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महाराष्ट्र चुनाव: महाविकास अघाड़ी और महायुति में इन सीटों पर फंसा पेंच, अधिकतर सीटे मुंबई की

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महाराष्ट्र चुनाव: दोनों गठबंधन में फंसा सीट शेयरिंग

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है वैसे वैसे सियासत तेज होती जा रही है। प्रदेश में चुनाव को लेकर दोनों गठबंधनों सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी दल महाविकास अघाड़ी सीटों का फैसला करने में लगे हुए हैं। दोनों गठबंधन के दलोें ने ज्यादातर सीटों पर कौन चुनाव लड़ेगा ये फाइनल कर लिया है लेकिन कुछ सीटों पर अबतक पेंच फंसा हुआ है। महा विकास आघाडी की बात करें तो इस गठबंधन में शिवडी, भायखला का पेंच सुलझा दोनों सीट उद्धव शिवसेना लड़ रही है लेकिन  घाटकोपर पश्चिम, वर्सोवा और दहिसर बोरिवली पर फिलहाल गतिरोध जारी है।

मुंबई की सीटों पर एमवीए में फंसा पेंच

ठाकरे की शिवसेना मुंबई की 36 सीटों में से 20 से 21 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। अब तक ठाकरे की शिवसेना ने मुंबई में 16 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं, लेकिन घाटकोपर पश्चिम, वर्सोवा, दहिसर सीटों पर उम्मीदवारों कौन होगा इसे लेकर अभी भी पेंच क़ायम है। चूंकि अधिक इच्छुक उम्मीदवार हैं, इसलिए बग़ावत से बचने के लिए निर्वाचन क्षेत्र के लिए उम्मीदवारों की घोषणा आज या कल की जाएगी।बोरीवली विधानसभा सीट के लिए जहां ठाकरे की शिवसेना दावेदारी कर रही है, वहीं कांग्रेस भी सीट पर दावा कर रही है।

 

महायुति में भी मुंबई की सीटो को लेकर पेंच फ़सा 

एक तरफ जहां महाविकास अघाड़ी में मुंबई की सीटों पर पेंच फंसा है तो वहीं महायुति में भी मुंबई की सीटों को लेकर ही परेशानी हो रही है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना वर्सोवा, अंधेरी पूर्व, शिवडी, वर्ली, कलिना और चेंबूर सीटें भी चाहती है तो वहीं शिंदे की शिवसेना उन सीटों पर उम्मीदवार आयात कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है जहां पर शिवसेना का मजबूत उम्मीदवार नहीं है। दूसरी ओर बीजेपी शिवड़ी, वर्सोवा और चेंबूर सीटें चाहती है।

मुंबई की डिंडोशी सीट संजय निरुपम शिंदे सेना से चाहते हैं पर बीजेपी भी अपनी पार्टी के उत्तर भारतीय उम्मीदवार को यह सीट देना चाहती है। इसके अलावा आस्ठी सीट बीजेपी और एनसीपी अजीत में फंसी है और मोर्शी सीट भी बीजेपी और अजीत एनसीपी में फंसी है। इसलिए यह देखना अहम होगा कि क्या आज भी दोनों पार्टियों की दावेदारी वाली सीटों का पेंच सुलझा पाएगा।




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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