अजब गजब

1, 2 नहीं 17 बिजनेस हुआ फेल, फिर 18वें से चमक गई किस्मत, अब हो रही तगड़ी कमाई, लोग कर रहे हैं तारीफ

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Agency:News18 Uttar Pradesh

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Ghazipur News: गाजीपुर के महुआ बाग में रहने वाले अजय गुप्ता की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. 30 साल की उम्र में उन्होंने 17 अलग-अलग बिजनेस किए, लेकिन कोई भी नहीं चली, लेकिन 18 वां बिजनेस हेलमेट बेचने का शुरू …और पढ़ें

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हार
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हार नहीं मानी, 17 बार गिरा, 18वीं बार उठा और अब हेलमेट से जिंदगी बचा रहा!”

हाइलाइट्स

  • अजय गुप्ता ने 17 बिजनेस में असफलता के बाद हेलमेट बेचने का काम शुरू किया.
  • अजय का हेलमेट बिजनेस पिछले 6 सालों से जबरदस्त चल रहा है.
  • हेलमेट बेचकर अजय लोगों की जान बचा रहे हैं.

गाजीपुर: यूपी के गाजीपुर में महुआ बाग में रहने वाले अजय गुप्ता की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. 30 साल की उम्र में उन्होंने 17 अलग-अलग बिजनेस किए, लेकिन कोई भी नहीं चला. कभी बैट-बॉल की दुकान खोली, कभी टेंपो चलवाया, कभी जूते-चप्पल बेचे, तो कभी किराना स्टोर चलाने की कोशिश की, लेकिन हर बार नाकामयाबी हाथ लगी. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी.

डिप्रेशन से मिली नई राह

इतनी असफलताओं के बाद अजय के अंदर नेगेटिविटी नहीं आई. कोरोना के दौरान उनका बिजनेस पूरी तरह ठप हो गया और उन्हें बड़ा आर्थिक झटका लगा. लोग उधारी का पैसा मांग रहे थे, जिससे तनाव और बढ़ गया. वह डिप्रेशन में चले गए और सोचा कि सबकुछ छोड़ दें ,लेकिन तभी उन्होंने खुद को समझाया. अगर यह नहीं तो कुछ और किया जाए. फिर उन्होंने 18वां बिजनेस हेलमेट बेचने का काम शुरू किया.

 हेलमेट बिजनेस से बदली किस्मत

पिछले 6 सालों से अजय का हेलमेट बिजनेस जबरदस्त चल रहा है. अब वह रोज 25 से 50 हेलमेट होलसेल में भेजते हैं. उनका कहना है कि उनके हेलमेट की क्वालिटी बहुत अच्छी है. जहां स्पोर्टी हेलमेट, कलरफुल हेलमेट, ब्लैक शीशे वाले हेलमेट समेत उनके यहां सबकुछ मिल जाता है. रोड किनारे लगने वाली उनकी दुकान पर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है.

हेलमेट बेचकर बचा रहे लोगों की जान

अजय मानते हैं कि यह सिर्फ एक बिजनेस नहीं, बल्कि समाज सेवा भी है. कई लोगों ने उन्हें आकर धन्यवाद दिया कि उनके बेचे गए हेलमेट ने एक्सीडेंट में उनकी जान बचाई. यही बात उनके दिल को छू गई और उन्होंने फैसला किया कि वे लाइफ-सेविंग हेलमेट ही बेचेंगे. आज उनका बिजनेस एक संजीवनी बूटी बन चुका है, जो लोगों की जिंदगियां बचा रहा है.

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1, 2 नहीं 17 बिजनेस हुआ फेल, 18वें से चमकी किस्मत, अब हो रही तगड़ी कमाई

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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