“_id”:”6729144929fd5ce3a50904d7″,”slug”:”mp-news-six-special-teams-formed-for-continuous-monitoring-of-elephants-announcement-will-be-made-in-the-vil-2024-11-05″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”MP News: हाथियों की सतत निगरानी को छह विशेष दल गठित, जहां से गुजरेंगे गजराज उन गांवों में मुनादी होगी”,”category”:”title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Tue, 05 Nov 2024 12:07 AM IST
अपर मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव कृष्णमूर्ति ने बताया कि मानव-हाथी द्वंद्व एवं वन्य-प्राणी प्रबंधन के लिए हाथियों के मूवमेंट क्षेत्रों से लगे गांवों में मुनादी कराई जा रही है। साथ ही प्रबंधन को मजबूत करने के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मुख्य वन संरक्षक शहडोल द्वारा 35 स्टॉफ की ड्यूटी लगाई गई है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व। – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 72 घंटे में 10 हाथियों की मौत और तीन लोगों पर उनके हमले को लेकर सतत निगरानी की जा रही है। इसके लिए छह विशेष दल गठित किए गए हैं। वहीं, हाथियों के मूवमेंट वाले क्षेत्र के गांव में मुनादी की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सभी पहलुओं के मद्देनजर सतत आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसको लेकर अपर मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि टाइगर रिजर्व में छह विशेष दल बनाकर स्वस्थ हाथियों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। खितौली रेंज के बगदरा बीट में रेस्क्यू किए गए हाथी की वन्य-प्राणी चिकित्सकों द्वारा लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है।
अपर मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव कृष्णमूर्ति ने बताया कि मानव-हाथी द्वंद्व एवं वन्य-प्राणी प्रबंधन के लिए हाथियों के मूवमेंट क्षेत्रों से लगे गांवों में मुनादी कराई जा रही है। साथ ही प्रबंधन को मजबूत करने के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मुख्य वन संरक्षक शहडोल द्वारा 35 स्टॉफ की ड्यूटी लगाई गई है।
अपर मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव कृष्णमूर्ति ने बताया कि सोमवार तक सभी मृत हाथियों के विसरा एवं पानी के नमूने आईबीआरआई जबलपुर, एसडब्ल्यू एफएच जबलपुर और फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला सागर भेजे जा चुके हैं। मिट्टी और हाथियों द्वारा खाई गई फसल के नमूने भी लिए गए हैं, जो विश्लेषण के लिए जेएनकेवीवी जबलपुर भेजे गए हैं। विस्तृत लैब परीक्षण रिपोर्ट आने के बाद ही हाथियों की मृत्यु के कारणों का पता लग सकेगा। शासन के निर्णय अनुसार एसआईटी और एसटीएसएफ की टीमें हाथियों की मृत्यु के मामले के सभी संभावित पहलुओं पर लगातार जांच कर रहे हैं।