सचिन-गांगुली के साथ खेले इस क्रिकेटर ने चुनी बिजनेस की राह, खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी

हाइलाइट्स
जतिन परांजपे एड़ी की चोट के कारण क्रिकेट नहीं खेल पाए.
उन्होंने 2017 में खेलोमोर की स्थापना की थी.
इससे पहले भी वह एक स्पोर्ट्स कंपनी शुरू कर चुके थे.
नई दिल्ली. 90 के दशक में जो लोग क्रिकेट देखते हुए बड़े हुए उन्हें जतिन परांजपे जरूर याद होंगे. उनका करियर बहुत छोटा रहा था लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ कनाडा में खेली 23 रनों की एक पारी ने उन्हें खूब प्रसिद्धी दिलाई थी. हालांकि, एड़ी की चोट के कारण उनका करियर केवल 4 मैच तक ही सिमट कर रह गया. कभी सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे महान खिलाड़ियों के साथ डगआउट शेयर करने वाला यह पूर्व भारतीय क्रिकेटर आज एक सफल बिजनेसमैन है.
एड़ी की चोट के कारण कभी फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल सके परांजपे ने बिजनेस स्पोर्ट्सवन इंडिया के साथ अपने उद्यमी करियर की शुरुआत की. बड़ा मोड़ तब आया जब नाइकी ने उन्हें अपने साथ जोड़ा और यूरोप भेज दिया. व्यापार सीखने के बाद, परांजपे ने 2017 में अपने करोड़ों रुपये के व्यवसाय खेलोमोर की स्थापना की. इस पूर्व क्रिकेटर के मुंबई स्थित स्टार्टअप में ड्रीम 11 और अश्विन दमेरा जैसे निवेशक हैं.
क्या करती है खेलोमोर
खेलोमोर एक स्पोर्ट्स कोच और अकेडमी को ऑनलाइन बुक करने की सुविधा देती है. खेलोमोर दावा करता है कि यह अपनी तरह का दुनिया में अनोखा ऐप है. अकेडमी और कोच बुक करने के अलावा खेलोमोर टूर्नामेंट के आयोजन की भी सुविधा देता है. यह प्लेटफॉर्म किसी भी टूर्नामेंट की तैयारी के लिए सारी सुविधाएं मुहैया कराते हैं. इसके यूजर बच्चे, युवा, स्कूल, कॉलेज या दफ्तर समेत हर वर्ग के लोग हैं. यह प्लेटफॉर्म 10 खेलों के लिए कोच, अकेडमी व इवेंट ऑर्गनाइज करने की सविधा मुहैया कराता है. यह कंपनी भारत के लगभग सभी बड़े शहरों में काम कर रही है.
सोनाली बेंद्रे से संबंध
परांजपे की शादी गंधाली से हुई है. गंधाली बॉलीवुड स्टार सोनाली बेंद्रे की बहन हैं. यानी परांजपे सोनाली बेंद्रे के जीजा हैं. गंधाली अपने पति परांजपे के बिजनेस में भी सहयोग करती हैं. वह स्पोर्ट्स कोच और अकादमी एग्रीगेटर के रूप में काम करती हैं.
पराजंपे का क्रिकेट करियर
1972 में जन्मे परांजपे महान बल्लेबाज तेंदुलकर के समान सर्किट में खेलते हुए बड़े हुए। वास्तव में, उन्होंने सचिन को पछाड़कर 1986-87 के लिए बॉम्बे क्रिकेट एसोसिएशन का जूनियर क्रिकेटर ऑफ द ईयर का पुरस्कार भी जीता. जतिन का रणजी ट्रॉफी करियर 1991-92 सीज़न में शुरू हुआ. उन्होंने 1998 में भारत के लिए पदार्पण किया। मैदान पर, उन्हें टोरंटो, कनाडा में सहारा कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच विजेता 23 रन की नाबाद पारी के लिए याद किया जाता है. क्रिकेटर होने के अलावा जतिन बीसीसीआई चयनकर्ता भी रह चुके हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 28, 2023, 10:09 IST
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