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इंदौर में शाम के समय सड़कों पर जमा धुआं।
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
विस्तार
इंदौर में एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार खराब होता जा रहा है। पिछले कुछ साल में इंदौर में जिस तेजी से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ा है उसने सभी को चिंता में डाल दिया है। मेट्रो जैसे अधूरे प्रोजेक्ट्स, गाड़ियों की बढ़ती संख्या और कम होती हरियाली शहर को प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर ले जा रही है।
500 के खतरनाक स्तर तक पहुंचा एक्यूआई
इंदौर में एक्यूआई लगातार 250 तक बना रहता है। 1 नवंबर को तो इसने 500 का आंकड़ा छू लिया जो बेहद खतरनाक स्तर होता है। हालांकि इसमें दीपावली को होने वाला प्रदूषण शामिल है लेकिन सामान्य दिनों में भी इंदौर का एक्यूआई 250 से 300 तक रहता है।
हरियाली को बचाना जरूरी
पर्यावरणविद् ओपी जोशी कहते हैं कि हरियाली को बचाना ही प्राथमिकता होना चाहिए। जिस तरह से हम विकास के नाम पर अंधाधुंध पेड़ों की कटाई कर रहे हैं वह शहर को मुश्किल में डाल रही है। अब समय नहीं बचा है कि हम कुछ सोच भी सकें। हम खतरे के निशान पर खड़े हैं। धुआं, वायुमंडल में जहरीली गैसें और धूल के कण बढ़ते जा रहे हैं और लोगों को सांस लेने में भी मुश्किल होने लगी है। हमें सोचना होगा कि हम किस तरह का इंदौर तैयार कर रहे हैं।
हरियाली के लिए लक्ष्य तय करें
शिक्षाविद् एसएल गर्ग कहते हैं कि हरियाली के लिए लक्ष्य तय करना होंगे। सिर्फ कागज पर बात करने से कुछ नहीं होगा। बड़ी संख्या में पौधरोपण करना होगा और लगातार उसकी मानिटरिंग करना होगी। पौधों को देखभाल की आवश्यकता होती है और हर प्रोजेक्ट को गंभीरता से लेना होगा। शहर को पांच से छह नए सिटी फारेस्ट चाहिए जहां हजारों पेड़ हों।
सभी को मिलकर प्रयास करना होंगे
अभ्यास मंडल के शिवाजी मोहिते ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को संस्थाओं और जनता की भागीदारी बढ़ाना चाहिए। प्रकृति के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। जिस तरह से इंदौर में प्रदूषण बढ़ रहा है आने वाला समय मुश्किल हो जाएगा। सभी को मिलकर प्रयास करना होंगे।
पेड़ों की कटाई रोकना प्राथमिकता हो
पर्यावरण प्रेमी मंच के अजय लागू ने कहा कि पेड़ों की कटाई रोकना हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। हम कितने भी पौधे लगा लें लेकिन यदि हम प्राचीन पेड़ों को काटते रहेंगे तो उसकी भरपाई नहीं हो सकती। पहले पेड़ों की कटाई रोकें फिर पौधरोपण अधिक से अधिक करें तभी पर्यावरण बेहतर करने में मदद मिलेगी।
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