बात करते हैं तो उनकी सुनवाई नहीं होती। मनीष शर्मा ने कहा कि दमोह विधायक जयंत मलैया हमेशा ही विकास कार्य करते रहे हैं और जनता को यह उम्मीद थी इस बार भले ही कांग्रेस शासित नगर पालिका है लेकिन विकास होते रहेंगे, लेकिन ये अध्यक्ष विकास नहीं कर रहे। जनता हमारे विधायक के पास अपनी समस्या लेकर पहुंचती है ऐसे में हम पार्षदों का दायित्व की हम अविश्वास प्रस्ताव लाकर अध्यक्ष बदले, ताकि हमारे नेता का सम्मान बना रहे और हमारे क्षेत्र का विकास होता रहे।
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