Success Story:18 घंटे की ड्यूटी, फिर पढ़ाई… 8 पुलिस कॉन्सटेबल ने क्लियर किया शिक्षक एग्जाम

तेलंगाना: निजामाबाद के आठ पुलिस कांस्टेबल्स ने अपनी जिंदगी के असल ख्वाब को हकीकत में बदला है. उनका असली सपना शिक्षण का पेशा था. वह भविष्य की पीढ़ियों को संवारने का सपना रखते थे और इसीलिए शिक्षक बनना चाहते थे. परंतु परिस्थितियों के चलते उन्हें पहले पुलिस की नौकरी ज्वाइन करनी पड़ी. इसके बावजूद उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और अब शिक्षक की नौकरी हासिल कर सभी के लिए प्रेरणा बन रहे हैं.
शिक्षण में विभिन्न पदों पर चयनित
इन सभी को अब एसजीटी (सहायक शिक्षक), पीईटी (शारीरिक शिक्षा शिक्षक) और स्कूल असिस्टेंट के पदों पर चयनित किया गया है. इस अवसर पर उन्होंने निजामाबाद पुलिस कमिश्नर कलमेश्वर सिंघेनवार (आईपीएस) से मुलाकात कर पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया.
कमिश्नर की शुभकामनाएं
कमिश्नर ने कहा, “24 घंटे पुलिस की सेवाएं देने के साथ ही दूसरे क्षेत्र में चयन होना बहुत ही खुशी की बात है. आपको शिक्षा क्षेत्र में भी अच्छी पहचान बनानी चाहिए और बच्चों को भी अच्छे भविष्य का मार्ग दिखाना चाहिए.”
चयनित शिक्षकों के नाम और पद
- डी. महेश – स्कूल असिस्टेंट (गणित)
- के. नागेंद्रबाबू – एसजीटी
- एम. लिकिता – एसजीटी
- के. नागराजू – एसजीटी
- डी. संध्या – एसजीटी
- एम. विनोद कुमार – एसजीटी
- के. नवीन – पीईटी
- पी. हरीश – पीईटी
- वास्तविक सपना – शिक्षण क्षेत्र
इन सभी का असली प्यार शिक्षण क्षेत्र के लिए था. लेकिन डीएससी भर्तियों की अनुपलब्धता के कारण उन्हें पुलिस विभाग में शामिल होना पड़ा. उन्होंने बिना छुट्टी के 18 घंटे की पुलिस ड्यूटी करते हुए अपनी सेवाएं दीं. अब वे अपने मनपसंद पेशे में मेहनत कर छात्रों को संवारने की बात कहते हैं.
शिक्षक बनने का सपना रहा बरकरार
पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते पुलिस की नौकरी करने के बावजूद इनका असली सपना शिक्षण पेशा था. इन्होंने अपने पुलिस कर्तव्यों को पूरी लगन से निभाते हुए अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत से पढ़ाई की. अब डीएससी में उत्तीर्ण होकर उन्होंने अपने सपने को साकार किया है. उनके उत्साह की कोई सीमा नहीं है, क्योंकि अब भावी पीढ़ी को संवारने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है.
Tags: Local18, Special Project, Success Story
FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 13:21 IST
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