NEET Result: यूट्यूब से की तैयारी, गांव की बेटी ने NEET में पाई सफलता, अब बनेगी डॉक्टर

अहमदपुर खेगांव की कोमल पटेल ने एक ऐसा उदाहरण पेश किया है, जो साबित करता है कि शिक्षा का स्तर केवल स्कूल की इमारतों या फीस पर निर्भर नहीं करता. सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने वाली कोमल ने अपनी मेहनत, संकल्प और तकनीकी साधनों का सही उपयोग करके NEET परीक्षा में सफलता हासिल की है. यूट्यूब से ऑनलाइन पढ़ाई करते हुए कोमल ने ना केवल अपने सपने को साकार किया, बल्कि गांव का नाम भी रोशन किया है. अब वह डॉक्टर बनने की राह पर है, और उसकी इस उपलब्धि से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए एक नई प्रेरणा मिली है.
सरकारी स्कूल से शुरुआत, यूट्यूब बना सहारा
कोमल पटेल का गांव अहमदपुर खेगांव, जो खंडवा के पास स्थित है, यहां की सरकारी स्कूल में पढ़ाई करते हुए उसने NEET की तैयारी की. सरकारी स्कूलों को आमतौर पर कमजोर शिक्षा स्तर वाला माना जाता है, लेकिन कोमल ने साबित किया कि सही मार्गदर्शन और तकनीकी साधनों का उपयोग कर सरकारी स्कूल के बच्चे भी ऊंचाई छू सकते हैं.
सरकारी स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ कोमल ने यूट्यूब को अपना साथी बनाया. उसने यूट्यूब पर विभिन्न शैक्षिक चैनल्स से पढ़ाई की और वहां से मिले नोट्स के सहारे NEET की तैयारी की. उसने बताया कि यूट्यूब पर उपलब्ध शैक्षिक सामग्री ने उसकी तैयारी को मजबूत किया. इंटरनेट और यूट्यूब के जरिए वह घर बैठे भी बेहतरीन शिक्षकों की समझाई हुई बातें समझ सकी, जिसने उसे कठिन विषयों में भी मदद की.
संयुक्त परिवार और सरकारी स्कूलों का समर्थन
कोमल के पिताजी, अनोखीलाल पटेल, जो एक किसान हैं, का कहना है कि उनका संयुक्त परिवार है. परिवार के सभी बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं और सभी ने अपने-अपने सपने निर्धारित किए हुए हैं. उनकी एक बेटी इंजीनियर बनना चाहती है, तो दूसरी पायलट बनने का सपना देख रही है. कोमल के डॉक्टर बनने का सपना अब साकार होने जा रहा है, जो यह साबित करता है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी ऊंचाइयों को छू सकते हैं.
कोमल की सफलता ने उसके परिवार, गांव और स्कूल को गर्वित किया है. सरपंच प्रतिनिधि मनोज पटेल और डॉक्टर राधेश्याम पटेल ने भी कोमल की तारीफ करते हुए कहा कि इंटरनेट और यूट्यूब जैसे तकनीकी साधनों का सही उपयोग करके उसने NEET जैसी कठिन परीक्षा को पास किया. उनकी इस सफलता ने गांव के अन्य बच्चों के लिए एक उदाहरण पेश किया है कि मेहनत, समर्पण और तकनीकी शिक्षा का सही उपयोग किया जाए, तो कुछ भी असंभव नहीं है.
सरकारी स्कूल की शिक्षा के प्रति जागरूकता
कोमल की सफलता ने यह भी साबित किया है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के प्रति जागरूकता होनी चाहिए. प्राइवेट स्कूलों की उच्च फीस के कारण कई किसान अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में असमर्थ हो जाते हैं. ऐसे में सरकारी स्कूल, जहां फीस नाममात्र की होती है, एक बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं, बशर्ते छात्रों को जागरूक और प्रेरित किया जाए.
कोमल की सफलता ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए प्रेरणा
कोमल की इस उपलब्धि से यह संदेश मिलता है कि शिक्षा का रास्ता साधनों पर निर्भर नहीं होता, बल्कि मेहनत और सही दिशा में किया गया प्रयास ही सफलता की कुंजी है. यूट्यूब जैसे मुफ्त ऑनलाइन संसाधनों का सही उपयोग करके ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे भी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
Tags: Education news, Khandwa news, Local18, Neet exam, Success Story
FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 12:03 IST
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