अजब गजब

B.Sc करने के बाद नौकरी नहीं मिली तो गोलगप्पे बेचने लगे, अब कमा रहे लाखों, जानिए भूषण की सक्सेस स्टोरी

नाशिक: भूषण उगले की कहानी संघर्षों से उठी एक प्रेरणादायी यात्रा है. उच्च शिक्षा प्राप्त होने के बावजूद, किस्मत ने उनके साथ अनचाहा खेल खेला. 2018 में बीएसएफ परीक्षा में मात्र आधे अंक से असफल हुए भूषण ने फिर भी हार नहीं मानी. उन्होंने सीआरपीएफ की तैयारी की, लेकिन अंतिम चरण में बीमार होने के कारण चयनित होने के बावजूद परीक्षा नहीं दे सके.

आर्थिक स्थिति और शिक्षा का कठिन सफर
भूषण की पारिवारिक स्थिति कमजोर थी, इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई का खर्च खुद उठाया. बीएससी केमिस्ट्री में स्नातक करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. घर के लोग उन्हें नौकरी करने की सलाह देते थे, लेकिन 12 घंटे दूसरों के अधीन नौकरी करके भी उन्हें संतोषजनक वेतन नहीं मिल पाता था, और पढ़ाई में भी कमी आ जाती थी. आर्थिक जरूरतों के चलते कुछ अलग काम शुरू करने का विचार उनके मन में आया और इसी सोच से भूषण ने पाणीपुरी का व्यवसाय शुरू किया.

शिक्षा के बावजूद पाणीपुरी के व्यवसाय का चयन
शिक्षित होते हुए भी पाणीपुरी की गाड़ी शुरू करने का कारण था कि वे खुद का कुछ करना चाहते थे. उन्होंने बीएससी में सीखी केमिस्ट्री का ज्ञान उपयोग करके अल्कली पानी का प्रयोग कर हाइजेनिक पाणीपुरी का पानी तैयार करना शुरू किया. इससे उनकी पाणीपुरी गाड़ी को एक अलग पहचान मिली और ग्राहकों की भीड़ जमा होने लगी.

“बीएससी पाणीपुरीवाला” के नाम से हुई पहचान
नाशिक के मैराथन चौक में “बीएससी पाणीपुरीवाला” के नाम से प्रसिद्ध भूषण इस व्यवसाय से हर महीने 40 से 50 हजार रुपये कमा रहे हैं. शिक्षा का महत्व और मेहनत से कैसे सफलता पाई जा सकती है, इसका उत्कृष्ट उदाहरण भूषण उगले का यह सफर है.

Tags: Local18, Maharashtra News, Special Project, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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