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यूक्रेन में रूस की जंग को उत्तर कोरिया ने बताया ‘सेक्रेड वॉर’, सोवियत युग की ‘दोस्ती’ से क्यों बिफर गया अमेरिका?

मॉस्को: उत्तर कोरिया ने कहा कि वह रूस के साथ उस वक्त तक खड़ा रहेगा, जब तक कि उसे यूक्रेन के खिलाफ जीत हासिल नहीं हो जाती. मॉस्को पहुंचे प्योंगयांग के विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि अमेरिका ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में हजारों उत्तर कोरियाई सैनिक यूक्रेन के साथ जंग में भेजे जा सकते हैं.

उत्तर कोरिया की विदेश मंत्री चोए सोन हुई की मॉस्को यात्रा और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ उनकी मुलाकात पेंटागन के इस बयान के बाद हुई है कि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए करीब 10,000 सैनिक रूस में तैनात किए हैं. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि कुछ उत्तर कोरियाई सैनिक रूस के कुर्स्क सीमा क्षेत्र में पहुंच चुके हैं. दूसरी तरफ, अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने प्योंगयांग से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का आग्रह किया है.

चोए सोन हुई ने मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत के बाद कहा, “हम हमेशा अपने रूसी साथियों के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे जब तक कि वह जीत नहीं जाते.” उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया को राष्ट्रपति को व्लादिमीर पुतिन के “नेतृत्व” पर कोई संदेह नहीं है, जिन्होंने इस गर्मी में प्योंगयांग के साथ एक पारस्परिक सहायता समझौते पर हस्ताक्षर किए और इस किम के साथ रिश्तों को आगे बढ़ाने का काम किया.

चोए ने यूक्रेन में मॉस्को के आक्रमण की तारीफ करते हुए इसे “सेक्रेड वॉर” कहा. उन्होंने यह भी वादा किया कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु भंडार का विकास जारी रखेगा. दरअसल, प्योंगयांग पर संदेह है कि वह सैन्य समर्थन के बदले रूस से परमाणु तकनीक चाहता है. न तो रूस और उत्तर कोरिया ने सैनिकों की तैनाती की रिपोर्टों का खंडन किया है, और ना ही चोए और लावरोव ने अपनी बातचीत के बाद अपने बयानों में कोरियाई सैनिकों की तैनाती का जिक्र किया.

हालांकि, लावरोव ने दोनों देशों की “सेनाओं और विशेष सेवाओं” के बीच “बहुत करीबी संबंधों” की प्रशंसा की. उन्होंने मुलाकात का ब्योरा दिए बिना कहा, “यह हमारे नागरिकों और आपके लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा कार्यों को हल करने में मदद करेगा.” लावरोव ने कहा कि रूस यूक्रेन पर उत्तर कोरिया के “रुख” के लिए “गहराई से आभारी” है. उत्तर कोरिया और ईरान यूक्रेन में रूस के मुख्य समर्थक बनकर उभरे हैं, और माना जा रहा है कि दोनों ही मॉस्को को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहे हैं. लावरोव ने सोवियत शैली की भाषा का उपयोग करते हुए कहा, “मैं आज के इस अवसर की बहुत सराहना करता हूं, जहां हम दोस्ताना तरीके से खुलकर बात कर सकते हैं.”

Tags: North Korea, Russia ukraine war, South korea, Special Project, Vladimir Putin


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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